कृषि अनुसंधान परिसर पटना द्वारा कृषि मानकीकरण को बढ़ावा देने हेतु राष्ट्रीय कार्यशाला एवं एफएडी (खाद्य एवं कृषि अनुभाग) 22 बैठक का आयोजन

कृषि अनुसंधान परिसर पटना द्वारा कृषि मानकीकरण को बढ़ावा देने हेतु राष्ट्रीय कार्यशाला एवं एफएडी (खाद्य एवं कृषि अनुभाग) 22 बैठक का आयोजन

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना द्वारा संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास के नेतृत्व में "राष्ट्रीय मानकीकरण एवं कृषि पारिस्थितिकी तंत्र का एकीकरण" विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला एवं खाद्य एवं कृषि अनुभागीय समिति (FAD 22) की 19वीं बैठक का भी आयोजन सफलतापूर्वक किया गया। 
इस कार्यक्रम में तकनीकी विचार-विमर्श और रणनीतिक चर्चाओं का समावेश रहा, जिनका उद्देश्य भारतीय कृषि पद्धतियों को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना था। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास ने कृषि क्षेत्र में मानकीकरण की महत्ता पर बल देते हुए कहा:
“एफएडी 22 की 19वीं बैठक और कृषि मानकीकरण पर राष्ट्रीय कार्यशाला की मेज़बानी करना हमारे लिए गौरव की बात है। मानकीकरण से कृषि प्रणाली में एकरूपता, गुणवत्ता की गारंटी तथा वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलता है। हमारा लक्ष्य किसान-केंद्रित, व्यावहारिक मानकों का विकास करना है, जो उत्पादकता के साथ-साथ सतत्ता और नवाचार को भी प्रोत्साहित करें”। 
पूर्वाह्न सत्र में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS), नई दिल्ली के वैज्ञानिक-सी एवं उपनिदेशक श्री देबाशीष माहालिक द्वारा "भारतीय कृषि में मानकीकरण की कहानी: बीआईएस का दृष्टिकोण" विषय पर तकनीकी व्याख्यान दिया गया | इसके उपरांत "कृषि परीक्षण पारिस्थितिकी तंत्र: एक हितधारक परिप्रेक्ष्य" विषय पर केस स्टडी आधारित एक व्यावहारिक सत्र का आयोजन गया, जिसमें आईएआरआई पटना हब के छात्र उपस्थित थे | इस चर्चा का उद्देश्य संस्थानों, उद्योगों और किसानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना और मानकों के प्रभावी कार्यान्वयन पर बल देना था।
साथ ही, एफएडी 22 की 19वीं कीऔपचारिक बैठक की अध्यक्षता माननीय कुलपति, विश्व भारती विश्वविद्यालय, डॉ. पी. के. घोष ने वर्चुअल माध्यम से की,  और इसका समन्वयन श्री देबाशीष माहालिक, वैज्ञानिक सी एवं उपनिदेशक, भारतीय मानक ब्यूरो, नई दिल्ली ने किया | इस सत्र का एक प्रमुख निष्कर्ष 2025–26 के लिए वार्षिक मानकीकरण कार्यक्रम का अंतिम रूप देना रहा, जिसमें समेकित कृषि प्रणाली (IFS), कंटकहीन कैक्टस उत्पादन, वाडी प्रणाली, एग्री-वोल्टाइक सिस्टम, समेकित पोषक तत्त्व प्रबंधन (INM), तथा इंडिया GAP जैसे प्रमुख विषय शामिल थे। साथ ही, "भारत में स्मार्ट कृषि के लिए मानकीकरण रणनीति" पर आधारित एफएडी 22 कार्यसमूह द्वारा तैयार प्रारूप रिपोर्ट की समीक्षा और विस्तृत चर्चा की गई।
इस आयोजन में आईसीएआर संस्थानों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, उद्योग प्रतिनिधियों, उपभोक्ता संगठनों एवं विभिन्न मंत्रालयों से 35 से अधिक विशेषज्ञों ने भाग लिया, जिससे ज्ञान और नीति-निर्देशन का एक सफल संगम देखने को मिला।
समिति का मुख्य केंद्र ऐसे व्यावहारिक, किसान-केंद्रित राष्ट्रीय मानकों के विकास पर है, जो वैज्ञानिक दृष्टि से सशक्त और सामाजिक रूप से लागू करने योग्य हों।
कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. अमिताभ डे, डॉ. पी. सी. चंद्रन, डॉ. रोहन कुमार रमण, डॉ. अरती कुमारी, श्री बंडा साईनाथ तथा श्री उमेश कुमार मिश्र  द्वारा सफलतापूर्वक किया गया। डॉ. पी. सी. चंद्रन, प्रधान वैज्ञानिक, पशुधन एवं मत्स्य प्रबंधन प्रभाग द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ |

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