*दो पक्षों के समस्याओं का समाधान अनुमंडल पदाधिकारी के सहयोग से निकाला मानव अधिकार रक्षक*

*दो पक्षों के समस्याओं का समाधान अनुमंडल पदाधिकारी के सहयोग से निकाला मानव अधिकार रक्षक*


जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 05 अगस्त ::


अरवल जिला के किंजर थाना अंतर्गत दो पक्षों के समस्याओं का समाधान अनुमंडल पदाधिकारी के सहयोग से  मानव अधिकार रक्षक ने निकाला। उक्त जानकारी मानव अधिकार रक्षक के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार ने दी।


उन्होंने बताया कि संतोष कुमार के द्वारा मानव अधिकार रक्षक संस्था के मुख्य कार्यालय में दिनांक 25 जुलाई , 23 को रामफल ठाकुर के साथ जमीनी विवाद को लेकर आवेदन प्राप्त हुआ था, जिसमें उन्होंने यह जानकारी दी थी कि उनके पूर्वजों द्वारा रामफल ठाकुर जो की एक अनाथ है उनको घर में रहने को जगह दी गई थी, जिनके द्वारा अब घर के साथ संतोष कुमार, मुन्ना ठाकुर, सतीश कुमार, रामानुज ठाकुर के सभी सदस्यों के संपति में हिस्सा देने का दबाव दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिनका कानूनी तौर पर उनके संपति पर कोई हक नही बनता। संतोष कुमार ने बताया कि उनके बड़े भाई जब भी खेत पर खेती करने जाते है तब रामफल ठाकुर के द्वारा खेती करने से रोका जाता है और थाना द्वारा धारा 107 और 144 लागू कर दिया जाता है, जिससे वो लगातार कई सालों से परेशान है। 


राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि पूरी मामले की जानकारी लेने के लिए मानव अधिकार रक्षक संस्था की संस्थापिका रीता सिन्हा, राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार, पटना जिला अध्यक्ष पुजा सिन्हा, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ की महासचिव आशा देवी, पटना जिला कानूनी सलाहकार अभियुदय आनंद, सक्रिय सदस्य सरिता सिंह, रश्मि सिन्हा, किरण कुमारी, रमा गुप्ता, अनिल कुमार, निरंजन कुमार, संतोष कुमार, समाजसेवी आनंद त्रिवेदी किंजर थाना पहुंची। 


उन्होंने बताया कि किंजर थाना पहुंचने पर थाना में थाना प्रभारी अनुपस्थित थे। ऐसी स्थिति में मानव अधिकार रक्षक की टीम को थाने में उपस्थित पुलिस कर्मियों द्वारा यह बताया गया कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है।  जब मानव अधिकार रक्षक की टीम ने उन्हें पूरी मामले को उन्हे बतला और न्यायालय अनुमंडल दंडाधिकारी, अरवल के वाद संख्या 138/2022 का आदेश उन्हें दिखा कर उनसे आग्रह किया कि द्वितीय पक्ष को थाने बुलाया जाए और उनसे पूछा जाए की आखिर वो बिना किसी कागजात के कैसे दूसरे के खेत में हस्तक्षेप कर सकते है?


राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि मानव अधिकार रक्षक संस्था की अनुरोध पर थाने द्वारा फोन का द्वितीय पक्ष को बुलाया गया। इस बुलावे पर द्वितीय पक्ष ने 1 घंटे में उपस्थित होने की बात कहा। लेकिन कुछ ही देर बाद ही थाने में करपी प्रखंड के अंचल अधिकारी का फोन आता है कि द्वितीय पक्ष वहा नहीं आयेगा। अब प्रश्न उठता है कि आखिर जब द्वितीय पक्ष ने खुद थाना आने के लिए स्वीकार किया था और 1 घंटे में उपस्थित होने की बात कहा था। ऐसी स्थिति में करपी अंचल अधिकारी द्वारा इस तरह का फोन किया जाना यह स्पष्ट करता है कि द्वितीय पक्ष के साथ करपी अंचल अधिकारी का व्यक्तिगत लगाव या  साठ गांठ है।


उन्होंने बताया कि थाना से  तुरंत निकल कर मानव अधिकार रक्षक टीम अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय पहुंच कर उनसे मुलाकात की और पूरी मामले को उनके समक्ष रखा। अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया कि इस मामले में न्यायालय द्वारा आदेश मिल चुका है। इनके वाद संख्या 138/2022 में से धारा 107 और 144 को हटा दिया गया है। हटाया गया धारा से संबंधित नकल प्रथम पक्ष को सुलभ करा दिया गया है। अनुमंडल पदाधिकारी ने प्रथम पक्ष को समझाया कि अब अगर इस संबंध में पुलिस आपके पास आती है तो आप यह आदेश उन्हें दिखा सकते हैं और यदि फिर भी पुलिस या द्वितीय पक्ष द्वारा किसी तरह से तंग किया जाता है तो वो तुरंत मुझ से संपर्क कर सकते हैं।


राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि मानव अधिकार रक्षक संस्था की संस्थापिका रीता सिन्हा ने भी संतोष कुमार को यह आश्वासन दी है कि अगर खेती के दौरान किसी तरह की भी समस्या उत्पन्न होती है तो आप तुरंत ही हमारी संस्था से संपर्क करेंगे।

               

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