
हर समस्या का समाधान ऑपरेशन नहीं, कास्मेटिक गायनेकोलोजी बन रहा विकल्प
-कंकड़बाग में कास्मेटिक गायनेकोलोजी पर आयोजित सेमिनार में विशेषज्ञों ने रखी अपनी बात
-कहा, विशेष कुर्सी पर बैठकर भी कर सकते हैं शरीर की देखभाल
पटना।
कॉस्मेटिक गायनेकोलोजी आज के समय में एक उभरता विज्ञान है। महिलाओं की हर तरह की समस्या का एकमात्र समाधान ऑपरेशन नहीं है। कॉस्मेटिक गायनेकोलोजी इसी का एक विकल्प बन रहा है। यह उनकी अंदरूनी समस्याओं को जड़ से समाप्त करता है। बड़े शहरों में इसकी जरूरत समझी जा रही है। अब समय आ गया है कि बिहार-झारखंड में भी महिलाओं को इसके बारे में खुल कर बात करनी चाहिए।
कंकड़बाग में कास्मेटिक गायनेकोलोजी पर आयोजित सेमिनार सह कार्यशाला में ये बातें उभरकर सामने आईं।कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ. मंजु गीता मिश्रा ने किया।
लोकप्रिय गायनेकोलोजिस्ट डॉ. मिनी आनंद की अध्यक्षता में सन हॉस्पिटल में आयोजित इस कार्यशाला में इंडियन एसोसिएशन ऑफ कॉस्मेटिक गायनेकोलॉजी की अध्यक्ष डॉ. गरिमा श्रीवास्तव और इंदौर के मशहूर कॉस्मेटिक गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने भाग लिया।
डॉ. गरिमा ने पेल्विक फ्लोर चेयर जो कि एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव से युक्त विशेष कुर्सी है, के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि स्ट्रेस यूरिनरी इनकोंटिनेंस (बार बार पेशाब आना, खांसने, छींकते और हंसते हुए पेशाब का लीक हो जाना, रजोनिवृत्ति के बाद त्वचा, मांसपेशियों का ढीला पड़ना, बार-बार गुप्तांगों में संक्रमण, इत्यादि) का इलाज इस पेल्विक फ्लोर चेयर के द्वारा संभव है। इस कुर्सी पर आधा घंटा बैठने से महिला के शरीर में कसाव आता है।
डॉ. प्रवीण अग्रवाल, जो इस क्षेत्र के काफ़ी अनुभवी चिकित्सक हैं, उन्होंने लेजर तकनीक और उससे स्त्री रोग और कॉस्मेटोलॉजी में लेजर के उपयोग के बारे में बताया।
बता दें कि बिहार और झारखंड में डॉ. मिनी आनंद पहली डॉक्टर हैं जो सन हॉस्पिटल में कॉस्मेटिक गायनेकोलॉजी के क्षेत्र में सभी जरूरी आधुनिक मशीनों के साथ महिलाओं की सभी शारीरिक कमियों का बिना ऑपरेशन किए इलाज कर रही हैं। वे बताती हैं कि महिलाओं में धीरे धीरे इस तरह के इलाज के प्रति जागरूकता बढ़ रही है।
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