जब तक मज़दूरों का शोषण रहेगा, मार्क्सवाद प्रासंगिक रहेगा
( भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी- सी. पी. आई ने किया कार्ल मार्क्स की 207 वीं जयंती का आयोजन )
पटना, 5 मई. भारतीय काम्युनिस्ट पार्टी की पटना जिला परिषद की ओर से अजय भवन में कार्ल मार्क्स की 207 वीं जयंती मनाई गई. इस मौके पर विभिन्न जनसंगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने सर्वहारा वर्ग के इस महान नेता के आसाधारण योगदान को रेखांकित किया. विषय था 'मार्केसवाद की प्रासंगिकता'. कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता मोहन प्रसाद ने जबकि संचालन देवरत्न प्रसाद ने किया.
वक्ताओं ने बताया कि कार्ल मार्क्स जर्मनी में पैदा हुए बेल्हिजयम, फ्रांस से भगाया गया और अंततः इंग्लैंण्ड में जाकर उन्हें शरण मिली. यहीं रहकर उन्होंने पूंजीवाद की वैचारिक आधार को समझने की कोशिश की. जिस मार्क्स में पास जीवन भर पैसा नहीं रहा उसने अपने जीवन का सबसे अधिक समय पूंजी के रहस्यमय चरित्र को उजागर कर उसके दार्शनिक आधार को ढाह दिया. मार्क्स ने बताया कि मज़दूर वर्ग जिसके पास अपनी श्रमशक्ति के अतिरिक्त कुछ नहीं होता और पूंजीपति वर्ग उसी मज़दूर के श्रम का एक हिस्सा हड़प कर अपनी सम्पत्ति बढ़ाता जाता है. आज एपल जैसी कम्पनी का रेट ऑफ सरप्लस वैल्यू में इतना अधिक इजाफा हो गया है कि हैरत होती है. पूंजीवाद एक ओर समृद्धि तो दूसरी ओर गरीबी और जहालत जो जन्म दिया. आज दुनिया ठीक उसी प्रकार व्यवहार कर रही है जैसे कार्ल मार्क्स ने बताया था. मज़दूरों के पास अपनी जंज़ीरों के अलावा खोने को कुछ नहीं है.
प्रमुख वक्ताओं में थे कम्युनिस्ट पार्टी के जिला परिषद के सचिव विश्वजीत कुमार, एप्सॉ से जुड़े रौशन प्रकाश, मज़दूर नेता आनंद शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता आफ़ताब अहमद, मसाआएल के संपादक गुलाम सरवर आजाद, प्रगतिशील लेखक संघ के अनीश अंकुर, सामाजिक कार्यकर्तानंदकिशोर यादव, उमेश पंडित, पटना विश्वदयालय में लोक प्रशासन के प्राध्यापक सुधीर कुमार, ऐपसो से जुड़े उदयन राय आदि.
प्रमुख लोगों में थे रंगकर्मी जयप्रकाश, अनिल रज़क, सूरज राम, शांकुतला देवी, अजय पटेल, संध्या यादव, दिनेश पासवान, शैलेश यादव, रुपेश, आलोक कुमार आदि
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