उम्र कोई सीमा नहीं! 90 वर्षीय व्यक्ति के रीढ़ की हुई सफल सर्जरी - पारस एचएमआरआई

उम्र कोई सीमा नहीं! 90 वर्षीय व्यक्ति के रीढ़ की हुई सफल सर्जरी - पारस एचएमआरआई

• स्पाइन सर्जन डॉ. गौतम आर. प्रसाद ने किया ऑपरेशन
पटना। 
गिरने के कारण रीढ़ की हड्डी में गंभीर फ्रैक्चर होने के बाद दानापुर के 90 वर्षीय रामचंद्र का पारस एचएमआरआई, पटना में हुई सफल सर्जरी के बाद न सिर्फ अपने पैरों पर खड़े हैं, बल्कि सामान्य जीवन भी जी रहे हैं। उम्र और स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों के बावजूद पारस एचएमआरआई की अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ अनुभवी डॉक्टरों द्वारा किए गए इलाज से उन्हें राहत मिल गयी। 
जानकारी के अनुसार, रामचंद्र घर में टहलते वक्त अचानक गिर पड़े थे। शुरुआत में उन्हें ज्यादा दर्द महसूस नहीं हुआ, लेकिन धीरे-धीरे दर्द इस कदर बढ़ गया कि वे करवट तक नहीं ले पा रहे थे। उठना-बैठना भी मुश्किल हो गया था।
परिजन उन्हें लेकर पारस एचएमआरआई पहुंचे, जहां जांच में पता चला कि उनकी रीढ़ की हड्डी में ओस्टियोपोरोटिक फ्रैक्चर हो गया है। यह एक ऐसी स्थिति होती है, जो उम्रदराज लोगों में हड्डियों के कमजोर होने के कारण होती है।
रामचंद्र की उम्र 90 साल से अधिक है। साथ ही उन्हें ब्लड प्रेशर और हृदय संबंधी समस्याएं भी थीं। ऐसे में शुरुआत में डॉक्टरों ने बिना ऑपरेशन इलाज की कोशिश की, लेकिन जब दवाओं से राहत नहीं मिली, तब फिजिशियन, कार्डियोलॉजिस्ट और अन्य विशेषज्ञों से परामर्श के बाद सर्जरी का फैसला लिया गया।
*स्पाइन सर्जन डॉ. गौतम आर. प्रसाद* की देखरेख में डेढ़ घंटे लंबी सर्जरी हुई, जो पूरी तरह सफल रही। डॉ. गौतम आर. प्रसाद ने बताया कि अब रामचंद्र न केवल बैठ पा रहे हैं, बल्कि चल-फिर भी रहे हैं और अपने रोजमर्रा के काम भी खुद करने लगे हैं। उन्होंने बताया कि अधिक उम्र में स्पाइन का ऑपरेशन मुश्किल तो जरूर है मगर यह असंभव नहीं है। अगर मरीज की शारीरिक क्षमता ठीक हो और उनमें इच्छाशक्ति हो तो ऐसी सर्जरी 90 साल की उम्र में भी संभव है।
पारस एचएमआरआई के *जोनल डायरेक्टर अनिल कुमार* ने कहा कि उम्र अधिक होने के कारण स्पाइन से जुड़ी समस्याओं को लोग नज़रंदाज़ कर देते हैं, लेकिन सही डॉक्टरों के देख-रेख में सर्जरी बेहतरीन तरीके से होती है। पारस एच एम आर आई हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम विश्वसनीय है, जहां गुणवत्तापरक इलाज होता है। 
*पारस एचएमआरआई के बारे में* 
पारस एचएमआरआई पटना ने 2013 में परिचालन शुरू किया। यह बिहार का पहला कॉर्पोरेट अस्पताल है जिसके पास परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड द्वारा लाइसेंस प्राप्त कैंसर उपचार केंद्र है। जून 2024 में एक्सेस किए गए एनएबीएच पोर्टल के अनुसार, पारस एचएमआरआई अस्पताल, पटना 2016 में एनएबीएच मान्यता प्राप्त करने वाला बिहार का पहला अस्पताल था। 30 सितंबर 2024 तक इस अस्पताल की बेड क्षमता 350 बेडों की है, जिसमें 80 आईसीयू बेड शामिल हैं।

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