मिर्ज़ा ग़ालिब कॉलेज, गया एक नई सुबह, एक नया सफ़र!
✍️ सैय्यद आसिफ इमाम काकवी
गया की तालीमी रूह को आज एक नई उम्मीद, एक नई रहनुमाई मिली है। मिर्ज़ा ग़ालिब कॉलेज, गया में स्थायी प्राचार्य के रूप में डॉ. अली हुसैन ने पदभार ग्रहण कर लिया है। यह केवल एक औपचारिक नियुक्ति नहीं, बल्कि शिक्षा और नेतृत्व की उस मशाल का पुनः प्रज्वलन है, जिसने इस कॉलेज को पहचान दी थी। यह अवसर सिर्फ डॉ. अली हुसैन के स्वागत का नहीं था, बल्कि एक भरोसे की ताज़ा शुरुआत का था। कॉलेज परिसर में जो जोश और उमंग दिखी वह इस बात की गवाही दे रही थी कि यह संस्थान फिर से नई इबारत लिखने को तैयार है।
इस ऐतिहासिक मौके पर निकाय के सचिव शब्बी आरफ़ीन शम्सी, चेयरमैन काउंसिल अशफ़ाक़ अली, शासी निकाय के कई सदस्य, शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। सबकी आंखों में एक ही सपना था ग़ालिब के नाम से जुड़ा यह कॉलेज, अब फिर बुलंदी की राह पर लौटे। शब्बी आरफ़ीन शम्सी, जिनकी मेहनत, संजीदगी और दूरदर्शिता से मिर्ज़ा ग़ालिब कॉलेज आज नये मुक़ाम पर है, वाक़ई बदलाव की एक नई इबारत लिख रहे हैं। उनका नेतृत्व इस बात का सबूत है कि जब इरादे नेक हों और सोच शिक्षित, तो हर दीवार पुल बन सकती है। डॉ. अली हुसैन एक समर्पित शिक्षाविद हैं, जिनकी विद्वता और सरलता उन्हें एक आदर्श शैक्षणिक नेता बनाती है।
अब यह उम्मीद की जा रही है कि कॉलेज का प्रशासन, शिक्षा स्तर, अनुसंधान और छात्र हितों को प्राथमिकता देने वाला युग फिर से लौटेगा। यह नियुक्ति केवल कागज़ पर नहीं, बल्कि छात्रों के भविष्य पर दर्ज की गई है। डॉ. अली हुसैन को हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं और उम्मीद करते हैं कि उनके नेतृत्व में मिर्ज़ा ग़ालिब कॉलेज, शिक्षा की उस ऊंचाई को छुएगा, जिसका सपना ग़ालिब ने कलम से बुना था। कई चिराग़ बुझते हैं, तब जाकर एक सुबह होती है।
ग़ालिब के नाम वाला यह कॉलेज अब फिर से रोशन होगा।
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