ईंट भट्टों पर कार्य करने वाले बच्चों को लेकर चलाया जाएगा विशेष अभियान : अशोक कुमार

ईंट भट्टों पर कार्य करने वाले बच्चों को लेकर चलाया जाएगा विशेष अभियान : अशोक कुमार

- पारंपरिक मेलों एवं त्योहारों के माध्यम से लोगों को किया जाये जागरूक तभी रुकेगा बाल श्रम : अध्यक्ष 

- पंचायत स्तर तक बालश्रम उन्मूलन जन-जागरूकता अभियानों का किया जाये विस्तार: उपाध्यक्ष, अरबिंद कुमार सिंह 

पटना,  21 जुलाई 2025  : आज दिनांक 21 जुलाई 2025  को नियोजन भवन के मंथन सभागार कक्ष में बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष, श्री अशोक कुमार की अध्यक्षता में बाल श्रम उन्मूलन विमुक्त एवं पुनर्वास, बाल अधिकारों की रक्षा तथा जन-जागरूकता कार्यक्रमों के पंचायत स्तर तक विस्तार पर व्यापक चर्चा हुई।
बैठक का मुख्य उद्देश्य बाल श्रम से जुड़े बच्चों के विमुक्त कराने के लिए जागरूकता अभियान के प्रचार प्रसार को लेकर रहा। बिहार के प्रमुख पारंपरिक मेलों एवं त्योहारों जैसे सोनपुर मेला, श्रावणी मेला, छठ पर्व आदि में बाल अधिकार, बाल श्रम, बाल विवाह एवं शिक्षा जैसे विषयों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने पर सहमति बनी। इन कार्यक्रमों के अंतर्गत नुक्कड़ नाटक, लोकगीत, झांकी, पोस्टर प्रदर्शनी जैसे रचनात्मक माध्यमों से संदेशों का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। साथ ही इसके अंतर्गत सूचना बूथ, कला और शिल्प गतिविधियों, दृश्यों, व्यक्तिगत कहानियों, कार्यशाला का आयोजन, सोशल मीडिया अथवा प्रखंड स्तर पर जन-जागरूकता अभियान चलाकर बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराया जा सकता है। ईंट भट्ठों पर कार्यरत बाल श्रमिकों को विमुक्त कराने के लिए विशेष छापेमारी और धावादल के कार्य करने पर भी सहमति बनी। बैठक को संबोधित करते हुए बिहार राज्य बाल श्रम आयोग के अध्यक्ष श्री अशोक कुमार ने कहा कि बाल श्रम से काफी बच्चे विमुक्त हुए हैं और विभाग लगातार इस क्षेत्र काम कर रहा है। सामाजिक-आर्थिक पिछड़ापन जो बाल मज़दूरी को बढ़ावा देने में मुख्य कारक के तौर पर काम करता है, उसे ख़त्म करना अत्यंत आवश्यक है। हमारा देश भले ही आजाद हो चुका है लेकिन आज भी हम बाल मजदूरी की जंजीरों में जकड़े हुए है । हमें अपने समाज को ही नहीं अपितु अपने राज्य और देश को भी इस बल श्रम के डंस से मुक्ति दिलाना है ।  ईंट भट्टों एवं कारखानों में काम कर रहे बच्चों को विशेष रूप से विमुक्त किया जाए और इस पर विशेष अभियान चलाकर टीम के सदस्य धावादल बनाकर छापेमारी करें। राज्य में आयोजित होने वाले मेलों या अन्य आयोजनों में एक स्टॉल बाल श्रम के जागरूकता को लेकर लगाएं और लोगों को इसके बारे में जागरूक करें। अधिकारियों के बीच आपसी संबंध जितना अच्छा होगा तो कार्य का परिणाम भी अच्छा निकलेगा। इसके साथ ही घर के साथ वैसे अपार्टमेंट को चिन्हित किया जाए जहां बाल श्रम करवाया जाता है वहां से बच्चों को विमुक्त किया जाए। पंचायत स्तर पर जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर जागरूकता फैलाने हेतु कार्यक्रम चलायें  जाए। यही एक मात्र विभाग है जिसमें जन्म से लेकर मृत्यु तक की योजनाओं का लाभ लाभुकों को दिया जा रहा है। हाल ही में सभी जिले के अधिकारियों के द्वारा जनसंवाद