चलती मशीन से युवक का नाक और चेहरा हुआ बुरी तरह जख्मी, पारस HMRI में सफल सर्जरी से बची जान
बेगूसराय के मीत कुमार के साथ काम के दौरान बड़ा हादसा हो गया, जब उनके हाथ से चलती हुई आरी मशीन छटककर चेहरे पर जा लगी। हादसे में उनके होंठ, नाक, भौंह समेत चेहरे का आधा हिस्सा बुरी तरह कट गया। अत्यधिक रक्तस्राव और दिमाग का पानी निकलने के कारण युवक बेहोश हो गया। परिजन तुरंत उन्हें स्थानीय अस्पताल ले गए, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल, पटना रेफर कर दिया गया।
पारस हॉस्पिटल के ईएनटी विभाग की *कंसल्टेंट डॉ. रश्मि प्रसाद* ने युवक की सर्जरी की। डॉ. रश्मि ने बताया कि सबसे पहले रक्तस्राव को तत्काल रोका गया, उसके बाद कटे हुए हिस्सों की सावधानीपूर्वक सर्जरी की गई। सर्जरी पूरी तरह सफल रही और अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ है। उसे पांचवें दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
पारस हॉस्पिटल के *जोनल डायरेक्टर अनिल कुमार* ने बताया कि अगर मरीज को सही समय पर अस्पताल नहीं लाया जाता, तो उसकी जान जा सकती थी। उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी भी गंभीर चोट या दुर्घटना की स्थिति में बिना देरी किए विशेषज्ञ अस्पताल में इलाज कराएं।
*पारस एचएमआरआई के बारे में*
पारस एचएमआरआई पटना ने 2013 में परिचालन शुरू किया। यह बिहार का पहला कॉर्पोरेट अस्पताल है जिसके पास परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड द्वारा लाइसेंस प्राप्त कैंसर उपचार केंद्र है। जून 2024 में एक्सेस किए गए एनएबीएच पोर्टल के अनुसार, पारस एचएमआरआई अस्पताल, पटना 2016 में एनएबीएच मान्यता प्राप्त करने वाला बिहार का पहला अस्पताल था। इस अस्पताल की बेड क्षमता 400 से ज्यादा की है, जिसमें 80 आईसीयू बेड शामिल हैं साथ ही 2 LINAC मशीन एंव PET-CT की सुविधा भी उपलब्ध है।
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