निःशुल्क टीकाकरण कार्यक्रम तथा एल०एच० एण्ड डी०सी०पी० के तहत अंतः कृमिनाशन कार्यक्रम एवं पी०पी०आर० रोग उन्मूलन हेतु निःशुल्क टीकाकरण कार्यक्रम अन्तर्गत ओरियेन्टेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया।
आज दिनांक 28.11.2023 को पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, बिहार, पटना के सभागार में डॉ० अनूप कुमार अनुपम, निदेशक, पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, बिहार की अध्यक्षता में पशु स्वास्थ्य रक्षा कार्यक्रम अन्तर्गत पशुओं के गलाघोंटू एवं लंगड़ी रोग के विरूद्ध निःशुल्क टीकाकरण कार्यक्रम तथा एल०एच० एण्ड डी०सी०पी० के तहत अंतः कृमिनाशन कार्यक्रम एवं पी०पी०आर० रोग उन्मूलन हेतु निःशुल्क टीकाकरण कार्यक्रम अन्तर्गत ओरियेन्टेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में राज्य के सभी जिलों के जिला पशुपालन पदाधिकारी तथा जिला नोडल पदाधिकारी उपस्थित हुए। कार्यक्रम में डॉ० अनूप कुमार अनुपम, निदेशक, पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, बिहार द्वारा अपने उद्बोधन में बताया गया कि राज्य के 10 जिलों यथा बेतिया, मोतिहारी, सीतामढ़ी, मधेपुरा, सीवान, शिवहर, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया एवं कटिहार में बकरी एवं भेड़ में पी०पी०आर० का निःशुल्क टीकाकरण दिनांक 01.12.2023 से दिनांक 20.12.2023 तक क्रियान्वित की जाएगी तथा शेष जिलों में गलाघोंटू एवं लंगड़ी रोग से बचाव हेतु निःशुल्क टीकाकरण दिनांक 01.12.2023 से दिनांक 15.12.2023 तक क्रियान्वित की जायेगी। इस अवसर पर बकरियों में पी०पी०आर० रोग से बचाव हेतु टीकाकरण अभियान के सफल संचालन हेतु नोडल पदाधिकारी, डॉ० प्रिया राज, कनीय सहायक शोध पदाधिकारी द्वारा कार्यक्रम की पूर्ण रूपरेखा एवं क्रियान्वयन से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गयी। उनके द्वारा बताया गया कि यह रोग संक्रामक रोग की श्रेणी के हैं तथा बकरियों एवं भेड़ों को प्रभावित करते हैं। टीकाकरण के दौरान ईयर टैगिंग की प्रक्रिया के उपरान्त ही टीकाकरण का कार्य किया जायेगा। डॉ० बिजय कुमार झा, कनीय सहायक शोध पदाधिकारी द्वारा गलाघोंटू एवं लंगड़ी रोग से बचाव हेतु टीकाकरण कार्यक्रम की पूर्ण रूपरेखा एवं सफल क्रियान्वयन हेतु विस्तृत जानकारी दी गई। डॉ० संतोष कुमार, कनीय सहायक शोध पदाधिकारी द्वारा अंतः कृमिनाशन कार्यक्रम की रूपरेखा एवं क्रियान्वयन से संबंधित जानकारी देते हुए बताया गया कि अंतः कृमिनाशन हेतु तीन वर्ष से अधिक उम्र तथा 300 किलोग्राम से उपर वजन के पशुओं को कृमिनाशक दवा उपलब्ध करायी जायेगी तथा गामिन एवं अस्वस्थ्य पशुओं को यह दवा नहीं दी जानी है। जिस जिले में गलाघोंटू एवं लंगड़ी रोग से बचाव हेतु टीकाकरण कार्य किया जाना है वहां के पशुओं को 21 से 30 दिनों के उपरान्त कृमिनाशन की दवा दी जानी है।
इस कार्यक्रम में पशुपालन निदेशालय के डॉ० अविनाश चन्द्र ज्ञानी, डॉ० पल्लवी सिन्हा, डॉ० मनीष कुमार एवं संस्थान के सभी वरीय एवं कनीय शोध पदाधिकारी की गरिमामयी उपस्थिति रही।
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