प्रकृतिका2023' महोत्सव में गौरैया संरक्षण पर लोगों से संवाद

प्रकृतिका2023' महोत्सव में गौरैया संरक्षण पर लोगों से संवाद


पटना:4-11-2023

 

पटना स्थित कमला नेहरू शिशु विहार में दूसरे अनिंदो बनर्जी जैविक बीज और खाद्य महोत्सव : प्रकृतिका 2023 का दो दिवसीय  शुभारंम शनिवार को  हुआ।जहाँ प्रकृति की रक्षा और जैविक विविधता को लेकर विभिन्न स्टॉल का प्रदर्शनी लगी,जिसने लोगों सहित बच्चों को अपनी ओर खिंचा।

'प्रकृतिका' महोत्सव के दौरान इन्वायरमेंटल वारियर्स और हमारी गौरैया पटना द्वारा निशांत रंजन के नेतृत्व में लगा गौरैया संरक्षण का स्टॉल लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना रहा, खासकर बच्चों ने गौरैया संरक्षण को लेकर तरह तरह के सवाल पूछे। गौरैया संरक्षण स्टॉल में गौरैया  के लिए कृत्रिम आवास यानी तरह तरह का घोंसला, गौरैया का आहार और संजय कुमार द्वारा खींची गई गौरैया की तस्वीरें प्रदर्शित की गई है। साथ ही गौरैया संरक्षण पर संजय कुमार की  पुस्तक ‘ओ री गौरैया’ और ‘अभी मैं ज़िंदा हूँ गौरैया’ भी रखी गई ।

मौके पर वर्षो से गौरैया संरक्षण में सक्रिय

इन्वायरमेंटल वारियर्स और हमारी गौरैया के संजय कुमार ने “गौरैया का संरक्षण क्यों” पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि गौरैया और इंसान के बीच 8 लाख साल पुराना सम्बन्ध हैं। आज इंसानों कि वजह से ही घर आँगन की गौरैया गायब यानि विलुप्त हो चली है। उन्होंने बताया कि गौरैया की संख्या में कमी के पीछे  कई कारण हैं जिन पर लगातार शोध हो रहे हैं। गौरैया की संख्या में कमी के पीछे  के कारणों में बढ़ता आवासीय संकट, आहार की कमी, खेतों में  कीटनाशक का व्यापक प्रयोग, जीवनशैली में बदलाव, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, शिकार, बीमारी आदि शामिल है,ऐसे में हमें कोशिश करनी होगी और गौरैया की घर वापसी करवानी होगी।उन्होंने घर आँगन, बालकोनी, छत और खुले में “रखे दाना-पानी, लगायें घोंसला व पेड़, दें थोड़ा सा प्यार के संदेश के साथ गौरैया संरक्षण के लिये बच्चों और लोगों से आगे आने का आह्वान किया।

इसके पूर्व प्रकृतिका 2023 के उद्घाटन के दौरान अनिंदों बनर्जी की माँ शेफाली बनर्जी, पूर्व वन संरक्षक  अजीत कुमार सिंह, कमला नेहरू शिशु विहार समिति के सचिव राकेश नाथ चौबे, तरूमित्र की देवयानी दत्ता और छात्र प्रतिनिधि ओमजी ने महोत्सव का उद्घाटन किया। अतिथियों ने अपने सम्बोधन में निरंतर इस अभियान को चलाये जाने पर बल दिया। कृषि वानिकी और जैविक कृषि के तौर तरीकों, एग्रो ईकालजी आदि पर काम करने की सलाह दी । महोत्सव के संयोजक इश्तेयाक़ अहमद ने बताया कि इस बार का प्रकृतिका ‘जलवायु संकट का सामना करने में जैविक/कुदरती/प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसानों, उनके नवाचारों एवं हस्तक्षेपों का जश्न’ है। 

प्राकृतिका में भाग लेने वाले प्रमुख अतिथियों में पटना की मेयर सीता साहू, उप मेयर रश्मि, कमला नेहरू शिशु विहार की प्रधानाध्यापिका डॉ सुनीता प्रसाद, नोटेडेम अकेडमी की प्रधानाध्यापिका सिस्टर त्रिजा, लोक पंच के अध्यक्ष राम कुमार सिंह, पूर्व विधान पार्षद प्रो वसी अहमद शामिल रही । 

वहीं भागलपुरी हस्तकरघा उत्पादक अंगम/कॉलिका, बेगुसराय के हस्तशिपकार त्रिवेणी, बिहार पर्यावरण संरक्षण अभियान, देसी मंत्रा, दर्वेशपुरा जैविक प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, रोहतास ऑर्गैनिक फार्मर्स, जीवित माटी किसान समिति, खेती, ग्रीन वसुधा फाउंडेशन, समग्र सेवा, जयकली कुँवर मेमोरियल ट्रस्ट, क्राफ्ट एज, क्लाइमेट कैफे, हमारी गौरैया, एनवायरनमेंट वाररिर्स तथा नव जागृति ने प्रकृतिका में अपने-अपने स्टॉल लगाए। जयकली कुँवर मेमोरियल ट्रस्ट के संस्थापक राइडर राकेश और  8 स्कूलों के 500 से ज्यादा बच्चों ने  भाग लिया 

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