डीएम द्वारा लोक शिकायत एवं सेवा शिकायत के 32 मामलों की सुनवाई की गई तथा परिवादों का निवारण किया गया

डीएम द्वारा लोक शिकायत एवं सेवा शिकायत के 32 मामलों की सुनवाई की गई तथा परिवादों का निवारण किया गया

लोक शिकायत निवारण में लापरवाही के आरोप में दो लोक प्राधिकारों से स्पष्टीकरण करते हुए दंड लगाया गया 
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बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 एवं बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता; सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहेंः डीएम
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पटना, शुक्रवार, दिनांक 21.03.2025ः जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत द्वितीय अपील में तथा बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 के तहत प्रथम अपील में शिकायतों की सुनवाई की गयी और उसका निवारण किया गया। लोक शिकायत निवारण में लापरवाही बरतने के आरोप में दो लोक प्राधिकारों से स्पष्टीकरण किया गया एवं दंड लगाया गया।
  
डीएम डॉ. सिंह द्वारा आज लोक शिकायत एवं सेवा शिकायत के कुल 32 मामलों की सुनवाई की गई। 27 मामलों का ऑन द स्पॉट निवारण किया गया तथा 05 मामलों में अंतरिम आदेश पारित किया गया।

दरअसल अपीलार्थी कुमारी अलका, पता-अनुग्रह नारायण सिंह रोड, कदमकुँआ, पटना द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष लोक शिकायत निवारण हेतु द्वितीय अपील में वाद दायर किया गया है। अपीलार्थी की शिकायत भू-माफिया द्वारा उनकी जमीन पर अवैध कब्जा करके पाँच मंजिला मकान का निर्माण किए जाने के संबंध में है। एक अन्य मामले में आवेदक श्री राम विनोद शर्मा, थाना-दीघा, जिला-पटना द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष लोक शिकायत निवारण हेतु द्वितीय अपील में वाद दायर किया गया है। अपीलार्थी की शिकायत पारिवारिक बँटवारा-विलेख की शर्तों का अनुपालन कराने के संबंध में है। जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि दोनों थानाध्यक्षों द्वारा शिकायतों के निवारण में लापरवाही बरती जा रही है। एक माह पहले नोटिस होने के बावजूद इन दोनों लोक प्राधिकारों से प्रतिवेदन अप्राप्त है। ज़िलाधिकारी ने कहा कि यह अत्यंत खेदजनक है। लोक प्राधिकारों का यह व्यवहार लोक शिकायत निवारण की मूल भावना के प्रतिकूल है। उनकी इस कार्यशैली से आवेदक की समस्या का समाधान नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि यह उनकी स्वेच्छाचारिता, शिथिलता तथा संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है। लोक शिकायतों के निराकरण में अरूचि, लापरवाही तथा संवेदनहीनता के आरोप में दोनों लोक प्राधिकारों- थानाध्यक्ष, कदमकुँआ तथा थानाध्यक्ष दीघा- से स्पष्टीकरण किया गया। साथ ही दोनों के विरूद्ध एक-एक हजार रूपये का अर्थदंड भी लगाया गया। दोनों को निदेशित किया गया कि सुनवाई की अगली तिथि से पूर्व परिवादों का नियमानुसार निवारण करते हुए कृत कार्रवाई प्रतिवेदन के साथ सुनवाई में उपस्थित रहेंगे। 

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि लोक शिकायतों एवं सेवा शिकायतों का ससमय तथा गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। लोक प्राधिकारों को तत्परता प्रदर्शित करनी होगी।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 एवं बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहें।

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