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सत्यदेव हॉस्पिटल: दूरबीन से आधी किडनी निकाल बचाई जान
-हॉर्ससू किडनी से पीड़ित मरीज का गुर्दा निष्क्रिय हो गया था
पटना।
आशियाना-दीघा रोड स्थित सत्यदेव सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट और किडनी ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ. कुमार राजेश रंजन ने एक मरीज की आधी किडनी निकाल उसकी जान बचाई। किडनी दूरबीन विधि (एडवांस लेप्रोस्कोपिक) से निकाली गई। मरीज का हॉर्ससू किडनी था। इसकी वजह से समय के साथ किडनी का एक भाग निष्क्रिय हो गया और उसमें सूजन आ गया था। इससे कई तरह की समस्या होने लगी थी। तब मरीज डॉ. राजेश रंजन के पास आया। यहां जांच में समस्या का पता चला। उसकी आधी किडनी निकाल जान बचाई गई। मरीज की उम्र सिर्फ 23 वर्ष है। वो नालंदा के रहनेवाले हैं। ऑपरेशन सफल होने के बाद मरीज को चौथे दिन डिस्चार्ज कर दिया गया।
इस संंबंध में सत्यदेव सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की निदेशक डॉ. अमृता ने बताया कि इस ऑपरेशन को लेप्रोस्कोपिक हेमा नेफ्रोक्टोमी कहा जाता है। ऑपरेशन में ढ़ाई घंटे का वक्त लगा।
वहीं हॉर्ससू किडनी के बारे में ऑपरेशन करनेवाले डॉ. कुमार राजेश रंजन ने बताया कि जन्म के समय हर व्यक्ति का किडनी नीचे और सटा रहता है। लेकिन समय के साथ अपने सामान्य जगह पर आ जाता है। लेकिन कभी - कभी ऐसा नहीं हो पाता है। शरीर के विकास के दौरान किडनी अलग नहीं हो पाता है और थोड़ा नीचे ही रह जाता है। दोनों किडनी नीचे जुड़ा रहता है। इसी को हॉर्ससू किडनी कहते हैं। इससे बाद में दिक्कतें आनी शुरू हो जाती है। किडनी में स्टोन बन जाता है। पेल्विक यूरेटर जंक्चर बाधा हो जाता है। स्टोन बनने की स्थिति में चुनौती बढ़ जाती है। कभी-कभी किडनी का एक भाग खराब हो जाता है। बहुत ज्यादा रूकावट होने लगता है। तब किडनी के एक भाग को निकालना पड़ता है। हमलोग यहां दूरबीन विधि से ऐसे ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दे रहे हैं।
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