एक सिगरेट घटा देता है जीवन के 14 मिनट : डॉ. ए.ए. हई

एक सिगरेट घटा देता है जीवन के 14 मिनट : डॉ. ए.ए. हई


कई जानलेवा बीमारियों की बड़ी वजह बन रहा तंबाकू सेवन

स्वस्थ जीवन के लिए डॉक्टरों ने की तंबाकू त्यागने की अपील

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन


पटना। कैंसर, हृदय रोग सहित कई जानलेवा बीमारियों की बड़ी वजह तंबाकू सेवन है। एक सिगरेट पीने से 14 मिनट उम्र घट जाती है। यही नहीं, यह जानलेवा कैंसर और फेफड़े की बीमारियों का भी सबसे बड़ा कारण है। इसलिए जितना जल्द हो सके इसका सेवन छोड़ना होगा, क्योंकि यह कई घातक बीमारियों का कारण है। यह बातें पारस एचएमआरआई अस्पताल के जेनरल सर्जरी विभाग के निदेशक डॉ. एए हई ने अस्पताल परिसर में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गुरुवार को कही। उन्होंने कहा “ इससे मुंह, गला, फेफड़े, कंठ, खाने की नली, आंत, मूत्राशय, गुर्दा, पैनक्रियाज के कैंसर होते हैं एंव पुरुषों में नपुंसकता बढ़ जाती है व गर्भवती महिलाओ के गर्भ मे पल रहे शिशु पर भी बुरा असर परता है। ब्रोंकाइटिस व इम्फीसिमा जैसी सांस संबंधित बीमारियों की वजह भी तंबाकू सेवन है”। मौके पर मौजूद आमलोगों व मरीजों से उन्होंने अपील की कि जितना जल्द हो सके तंबाकू सेवन छोड़ें। यह स्वस्थ जीवन के लिए जरूरी है।

मौके पर मौजूद रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के मुख्य कंसल्टेंट डॉ. शेखर केशरी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा “तंबाकू 15 विभिन्न प्रकार के कैंसर का कारण बन रहा है। मुंह के कैंसर के 40 फीसदी मामलों में यह देखा गया है कि ऐसे मरीज खैनी या गुटखा का सेवन लंबे समय से करते आ रहे थे। तंबाकू सेवन से सर्वविदित है- यह अत्यंत हानिकारक है। कैंसर के साथ साथ बहुत सारी बीमारीयों का भी जड़ है। यह जानना अत्यंत जरूरी है कि तम्बाकू छोड़ देने मात्र से शरीर में परिवर्तन 48 घंटे के अन्दर ही दिखना शुरू हो जाता है। कैंसर होने का रिस्क 5 वर्षों तक अगर हर समय तम्बाकू सेवन करने वाले भी छोड़ दें तो उनके कैंसर होने का रिस्क तम्बाकू न सेवन करने वालों के बराबर हो जाता है”।


मेडिकल ऑन्कोलॉजी के प्रमुख डॉ. अभिषेक आनंद ने कहा “आज लड़कों के साथ-साथ लड़कियां भी तंबाकू सेवन में पीछे नहीं हैं। यही कारण है कि मुंह के कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। खैनी, गुटखा, पान मसाला और सिगरेट का सेवन लड़कों के साथ-साथ लड़कियां भी कर रही हैं।  सिगरेट शरीर में कैल्शियम, विटामिन सी व डी जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्‍वों को ब्लॉक करती है। इससे मुंह के साथ-साथ आंत और फेफड़े के कैंसर की आशंका भी काफी बढ़ जाती है।  ऐसी स्थिति में अगर हमने इसका त्याग नहीं किया तो आने वाले समय में यह लोगों के लिए भयावह साबित होगा। इससे होनेवाला शारीरिक, मानसिक और आर्थिक नुकसान हमें ही झेलना होगा”।  


पारस हेल्थ केयर के क्षेत्रीय निदेशक (आरडी) राजीव भंडारी ने कहा “पारस एचएमआरआई मे कैंसर के सम्पूर्ण इलाज की सुविधा मौजूद है 15 विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम के साथ मेडिकल ऑन्कोलॉजी, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, लीनियर एक्सीलेटर मशीन,  इंटेंसिटी माॅडयूलेटेड रेडिएशन थेरेपी, पेट सिटी, एंव ब्लड कैंसर का इलाज एक छत के नीचे सिर्फ पारस एचएमआरआई मे ही उपलब्ध है। साथ ही बिहार सरकार के सभी कर्मचारियों एंव उन के आश्रितों का इलाज सीजीएचएस कैश दर पर उपलब्ध है जिस का लाभ उठाकर काफी किफायती दर पर इलाज करा सकते हैं”। मौके पर मौजूद डॉ. प्रकाश सिन्हा (एचओडी, पल्मोनॉलॉजी), डॉ. आर.एन. टैगोर (सिनियर कंसल्टेंट, मेडिकल ऑन्कोलॉजी), डॉ. मिताली डानडेकर (सिनियर कंसल्टेंट सर्जिकल ऑन्कोलॉजी), डॉ. राहुल चौधरी(मुख्य कंसल्टेंट, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी)  डॉ. अकांक्षा बाजपेई (कंसल्टेंट सर्जिकल ऑन्कोलॉजी), डॉ. मोसर्रत शाहीन (कंसल्टेंट मेडिकल ऑन्कोलॉजी) एंव डॉ. स्नेहा झा (मुख्य कंसल्टेंट रेडिएशन ऑन्कोलॉजी) भी थे।


पारस HMRI के बारे में 

पारस एचएमआरआई, पटना बिहार और झारखंड का पहला कॉर्पोरेट अस्पताल है। 350 बिस्तरों वाले पारस एचएमआरआई  में एक ही स्थान पर सभी चिकित्सा सुविधाएं हैं। हमारे पास एक आपातकालीन सुविधा तृतीयक और चतुर्धातुक देखभाल, उच्च योग्य एंव अनुभवी डॉक्टरों के साथ अत्याधुनिक चिकित्सा केंद्र है। पारस इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर बिहार में अपनी विशेषज्ञता, बुनियादी ढांचे और व्यापक कैंसर देखभाल प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के लिए प्रसिद्ध है।

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