पैदल और साइकिल पथ की मांग लिए साइकिल रैली सुरक्षित और स्वच्छ परिवहन सभी का मौलिक अधिकार
आज पटना शहर के अदालत गंज बस्ती के युवाओं ने 'साइकिल पर संडे' नाम से साइकिल यात्रा निकाली. यह साइकिल यात्रा अदालतगंज इस्कॉन मंदिर से होते हुए. R-ब्लॉक चौराहे और सचिवालय से होते हुए, वापस इस्कॉन मंदिर पर ही समाप्त हुई.
साइकिल रैली के माध्यम से युवाओं ने आम जन को जागृत करने की कोशिश की कि साइकिल दो तरफ़ा फ़ायदा देती है. एक पर्यावरण की बेहतरी के साथ अपना स्वास्थ्य भी ठीक रहता है. साइकिल रैली के दौरान पटना में शहरी परिवहन से जुड़े विभिन्न मुद्दों की तख्ती साइकिल पर लगा युवा चल रहे थे. जिनमें पटना के लिए साफ और सुरक्षित इलेक्ट्रिक बसों की मांग भी शामिल थी. पिछले वर्ष टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक खबर के अनुसार देश में दूसरे नंबर पर बिहार में 69 प्रतिशत परिवार साइकिल रखते हैं. लेकिन फिर भी राज्य की राजधानी पटना में भी पैदल और साइकिल से चलने वालों के लिए बुनियादी सुविधा लगभग नदारद है. जिन क्षेत्रों में फुटपाथ की व्यवस्था है वहाँ भी उनकी हालात इलनी खस्ताहाल है की इस्तेमाल के लायक नहीं. हालाँकि राष्ट्रिय स्तर पर भी पैदल और साइकिल सवारों के लिए हालात चिंताजनक ही हैं. 2011 जनगणना के अनुसार 36 प्रतिशत भारतीय साइकिल या पैदल काम पर जाने को प्राथमिकता देते हैं. और केवल 3 प्रतिशत कार और 13 प्रतिशत बाइक से काम पर जाते हैं. सड़कों पर सर्वाधिक शेयर होने के बावजूद हमारे शहर साइकिल और पैदल सवारों के लिए सुरक्षित नहीं है. सड़क और परिवहन मंत्रालय के रोड दुर्घटना रिपोर्ट के अनुसार केवल 2022 में 32,825 पैदल और 4,836 साइकिल सवारों ने अपनी जान सड़क दुर्घटनाओं में गंवाई है. ये आँकड़े बताते हैं की हमें अपने शहरों को साइकिल और पैदल चलने वालों के लिए स्रक्षित बनाने की जरुरत है. और ये जिम्मा बिहार विशेषकर पटना को उठाने की आवश्यकता है क्योकि देश में दूसरे सर्वाधिक साइकिल रखने वाले परिवारों की संख्या बिहार में ही है.
साइकिल रैली का आयोजन द क्लाइमेट एजेंडा की तरफ़ से चलाए जा रहे हरित सफ़र अभियान के तत्वाधान में किया गया. हरित सफ़र अभियान बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में समावेशी और सतत शहरी सार्वजनिक परिवहन की वकालत करते हुए साइकिल पर संडे, नुक्कड नाटक, युवा संवाद. स्टेकहोल्डर्स बैठकों का आयोजन कर रहा है. अभियान के तहत शहरों के भीतर EV बसों के परिचालन, पैदल और साइकिल के लिए सड़कों पर जगह जैसे सरकारी प्रयासों के सहयोग का लक्ष्य है. दरअसल नीति आयोग के अनुसार परिवहन देश में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के लिए ज़िम्मेदार तीसरा सबसे प्रमुख कारक है इसलिए NDC (Nationally Determined Contributions) लक्ष्यों को परिवहन को स्वच्छ और सुरक्षित बनाए बिना नहीं हासिल किया जा सकता.
साइकिल रैली में मुख्य रूप से शिवम, मुस्कान, विष्णु, अमन, कामोलिका, स्वीटी आदि शामिल हुए और क्लाइमेट एजेंडा की ओर से साइकिल रैली का संचालन प्रवीण कुमार सिंह और मनीष कुमार सिन्हा ने किया.
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