उन्नाव रेप पीड़िता को न्याय दिलाने की लड़ाई में आइसा का आंदोलन सफल रहा!

उन्नाव रेप पीड़िता को न्याय दिलाने की लड़ाई में आइसा का आंदोलन सफल रहा!

*रेपिस्ट कुलदीप सिंह सेंगर की ज़मानत रद्द किया जाना देश की लड़ रही बेटियों की जीत है!*

*29 दिसम्बर 2025, पटना*
छात्र संगठन आइसा ने उन्नाव के रेप पीड़िता और हत्या के दोषी बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सज़ा निलंबन का फ़ैसला तत्काल वापस लिए जाने की माँग को लेकर पटना के कारगिल चौक के पास रोषपूर्ण प्रदर्शन किया है. यह अत्यंत शर्मनाक और भयावह है कि हमारे देश में एक कुख्यात बलात्कारी को जेल से बाहर भेजा जा रहा है. यह स्थिति हमारे न्याय तंत्र और शासन व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करती है. इस न्यायिक फ़ैसले का पुरज़ोर विरोध करते हुए पटना यूनिवर्सिटी आइसा नेता ऋषि कुमार व विश्वजीत कुमार ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि मोदी सरकार तथा मौजूदा न्यायिक व्यवस्था लगातार देश के अपराधिक मामलों में सत्ताधारी सरकार अपराधी को संरक्षण देती आ रही है. देश में बीएचयु में छात्रा का गैंग रेप करने वाले भाजपा समर्थित कार्यकर्त्ता को जेल से बाहर करने, चाहे हो बिलकिस बानो के रेपिस्टो को जेल से बाहर निकाल कर फूल माला के साथ स्वागत करने में हो, आशाराम बापू हो या राम रहीम जैसे  रेपिस्टो को उनके ऐसो आराम के लिए हर संभव प्रयास उनको संरक्षित करते रहती है. उन्नाव पीड़िता की घटना पुरे देश में बेटियों की सुरक्षा पर सवाल उठा रही है. इससे अधिक भयावह और क्या हो सकता है कि बलात्कारियों को संरक्षण दिया जा रहा है, और पीड़िताओं को असुरक्षा के हवाले छोड़ा जा रहा है। उन्नाव रेप केस का दोषी बाहर रहे और सर्वाइवर जेल की माँग करे. यह न्याय नहीं, बल्कि राज्य की नैतिक और संवैधानिक मूल्यों पर हमला है. इसके साथ ही कहा कि आज के दिनों में सुप्रीम कोर्ट का फैसला रेपिस्ट कुलदीप सिंह सेंगर की आजीवन कारावास की सज़ा को जारी रखने का है। इससे न्यायिक व्यवस्था पर आम जनता का भरोसा मजबूत हुआ है और यह स्पष्ट संदेश गया है कि सत्ता, पैसा और राजनीतिक प्रभाव के बावजूद बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में दोषियों को सज़ा से नहीं बचाया जा सकता। यह फैसला न सिर्फ़ उन्नाव की पीड़िता के संघर्ष को सम्मान देता है, बल्कि देश की सभी सर्वाइवरों को यह भरोसा भी दिलाता है कि लंबी लड़ाई के बाद भी न्याय संभव है। साथ ही यह निर्णय उन राजनीतिक ताकतों के लिए चेतावनी है जो अपराधियों को संरक्षण देती हैं। आइसा ने सड़क से संसद तक आवाज़ बुलंद की, दोषी कुलदीप सिंह सेंगर की गिरफ्तारी सज़ा सुनिश्चित करने और सत्ता-संरक्षण के ख़िलाफ़ जनदबाव बनाया इस आंदोलन ने साबित किया कि संगठित छात्र-युवा शक्ति जब अन्याय के ख़िलाफ़ खड़ी होती है, तो सत्ता को झुकना पड़ता है। इस प्रदर्शन में सोनू कुमार, रवि कुमार, सुसानता कुमार, पवन कुमार अन्य आइसा नेता शामिल थे!

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