बिहार विधान मंडल में मंत्री संतोष कुमार सिंह द्वारा प्रस्तुत जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक 2025 समेत श्रम क्षेत्र से जुड़े कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित
पटना, 23 जुलाई : बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र में आज श्रम संसाधन मंत्री श्री संतोष कुमार सिंह ने श्रम क्षेत्र से संबंधित कई ऐतिहासिक विधेयक प्रस्तुत किए, जिसे सदन के पटल पर सर्वसम्मति से स्वीकृति मिल गयी। इनमें जननायक भारतरत्न कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक 2025, बिहार प्लेटफॉर्म आधारित गिग कामगार (निबंधन, सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण) विधेयक 2025 और बिहार दुकान एवं प्रतिष्ठान (रोजगार विनियमन और सेवा-शर्त) विधेयक 2025 शामिल हैं। इसके अलावा कारखाना (बिहार संशोधन) अधिनियम 2025 का भी पारित हुआ।
*जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक 2025*
बिहार सरकार ने युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य कौशल प्रशिक्षण देने हेतु जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना का विधेयक विधानसभा में सर्वसम्मति से स्वीकृत हुआ। यह विश्वविद्यालय राज्य में चल रहे सभी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, पॉलिटेक्निक कॉलेजों और कौशल केंद्रों को एक केंद्रीय ढांचे में लाकर, गुणवत्तापूर्ण पाठ्यक्रम, प्रशिक्षण, मूल्यांकन और उपाधि प्रदान करेगा। इसका उद्देश्य केवल कौशल प्रशिक्षण ही नहीं, बल्कि उद्यमिता, व्यावसायिक शिक्षा, नवाचार और अनुसंधान को भी बढ़ावा देना है। यह कदम "सात निश्चय" योजनाओं के अंतर्गत युवाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। विधेयक को विधि, वित्त और सामान्य प्रशासन विभागों की स्वीकृति मिल चुकी है।
*बिहार प्लेटफॉर्म आधारित गिग कामगार (निबंधन, सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण) विधेयक 2025*
गिग कामगारों के लिए प्रस्तावित विधेयक के तहत राज्य सरकार एक कल्याण बोर्ड का गठन करेगी, जिसमें विभागीय मंत्री अध्यक्ष होंगे और इसमें संबंधित विभागों व प्लेटफॉर्म प्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। सभी प्लेटफॉर्म/एग्रीगेटरों को अनिवार्य रूप से 60 दिनों के भीतर पंजीकरण कराना होगा। प्रत्येक गिग कामगार को पंजीकरण के बाद यूनिक आईडी दी जाएगी, जिससे वह विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।
इस विधेयक के माध्यम से गिग कामगारों की दुर्घटना मृत्यु की स्थिति में 4 लाख रुपये, एक सप्ताह से अधिक अस्पताल में भर्ती पर 16,000 रुपये और एक सप्ताह से कम भर्ती पर 5,400 रुपये, 40%-60% विकलांगता की स्थिति में 74,000 से 2.5 लाख रुपये तक सहायता तथा महिला कामगारों को मातृत्व लाभ (प्रत्येक महिला कामगार को गर्भावस्था व प्रसव के दौरान 90 दिनों के लिए अधिसूचित न्यूनतम मजदूरी) प्रदान किए जाएंगे। उपकर के रूप में प्लेटफॉर्म से 1–2% शुल्क वसूल कर इन योजनाओं का संचालन किया जाएगा।
गिग कामगार ऑनलाइन या व्यक्तिगत रूप से शिकायत दर्ज कर सकते हैं, जिनका समाधान 30 दिनों में अनिवार्य होगा। यदि कोई प्लेटफॉर्म कल्याण निधि में योगदान नहीं देता या नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर 1 वर्ष तक का कारावास या 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
*बिहार दुकान एवं प्रतिष्ठान (रोजगार विनियमन और सेवा–शर्त) विधेयक 2025*
1953 के पुराने अधिनियम को निरस्त कर स्वीकृत बिहार दुकान एवं प्रतिष्ठान विधेयक 2025 में रोजगार सुरक्षा, सेवा शर्तें, मजदूरी का समयबद्ध भुगतान, बैंक ट्रांसफर द्वारा वेतन भुगतान, महिला कामगारों के लिए समान अवसर, और कल्याणकारी सुविधाओं का विस्तार किया गया है। अब प्रतिष्ठान 24x7 खुले रह सकते हैं।
कार्य के घंटों में लचीलापन और कल्याणकारी प्रावधान
नए विधेयक में कर्मकारों को सप्ताह में 48 घंटे की अधिकतम सीमा में लचीलापन देते हुए 5 दिन में 10 घंटे या 4 दिन में साढ़े 11 घंटे काम की अनुमति दी गई है। शौचालय, पीने का पानी, शिशु देखभाल कक्ष, प्राथमिक उपचार किट जैसे सुविधाएं अनिवार्य कर दी गई हैं।
*कारखाना (बिहार संशोधन) अधिनियम 2025*
कारखाना अधिनियम, 1948 में संशोधन कर सप्ताहिक 48 घंटे की सीमा रखते हुए प्रतिदिन 10 घंटे की डर से सप्ताह में 5 दिन अथवा 11:30 घंटे की दर से सप्ताह में 4 दिन कार्य लिया जा सकेगा। काम के दिनों और घंटों में लचीलापन दिया गया है। इससे न केवल उत्पादकता बढ़ेगी बल्कि ओवरटाइम से मजदूरों को अतिरिक्त आय भी होगी। इस विधेयक में अपराधों के शमन (compounding) का भी प्रावधान किया गया है। इसके तहत राज्य में औद्योगिक उत्पादन बढाने के साथ साथ कामगारों को भी लाभ मिलेगा।
*विधेयकों पारित होने पर आभार*
श्रम संसाधन मंत्री श्री संतोष कुमार सिंह ने कहा कि ये विधेयक राज्य के युवाओं, श्रमिक वर्ग, गिग कामगारों और उद्योग जगत के लिए समान रूप से लाभकारी हैं। उन्होंने इन विधेयकों को सर्वसम्मति से पारित करने पर आभार व्यक्त किया।
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