के माध्यम से विभाग के योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया गया, ठीक उसी प्रकार से सभी अधिकारी विद्यालय स्तर पर जाकर बच्चों के अभिभावकों को श्रम विभाग के तहत सभी योजनाओं को बताया जाए। बाल ज्ञात हो की श्रम करवाते पकड़े गए तो कितना भी प्रभावशाली व्यक्ति क्यों ना हो 20000 से 50000 तक जुर्माना या 6 से 2 साल तक का कारावास होगाl सरकारी कर्मियों के यहां पकड़े गए तो विभागीय कार्यवाही किया जाएगा l बाल श्रम बच्चों के बचपन, शिक्षा एवं स्वास्थ्य वंचित करता है । 
उक्त अवसर पर बिहार राज्य बाल श्रम आयोग के उपाध्यक्ष श्री अरविन्द कुमार सिंह ने कहा कि कुशल नेतृत्व एवं आपसी सहयोग से श्रम संसाधन विभाग लगातार अपनी नई मुकाम को हासिल कर रहा है। ऊर्जावान पदाधिकारियों एवं अधिकारियों के कारण काम करने में तेजी आई है साथ ही आम जनमानस के बीच विभाग के योजनाओं का भी प्रचार-प्रसार हो रहा है। जिस तरह से धावादल काम कर रहा है उसका कार्य काफी सराहनीय है। पहले के तुलना में अब सीएलटीएस भी काफी अपडेट हो रहा है। मेले या फिर जिला महोत्सव के जरिए लोगों के बीच बाल श्रम को लेकर जागरूकता अभियान चलाई जाए। सरकार और विभाग के बीच समन्वय जितना अधिक होगा परिणाम भी उतने ही बेहतर देखने को मिलेंगे। सोशल मीडिया के विभिन्न आयामों पर प्रचार प्रसार का होना लोगों पर विशेष असर डाल रहा है। साथ ही वैसे बच्चे जो किसी कारणवश नशा के शिकार हो गए है उनको भी मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है। 
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पंचायत प्रतिनिधियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, शिक्षकों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं की भागीदारी से बालश्रम उन्मूलन को गाँव-गाँव तक पहुँचाया जाए। इसके तहत प्रत्येक पंचायत में बाल अधिकार जागरूकता शिविर व बाल संरक्षण समिति का गठन किया जाएगा। शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग और अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग सामंजस्य बैठाकर कार्य करे ताकि विमुक्त बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके और उन बच्चों के परिवारजन को विभाग द्वारा संचालित उनके हितार्थ योजनाओं की जानकारी मिल पाए। साथ ही बैठक में आयोग द्वारा कई भावी योजनाओं पर चर्चा हुई, जिनमें शामिल हैं: बाल मित्र पंचायत योजना का विस्तार, विद्यालयों में बाल अधिकार क्लबों की स्थापना, राज्य स्तरीय बाल अधिकार सप्ताह का आयोजन, सोशल मीडिया के माध्यम से डिजिटल जागरूकता अभियान, बाल श्रमिकों के पुनर्वास हेतु विशेष पहल। बैठक में 
सदस्य सुश्री श्रेयसी सिंह, (स०वि०स०), श्री रामविलास कामत, (स०वि०स०), श्री विजय सिंह (स०वि०स०), सदस्य श्री अनिल कुमार (स०वि०प०), श्री रविन्द्र प्रसाद सिंह (स०वि०प०), श्री सुशील कुमार, (बि०रा०बा०श्र०आ०), श्री शौकत अली (बि०रा०बा०श्र०आ०) के साथ श्री राजेश भारती, श्रमायुक्त श्रम संसाधन विभाग के साथ सचिव, बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

0 Response to "ईंट भट्टों पर कार्य करने वाले बच्चों को लेकर चलाया जाएगा विशेष अभियान : अशोक कुमार"

एक टिप्पणी भेजें

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article