प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा लोक शिकायत के 18 मामलों की सुनवाई की गई एवं परिवादों का निवारण किया गया
लोक शिकायत के मामलों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निवारण सुनिश्चित करने का आयुक्त ने दिया निदेश
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लोक शिकायत निवारण के प्रति अरूचि, संवेदनहीनता प्रदर्शित करने एवं शिकायत निवारण में लापरवाही बरतने के कारण दो लोक प्राधिकारों के विरूद्ध कार्रवाई की गई।
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बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम का सफल क्रियान्वयन सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता; सभी पदाधिकारी इसके प्रति सजग, सक्रिय एवं संवेदनशील रहेंः आयुक्त
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पटना, शनिवार, दिनांक 05.07.2025ः आयुक्त, पटना प्रमंडल, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज अपने कार्यालय में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत प्रथम अपील में शिकायतों की सुनवाई की गयी और उसका निवारण किया गया। लोक शिकायत निवारण के प्रति अरूचि एवं संवेदनहीनता प्रदर्शित करने के आरोप में दो लोक प्राधिकारों के विरुद्ध कार्रवाई की गई।
आयुक्त द्वारा आज लोक शिकायत के कुल 18 मामलों की सुनवाई की गई एवं परिवादों का निवारण किया गया। योजनाओं के चयन में अनियमितता संबंधी शिकायत के समाधान में शिथिलता एवं लापरवाही बरतने के कारण लोक प्राधिकार जिला पंचायत राज पदाधिकारी, बक्सर से कारण-पृच्छा किया गया। मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना का लाभ कई महीनों से एक लाभार्थी को नहीं मिलने से संबंधित मामले में सुनवाई से अनुपस्थित रहने के कारण लोक प्राधिकार सहायक निदेशक, जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग, पटना से भी स्पष्टीकरण किया गया।
अपीलार्थी श्री दिनेश तिवारी का परिवाद सिमरी प्रखंड के पड़री पंचायत में वर्ष 2022-23 में अवैध तरीके से ग्राम सभा एवं कार्यकारिणी की बैठक कर विभाग के प्रावधानों के विरूद्ध योजनाओं का चयन एवं अनियमिततापूर्वक क्रियान्वयन करने तथा दोषियों पर अभी तक कार्रवाई नहीं किए जाने से संबंधित है। आयुक्त ने सुनवाई में पाया कि इस मामले में लोक प्राधिकार जिला पंचायत राज पदाधिकारी, बक्सर द्वारा कोई ईमानदार एवं सार्थक प्रयास नहीं किया गया है। विगत दो लगातार सुनवाई में उनका प्रतिवेदन अप्राप्त था। पिछले सुनवाई में उन्हें परिवाद पर जाँच करते हुए नियमानुसार कार्रवाई करने एवं जिला पदाधिकारी, बक्सर के माध्यम से प्रतिवेदन समर्पित करने का निदेश दिया गया था परन्तु उनके द्वारा इसका सम्यक अनुपालन नहीं किया गया। उनके द्वारा ग्राम पंचायत पड़री के मुखिया के विरूद्ध प्रतिवेदित एवं प्रमाणित आरोपों के वाबजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। आज की सुनवाई में उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब भी नहीं दिया। आयुक्त ने कहा कि इससे प्रतीत होता है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। आयुक्त द्वारा इसके कारण लोक प्राधिकार जिला पंचायत राज पदाधिकारी, बक्सर से स्पष्टीकरण किया गया। साथ ही उन्हें परिवाद पर विधिवत कार्रवाई करते हुए अगली सुनवाई से पूर्व जिला पदाधिकारी, बक्सर के माध्यम से प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।
एक अन्य मामले में परिवादी श्री अवधेश कुमार विश्वकर्मा द्वारा मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना का लाभ कई महीनों से एक लाभार्थी को नहीं मिलने के संबंध में अपील की गई है। आयुक्त ने सुनवाई में पाया कि इस मामले में लोक प्राधिकार सहायक निदेशक, जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग, पटना द्वारा कोई सार्थक प्रयास नहीं किया जा रहा है। उन्होंने प्रतिवेदित किया है कि आवेदक के बैंक खाता के सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। बैंक खाता पीएफएमएस से सत्यापन की प्रक्रिया ऑनलाईन से संबंधित है जो स्वतः अपडेट होता है। उनका प्रतिवेदन संतोषजनक नहीं पाया गया। आज की सुनवाई से भी वे अनधिकृत रूप से अनुपस्थित हैं। आयुक्त द्वारा इन आरोपों के कारण लोक प्राधिकार सहायक निदेशक, जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग, पटना से स्पष्टीकरण किया गया। साथ ही उन्हें परिवाद पर विधिवत कार्रवाई करते हुए अगली सुनवाई से पूर्व जिला पदाधिकारी, पटना के माध्यम से प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।
आयुक्त ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का सफल क्रियान्वयन सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। जनता की शिकायतों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। सभी पदाधिकारी सजग रहें। लोक प्राधिकारों को संवेदनशीलता एवं तत्परता प्रदर्शित करनी होगी। कार्य के प्रति लापरवाही, लोक शिकायत निवारण के प्रति अरूचि एवं जनहित के मामलों में संवेदनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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