पारस एचएमआरआई की पहल, स्वस्थ जीवन के लिए तंबाकू को कहें ना
• नो टोबैको डे पर पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल में तंबाकू विरोधी जागरूकता और तंबाकू दहन कार्यक्रम का हुआ आयोजन
• पटना में स्वास्थ्यकर्मियों को मिला प्रशिक्षण
पटना। पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल और कैंसर अवेयरनेस सोसाइटी की ओर से शनिवार को नो टोबैको डे 2025 के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम और तंबाकू दहन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में हेल्थ वर्कर्स को कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया।
तंबाकू दहन कार्यक्रम के तहत बीड़ी, सिगरेट, पान मसाला, गुटखा, खैनी सहित तंबाकू से बने सभी उत्पादों को प्रतीकात्मक रूप से जलाकर नष्ट किया गया।
इस अवसर पर पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल के सर्जरी विभाग निदेशक एवं कैंसर अवेयरनेस सोसाइटी के अध्यक्ष *डॉ. ए. ए. हई* ने कहा, "तंबाकू आज के समय में धीमा जहर बन चुका है। इस बार नो टोबैको डे की थीम 'ब्राइट प्रोडक्ट, डार्क इंटेंशन' रखी गई है, जो इसके खतरनाक असर को दर्शाती है।"
सोसाइटी के सचिव एवं रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष *डॉ. शेखर केशरी* ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य विशेष रूप से किशोरों और युवाओं को तंबाकू की लत से बचाना है। उन्होंने बताया कि तंबाकू के सेवन से सिर, गर्दन और गले के कैंसर की आशंका सबसे अधिक होती है, साथ ही यह लगभग हर प्रकार के कैंसर का एक प्रमुख कारण भी है।
पारस एचएमआरआई के *जोनल डायरेक्टर अनिल कुमार* ने बताया कि भारत में हर दिन 2200 से अधिक लोग तंबाकू जनित बीमारियों की वजह से जान गंवाते हैं, जो अत्यंत चिंताजनक है।
कार्यक्रम में पारस एचएमआरआई के रेस्पिरेटरी मेडिसिन और पल्मोनरी क्रिटिकल के विभागाध्यक्ष हेड डॉ. प्रकाश सिन्हा, यूनिट हेड मनीष गुरुदत्ता, रामअवतार जंगीद जीएम ऑपरेशन, निरज सिंह फाइनेंस कंट्रोलर, हरेंद्र सिंह और पायल पांडेय भी मौजूद रहे।
*पारस एचएमआरआई के बारे में*
पारस एचएमआरआई पटना ने 2013 में परिचालन शुरू किया। यह बिहार का पहला कॉर्पोरेट अस्पताल है जिसके पास परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड द्वारा लाइसेंस प्राप्त कैंसर उपचार केंद्र है। जून 2024 में एक्सेस किए गए एनएबीएच पोर्टल के अनुसार, पारस एचएमआरआई अस्पताल, पटना 2016 में एनएबीएच मान्यता प्राप्त करने वाला बिहार का पहला अस्पताल था। 30 सितंबर 2024 तक इस अस्पताल की बेड क्षमता 350 बेडों की है, जिसमें 80 आईसीयू बेड शामिल हैं।
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