डीएम की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत जिला सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की द्वितीय बैठक का आयोजन
कैलेण्डर वर्ष 2025 में अभी तक 460 पीड़ितों के बीच 4 करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा भुगतान किया गया
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अत्याचार का सम्पूर्ण निवारण एवं पीड़ितों को त्वरित गति से न्याय दिलाना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता; सभी पदाधिकारी इसके प्रति सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहेंगेः डीएम ने दिया पदाधिकारियों को निदेश
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पटना, सोमचार, दिनांक 26.05.2025ः जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज पटना समाहरणालय में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 नियम 1995 के तहत गठित जिला सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की बैठक हुई। कैलेण्डर वर्ष 2025 में समिति की यह द्वितीय बैठक थी। बैठक में पद्मश्री सुधा वर्गीस, माननीय विधायक, फुलवारीशरीफ श्री गोपाल रविदास, अपर समाहर्त्ता, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, अपर समाहर्ता (विशेष कार्यक्रम), जिला कल्याण पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी तथा समिति के सदस्य उपस्थित थे।
जिलाधिकारी ने कहा कि अत्याचार का सम्पूर्ण निवारण एवं पीड़ितों को त्वरित गति से न्याय दिलाना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को इसके प्रति सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहने का निदेश दिया।
जिलाधिकारी डॉ. सिंह ने कहा कि सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। जिला प्रशासन, पटना द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के प्रति अत्याचार के विरूद्ध शून्य सहिष्णुता के सिद्धान्त का अक्षरशः अनुसरण किया जा रहा है। अधिनियम अंतर्गत सभी दर्ज मामलों में प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृति, मुआवजा, पेंशन, यात्रा भत्ता आदि का भुगतान किया जा रहा है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति भूमिहीन परिवारों को जमीन उपलब्ध कराया जाता है। प्रखंडों में कैम्प लगाकर इन परिवारों को विभिन्न प्रकार की योजनाओं से लाभांवित किया जाता है।
जिला कल्याण पदाधिकारी, पटना द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि कैलेण्डर वर्ष 2025 में जनवरी से अभी तक 469 कांडों के शत-प्रतिशत कुल 624 पीड़ितों को मुआवजा भुगतान की स्वीकृति प्रदान करते हुए 460 पीड़ितों के बीच कुल 403.38 लाख (चार करोड़ से अधिक) रुपये का भुगतान किया गया है। शेष 164 पीड़ितों को मुआवजा भुगतान हेतु आवंटन सरकार द्वारा उपलब्ध करा दिया गया है। जिलाधिकारी ने जिला कल्याण पदाधिकारी को दो से तीन दिन के अंदर इन सभी 164 पीड़ितों को मुआवजा भुगतान प्रदान करने का निदेश दिया। विदित हो कि कैलेण्डर वर्ष 2024 में कुल 802 पीड़ितों के मुआवजा भुगतान हेतु स्वीकृति प्रदान करते हुए कुल 598.04 लाख (लगभग छः करोड़) रुपये का भुगतान किया गया था।
जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा बैठक में जानकारी दी गयी कि वर्तमान में कुल 123 पेंशनरों का पेंशन भुगतान किया जा रहा है। फरवरी, 2025 तक पेंशन का भुगतान किया जा चुका है। जिलाधिकारी ने जिला कल्याण पदाधिकारी को निदेश दिया कि पेंशन का भुगतान हमेशा अद्यतन रखें। आवश्यकता के अनुसार उक्त मदों में आवंटन की मांग करते हुए पेंशनरों एवं गंभीर मामलों के पीड़ितों को तत्परता के साथ भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि अधिनियम के तहत लंबित कांडों के निष्पादन हेतु त्वरित अनुसंधान एवं पर्यवेक्षण करने तथा ससमय राहत अनुदान की राशि उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन द्वारा सभी कार्रवाई की गयी है। साथ ही उक्त योजना के तहत अन्य सुविधाएं निर्धारित समय में उपलब्ध करायी जाती है। सुसंगत धाराओं के तहत निर्धारित अवधि में अन्वेषण और आरोप पत्र दाखिल करने के लिए अपेक्षित कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन, पटना द्वारा थानों, अंचल कार्यालयों एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों पर अधिनियम के प्रावधानों का वृहत स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाता है ताकि लक्षित वर्गों को इसका समुचित लाभ मिल सके।
जिलाधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार के निदेश के आलोक में महादलित टोलों में डॉ. अम्बेडकर समग्र सेवा अभियान अंतर्गत विशेष विकास शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरों में महादलित समुदाय के लोगों को विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं से आच्छादित किया जाता है।
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आज के इस बैठक में समिति के सदस्य-सचिव-सह-जिला कल्याण पदाधिकारी, पटना श्री राणा वैद्यनाथ कुमार सिंह द्वारा विस्तृत भौतिक एवं वित्तीय प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। डीएम डॉ. सिंह द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 नियम-1995 के अन्तर्गत आयोजित विगत बैठक के अनुपालन स्थिति की समीक्षा की गई तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया गया। अधिनियम अंतर्गत दर्ज मामलों की समीक्षा की गई। पुलिस द्वारा प्रतिवेदित एवं निष्पादित कांडों, समर्पित आरोप पत्रों, गिरफ्तारियों एवं मुआवजा भुगतान से संबंधित मामलों के भौतिक एवं वित्तीय प्रतिवेदन पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में माननीय विधायक, जन-प्रतिनिधियों एवं अन्य सदस्यों द्वारा अपना-अपना सुझाव दिया गया। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सुझावों पर नियमानुसार अपेक्षित कार्रवाई की जाएगी।
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जिलाधिकारी ने कहा कि अधिनियम अंतर्गत नियम 15 (1) (घ) के तहत सरकारी उपक्रम में रोजगार के मामलों को सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा निर्धारित प्रावधानों के आलोक में आवश्यक कार्रवाई करते हुए पटना जिले में नौकरी हेतु योग्य सभी अश्रित कुल 10 मामलों में समूह ‘घ’ के रूप में पूर्व में सरकारी नौकरी प्रदान की गई है। इन सभी कर्मियों की यथासंभव उनके घर के नजदीक विभिन्न सरकारी कार्यालयों में पदस्थापना की गई है ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या न हो। जिला कल्याण पदाधिकारी को इन कर्मियों के लिए संवेदीकरण एवं उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन करने का निदेश दिया गया।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 नियमावली 1995 के नियम 11(1) के तहत गवाह/साक्षी को माननीय न्यायालय में उपस्थित होने के उपरान्त पटना जिला में कुल 73 व्यक्तियों को यात्रा भत्ता एवं दैनिक भत्ता का भुगतान प्रति गवाह 760/- रुपया किया गया है। पटना जिला में इसके नियमित कार्यान्वयन हेतु सुदृढ़ एवं सुव्यवस्थित प्रणाली विकसित की गई है।
जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने अधिकारियों को अधिनियम के तहत प्राप्त होने वाले मामलों को संवेदनशीलता के साथ ससमय निष्पादित करने का निदेश दिया। साथ ही इस अधिनियम के प्रावधानों का नियमित तौर पर प्रचार-प्रसार करने का निदेश दिया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे मामलों में किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी भी प्रकार की सूचना डायल 112 एवं जिला नियंत्रण कक्ष को दी जा सकती है।
जिलाधिकारी ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि जिला कल्याण पदाधिकारी के सक्षम पर्यवेक्षण में पटना जिला में नियमित तौर पर बैठक हो रही है। अनुमंडलों में भी बैठक हो रहा है। जिलाधिकारी ने सभी अनुमंडलों में आगे भी नियमित तौर पर समिति की बैठकें आयोजित करते हुए इन बैठकों में सभी संबंधित पदाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों को अनिवार्य रूप से भाग लेने का निदेश दिया।
इस बैठक के बाद समाहरणालय सभाकक्ष में मैनुअल स्कैवेंजर निषेध एवं पुनर्वास अधिनियम, 2013 के अन्तर्गत जिला-स्तरीय मैनुअल स्कैवेंजर समिति की बैठक हुई। जिलाधिकारी द्वारा अधिनियम के प्रभावी एवं सफलतापूर्वक क्रियान्वयन हेतु सभी स्टेकहोल्डर्स को सजग तथा दृढ़-संकल्पित रहने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
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