पारस एचएमआरआई पटना ने पोषण माह मनाया और लोगों को पोषक आहार का सेवन करने के लिए किया जागरूक

पारस एचएमआरआई पटना ने पोषण माह मनाया और लोगों को पोषक आहार का सेवन करने के लिए किया जागरूक


पटना।

पारस एचएमआरआई में शुक्रवार को पोषण माह मनाया गया और लोगों को पोषक आहार का सेवन करने के लिए जागरूक किया इस अवसर पर स्थानीय मौसमी अनाज व खाद्य पदार्थों से बने पोषक आहार की प्रदर्शनी लगाई गई जिसका हॉस्पिटल के विभिन्न विभागों के कर्मचारी और अधिकारी ने लजीज पोषक आहार का खूब लुत्फ उठाया। इस एक्टिविटी का उद्देश्य पोषण के प्रति जागरूकता लाने का था। 

हॉस्पिटल के डाइटीशियन टीम द्वारा तैयार विभिन्न तरह के पोषण आहार को लोगों ने खूब सराहा। इस बार पोषण माह का खास आकर्षण मोटे अनाज के विभिन्न तरह के अच्छे व स्वादिष्ट पोषक आहार थे। मडुआ, रागी, सामा, कोदो, ज्वार, बाजार जैसे स्थानीय खाद्य पदार्थों से एक दर्जन से ज्यादा फूड आइटम बनाए गए थे। मडुआ और ज्वार से जहां केक बनाए गए थे तो वहीं तिल का लड्डू और बाजरा का हलवा भी पेश किया गया था।

 पारस एचएमआरआई की मुख्य आहार विशेषज्ञ (चीफ डाइटीशियन) सुकृति कुमारी ने बताया कि मडुआ या रागी से बनाए केक में कैल्शियम, आयरन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, एंटी ऑक्सीडेंट, फिटो केमिकल्स प्रचुर मात्रा में हैं। इसी तरह ज्वार के हलवा में ताकत देनेवाले पोषक तत्व, प्रोटीन, फाइबर, आयरन आदि काफी होता है। इस अवेयरनेस प्रोग्राम की एक खास बात और थी। इस कार्यक्रम के माध्यम से बताया गया कि विभिन्न उम्र वर्ग के लिए आहार से संबंधित जरूरतें और चुनौतियां क्या हैं और वो किस विधि से अपना पोषण आहार प्राप्त कर सकते हैं। 

 सुकृति कुमारी ने बताया कि इस बार सेलिब्रेशन का मुख्य फोकस हॉस्पिटल के ही कर्मी थे। यदि देश के अस्पताल कर्मी पोषक आहार के अच्छे जानकार होंगे तो जानकारी समाज के अंतिम पायदान तक जाएगा। आम आदमी तक संदेश मजबूती से जाएगा। पोषक आहार हमें शारीरिक और मानसिक रूप से अधिक मजबूत बनाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करता है। इसलिए हमारे खाने की थाली रंगीन होनी चाहिए। अर्थात, उसमें हरी - पत्तीदार सब्जी, लाल और नारंगी रंग का फल, पीला दाल, सफेद या भूरा अनाज, डेयरी उत्पाद आदि हो। इससे हमें सम्पूर्ण पोषण मिलेगा। 

सुकृति कुमारी ने बताया कि इस बार पोषण दिवस में हमारे पाँच डाइटीशियन और ट्रेनी डाइटीशियन शामिल रहे। इनलोगों ने पोस्टर प्रदर्शनी के माध्यम से भी पोषक आहार के प्रति जागरूकता लाने की कोशिश की। वहीं हमलोगों ने बिहार के फूड आइटम की झांकी प्रस्तुत की। बिहार के मौसमी खाद्य पदार्थों से रेसिपी डेवलप किया। 

पारस हेल्थ के जोनल डायरेक्टर डॉ. विक्रम सिंह चौहान ने बताया कि भारत सरकार ने सितंबर माह को पोषक माह घोषित किया है। इसी के तहत हॉस्पिटल के आहार विशेषज्ञों ने 15 सितंबर को पोषण जागरूकता कार्यक्रम मानने का निर्णय लिया। काफी ज्ञानवर्धक कार्यक्रम रहा। हम अपने आसपास आसानी से उपलब्ध खाद्य पदार्थों से कई तरह के पोषक और मजेदार व्यंजन बना सकते हैं। चूंकि 2023 को इंटरनेशन ईयर ऑफ़ मिलेट्स (मोटे अनाज का वर्ष) के रूप में मनाया जा रहा है। ऐसे में इसकी झलक भी पोषक आहार प्रदर्शनी में खूब रही।

पारस एचएमआरआई के बारे में 

पारस एचएमआरआई, पटना बिहार और झारखंड का पहला कॉर्पोरेट हॉस्पिटल है। 350 बिस्तरों वाले पारस एचएमआरआई में एक ही स्थान पर सभी चिकित्सा सुविधाएं हैं। हमारे पास एक आपातकालीन सुविधा, तृतीयक और चतुर्धातुक देखभाल, उच्च योग्य और अनुभवी डॉक्टरों के साथ अत्याधुनिक चिकित्सा केंद्र है। पारस इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर बिहार में अपनी विशेषज्ञता, बुनियादी ढांचे और व्यापक कैंसर देखभाल प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के लिए प्रसिद्ध है।

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