तेली, तमोली और दांगी को अति पिछड़ा आरक्षण वर्ग से बाहर करे सरकार: प्रो रामबली चंद्रवंशी

तेली, तमोली और दांगी को अति पिछड़ा आरक्षण वर्ग से बाहर करे सरकार: प्रो रामबली चंद्रवंशी


-अति पिछड़ा आरक्षण बचाओ महासम्मेलन में खूब गरजे विधान पार्षद 

- समस्तीपुर के कर्पूरीग्राम से चला था पदयात्रा, महासम्मेलन के रूप में  हजारों लोगों के रूप मिलर हाई स्कूल में समाप्त हुआ


पटना। 

विधान पार्षद प्रो रामबली सिंह चंद्रवंशी ने

वर्ष 2015 में तेली, तमोली और दांगी को मूल अति पिछड़ा वर्ग में शामिल करने पर राज्य सरकार को खूब सुनाया। यदि मूल अति पिछड़ा वर्ग से इन तीन जातियों को अलग नहीं किया गया तो हम आगे भी संघर्ष करते रहेंगे। प्रो चंद्रवंशी ने अति पिछड़ा पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए एससी- एसटी की तर्ज पर अतिपिछड़ा अत्याचार निवारण कानून बनाने, पंचायत और निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों के लिए आरक्षण को 20 से बढ़ाकर 33 फीसदी करने, रोहिणी कमीशन की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने, जिसमें 95 फीसदी जातियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलने की बात कही गई है,  तथा जननायक कर्पूरी ठाकुर, अब्दुल क्यूम अंसारी एवं पर्वत पुरुष दशरथ मांझी को मरनोपरांत भारतरत्न से सम्मानित करने की मांग की।


प्रोफेसर रामबली सिंह चंद्रवंशी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आजकल कथनी और करनी में फर्क आ गया है। लोगों को गांधी और कर्पूरी के मार्ग पर चलना चाहिए। मेरे दल की स्थापना जननायक कर्पूरी ठाकुर लोहिया के मार्गों पर चलने को लेकर हुई थी, पर 2015 में तीन जाती तेली, तमोली और दांगी को अति पिछड़ा में शामिल कर हकमारी हुई है। आज अति पिछड़ा वर्ग के कई मंत्री और एमएलसी हैं, लेकिन आरक्षण जो मूल अति पिछड़ा की मांग है उस पर किसी की जुबान नहीं खुली। उन्होंने कहा कि बिहार में सात महीना पहले मेयर का चुनाव हुआ जिसमें अति पिछड़ा के तीन सीट को तेली जाति ने हड़प लिया। जिला परिषद चुनाव में अध्यक्ष के आठ पद अति पिछड़ा के लिए आरक्षित जिसमें 7 सीट 2015 में शामिल तीनों जातियों ने हड़प लिया। प्रो.चंद्रवंशी ने कहा कि अति पिछड़ा की आबादी को जागरूक करने और उनका अधिकार दिलाने के लिए लहू का एक एक कतरा देने को तैयार हूं। आप सभी आज संकल्प लेकर जाएं। कहा कि आप झूठे नेताओं के बहकावे में नहीं आए। उन्होंने कहा कि एक-दो महीना के भीतर प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा, जिसमें सभी जिलों के लोगों को जागरूक किया जाएगा। जाति जनगणना पर उन्होंने कहा की सरकार वार्ड स्तरीय सूची रखे, ताकि लोग उसे देख सकें। 

अजय कानू ने कहा कि बिहार सरकार से तीन और केंद्र से दो मांगे हैं। बिहार में पहली बार अति पिछड़ा की इतनी बड़ी रैली का आयोजन हुआ है। उन्होंने कहा कि मांगे पूरी नहीं होती है तो बड़ा आंदोलन होगा। 2015 में तेली, तमोली और दांगी को शामिल किया गया था सरकार ने हमें ठगा है। अब हम सेनापति चंद्रवंशी के साथ आगे बढ़ेंगे।

प्रो. शिवजतन ठाकुर ने कहा कि आंकड़े के अनुसार 36% आबादी अति पिछड़ा की है तो उसे 36% आरक्षण मिले। पिछड़ा और अति पिछड़ा को मिलाकर 63% आरक्षण की उन्होंने मांग की। हुमायूं अंसारी ने कहा कि हिंदू - मुस्लिम के अति पिछड़ा के लोग एक रहे तो हमें कोई नहीं हरा सकता है। हमारी आबादी 50% है।  सभा को सुरेश सिंह निषाद,

नीतू सिंह निषाद, सुरेश निषाद, प्रयाग सहनी, बनारसी ठाकुर, आशीष नारायण, महेंद्र भारती, हेशमुद्दीन अंसारी, शिवचंद्र मंडल, राजेंद्र चंद्रवंशी, संतोष महतो आदि ने भी संबोधित किया।  धन्यवाद ज्ञापन कुमार बिंदेश्वर ने किया। कार्यक्रम में दिनेश पाल, बनारसी ठाकुर, वशिष्ठ रावत, संतोष महतो, पूर्व मंत्री रामाश्रय सहनी, अभिषेक चंद्रवंशी, राजेश रंजन बक्शी आदि ने भी अपनी बातें रखीं। इससे पहले विमलेश कानू, अतीत,आयुष, रामबली भारद्वाज, रिचा भारद्वाज एवं अन्य कलाकारों ने कार्यक्रम प्रस्तुत कर लोगों को जागरूक किया।


दो अक्टूबर को कर्पूरी ठाकुर की जन्मभूमि से शुरू हुई थी पदयात्रा:

गौरतलब है कि पांच सूत्री मांगों को लेकर अति पिछड़ा आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चाके तत्वाधान में पदयात्रा किया जा रहा था। यात्रा दो अक्टूबर को कर्पूरी ठाकुर के जन्मस्थान समस्तीपुर के कर्पूरीग्राम से  से शुरू हुई थी। इसका नेतृत्व मोर्चा के संयोजक और एमएलसी प्रो रामबली सिंह चंद्रवंशी कर रहे थे। यह यात्रा शनिवार को पटना के मिलर हाई स्कूल के मैदान में समाप्त हुआ। समाप्ति के अवसर पर महासम्मेलन आयोजित था। जिसमें राज्य भर से हजारों की संख्या में लोग बस और दूसरी गाड़ियों से आए थे। 




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