
समाहरणालय में जल-जीवन-हरियाली दिवस का आयोजन
वक्ताओं ने कहाः जल एवं हरियाली के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती
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पारिस्थितिकीय संतुलन एवं ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए हम सबको प्रतिबद्ध रहने की आवश्यकताः डीडीसी
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पटना, मंगलवार, दिनांक 07.11.2023ः
जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह के निदेश पर उप विकास आयुक्त, पटना श्री तनय सुल्तानिया की अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जल-जीवन-हरियाली दिवस का आयोजन किया गया। इसका आयोजन जिला जन-सम्पर्क कार्यालय, पटना द्वारा किया गया। इसमें ‘‘जल-जीवन-हरियाली अन्तर्गत जागरूकता का प्रसार’’ विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई। सिविल सर्जन, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता लघु जल संसाधन विभाग, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी शिक्षा, कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, मत्स्य विभाग के प्रतिनिधि एवं अन्य ने भाग लिया। वक्ताओं ने कहा कि जल एवं हरियाली के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
डीडीसी श्री तनय सुल्तानिया ने कहा कि बिहार की पारिस्थितिकीय चुनौतियों एवं पर्यावरण में परिवर्तन को देखते हुए सरकार द्वारा जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरूआत की गई। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण अभियान है।जल-जीवन-हरियाली अभियान की सफलता सुनिश्चित सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। जल है, हरियाली है तभी जीवन है। सभी हितधारकों (स्टेकहोल्डर्स) को इसके प्रति संवेदनशील तथा तत्पर रहना होगा।
कार्यक्रम में सिविल सर्जन, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता लघु जल संसाधन विभाग, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी शिक्षा, कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, मत्स्य विभाग के प्रतिनिधि एवं अन्य ने जल-जीवन-हरियाली अभियान पर विस्तार से प्रकाश डाला। इन अधिकारियों द्वारा अपने-अपने विभाग से जिलान्तर्गत किए गए कार्यों के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया।
डीडीसी श्री सुल्तानिया ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली मिशन में लक्ष्य के अनुरूप उपलब्धि प्राप्त करने के लिए हम सभी सतत प्रयत्नशील हैं। जल-जीवन-हरियाली अभियान अन्तर्गत 11 विभिन्न अवयव है। सभी 15 क्रियान्वयन विभागों के आपसी समन्वय से हरेक अवयव पर सफलतापूर्वक कार्य किया जा रहा है। सार्वजनिक जल संरचनाओं का जीर्णोंद्धार, कुओं, सोख्ता, रिचार्ज एवं अन्य जल संरचना का निर्माण, भवनों में छत वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण, सावर्जनिक जल संचयन संरचनाओं को चिन्ह्ति कर अतिक्रमणमुक्त करना, जैविक खेती एवं टपकन सिंचाई, सौर ऊर्जा उपयोग को प्रोत्साहन एवं ऊर्जा संरक्षण सहित विभिन्न बिन्दुओं पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान भी हमलोगों ने देखा है कि मिशन अन्तर्गत कार्य में अच्छी प्रगति है। जो भी कार्य किया जा रहा है उससे न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण हो रहा है बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण भी हो रहा है। बहुत सारे कार्य जीविका के माध्यम से कराया जा रहा है। उन्होंने देखा है कि तालाबों में ही मत्स्य पालन तथा बत्तख पालन भी किया जा रहा है। इससे उनकी आमदनी भी बढ़ रही है। इस प्रकार जल-जीवन-हरियाली मिशन पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ समाज सुधार अभियान, महिला सशक्तिकरण, लोगों में जागरूकता तथा आने वाली पीढ़ी की दीर्घजीविता के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन एवं उसके बढ़ते दुष्परिणामों को रोकने के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान के प्रति हम सबको प्रतिबद्ध रहना पड़ेगा।
पटना जिला में जल-जीवन-हरियाली अभियान अन्तर्गत अद्यतन प्रगति प्रतिवेदन
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अवयव 1. अतिक्रमण मुक्त कराए गए सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं की संख्या-733 (चिन्हित), 676 (मुक्त), 57 प्रक्रियाधीन कार्य।
अतिक्रमण मुक्त कराए गए सार्वजनिक कुँओं की संख्या-368 (चिन्हित), 368 (मुक्त), 0 प्रक्रियाधीन कार्य
अवयव 2. सार्वजनिक तालाबों/पोखरों का जीर्णोद्धार-कार्य प्रारंभ 385, कार्यपूर्ण 375, प्रक्रियाधीन 10
सार्वजनिक आहरों का जीर्णोद्धार- कार्य प्रारंभ 423, कार्यपूर्ण 421, प्रक्रियाधीन 2
सार्वजनिक पईनों का जीर्णोद्धार- कार्य प्रारंभ 2176, कार्यपूर्ण 2163, प्रक्रियाधीन 13
अवयव 3. सार्वजनिक कुँओं का जीर्णोद्धार- कार्य प्रारंभ 2122, कार्यपूर्ण 1630, प्रक्रियाधीन 492
अवयव 4. सार्वजनिक चापाकलों के किनारे सोख्ता निर्माण- कार्य प्रारंभ 2348, कार्यपूर्ण 2308, प्रक्रियाधीन 40
सार्वजनिक कुँओं के किनारे सोख्ता निर्माण- कार्य प्रारंभ 1076, कार्यपूर्ण 698, प्रक्रियाधीन 378
अवयव 5. चेक डैम एवं जल संचयन की अन्य संरचनाओं का निर्माण- कार्य प्रारंभ 107, कार्यपूर्ण 105, प्रक्रियाधीन 2
अवयव 6. नए जल स्त्रोतों का सृजन- कार्य प्रारंभ 800, कार्यपूर्ण 781, प्रक्रियाधीन 19
अवयव 7. छत-वर्षा जल संचयन कार्य सरकारी भवनों की संख्या- कार्य प्रारंभ 1532, कार्यपूर्ण 1510, प्रक्रियाधीन 22
अवयव 8. सघन वृक्षारोपण अन्तर्गत लगाए गए पौधों की संख्या (लाख में)-13.094
अवयव 9. जैविक कृषि से आच्छादित भूमि का क्षेत्रफल (एकड़ में)-9614.87
टपकन सिंचाई से आच्छादित भूमि का क्षेत्रफल (एकड़ में)-724.98
अवयव 10. सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित भवनों की संख्या-166 (सौर ऊर्जा युक्त भवन)
अवयव 11. जल-जीवन-हरियाली जागरूकता अभियानः लगातार चलाया जा रहा है।
डीडीसी श्री सुल्तानिया ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के प्रति जन-जन को जागरूक करने के लिए सभी संबंधित विभागों के जिलास्तरीय कार्यालयांे द्वारा गाँव-गाँव तक नियमित तौर पर उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति हम सबको दृढ़-संकल्पित होना पडेगा तभी आने वाली पीढ़ी के लिए उपयुक्त वातावरण सुनिश्चित हो सकेगा।
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