तेलंगाना के सोसायटी फॉर एलिमिनेशन ऑफ रूरल पॉवर्टी (एसईआरपी) के 23-सदस्यीय डेलिगेशन ने आज जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह से भेंट की।
तेलंगाना के सोसायटी फॉर एलिमिनेशन ऑफ रूरल पॉवर्टी (एसईआरपी) के 23-सदस्यीय डेलिगेशन ने आज जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह से भेंट की। पटना समाहरणालय में आयोजित इस कार्यक्रम में दल द्वारा सतत जीविकोपार्जन योजना मॉडल को देखा गया तथा इसके क्रियान्वयन की जानकारी ली गई। उप विकास आयुक्त, पटना श्री समीर सौरभ ने दल को पटना जिला में जीविका की क्रियान्वयन एवं गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया। जिला कार्यक्रम प्रबंधक (जीविका), पटना श्री मुकेश सासमल द्वारा टीम के सदस्यों को जीविका की संरचना एवं कार्यों के बारे में जानकारी दी गई।
जिलाधिकारी ने कहा कि जीविका गरीबी उन्मूलन के लिए बिहार सरकार की एक अद्वितीय योजना है। इसके दूरगामी प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष प्रभाव देखे जा रहे हैं। प्रत्यक्ष प्रभावों में महिला रोजगार एवं सशक्तिकरण प्रमुख है। अप्रत्यक्ष प्रभावों में समाज सुधार एवं आने वाली पीढ़ियों के लिए अनुकूल माहौल शामिल है। जिलाधिकारी ने कहा कि जीविका से मुख्यतः गरीब परिवार जुड़ा हुआ है। जीविका से जुड़ने के बाद उनके जीवन-शैली में काफी परिवर्तन दिखाई पड़ रहा है। क्षेत्र भ्रमण के दौरान जीविका दीदियों से इन्टरैक्शन करने पर काफी रिमार्केबल चेंज देखने को मिलता है। महिलाएँ बैंकिंग शब्दावली का प्रयोग करती हैं। वे प्रोग्रेसिव शैली में कार्य-व्यवहार करती हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि ये सभी परिवर्तन राज्य सरकार की प्रतिबद्धता के कारण हुआ है। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर जिला कार्यक्रम प्रबंधक (जीविका) के पर्यवेक्षण में जीविका का एक डेडिकेटेड तंत्र क्रियाशील है। उप विकास आयुक्त, पटना इसका नियमित तौर पर अनुश्रवण करते हैं। पटना जिला में 5,00,117 घरों को जीविका से जोड़ा गया है। 41,643 सेल्फ-हेल्प ग्रुप, 2,753 ग्राम संगठन, 4,964 सामुदायिक कैडर तथा 65 क्लस्टर लेवल फेडरेशन है। वित्तीय समावेशन में सेल्फ-हेल्प ग्रुप में 142.5 करोड़ रुपया सेविंग तथा 1,709 करोड़ रुपया क्रेडिट है। जीविकोपार्जन में 1.58 लाख घरों को फार्म, 0.42 लाख घरों को बकरी पालन, 0.1 लाख घरों को पाउल्ट्री, 0.28 लाख घरों को डेयरी तथा 13,850 घरों को नॉन-फार्म गतिविधियों से जोड़ा गया है। सामाजिक विकास में 9,743 प्रशिक्षित युवक, 755 डिसएवल्ड पर्सन्स ग्रुप समावेशन तथा 4 कॉम्युनिटी लाईब्रेरी का संचालन किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि राज्य स्तर पर जीविका का एक सेपेरेट सेट-अप है। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में जीविका की सफलता का मुख्य कारण राजनैतिक कमिटमेंट है। माननीय मुख्यमंत्री इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं तथा उनके द्वारा स्वयं इसका मार्ग-दर्शन किया जाता है। क्षेत्र भ्रमण के दौरान माननीय मुख्यमंत्री जीविका दीदियों से संवाद स्थापित करते हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि जीविका दीदियों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में काफी उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है। स्वयं सहायता समूहों, अस्पतालों, आवासीय विद्यालयों एवं अन्य विभिन्न संस्थानों में दीदी की रसोई इत्यादि के माध्यम से रोजगार तथा महिला सशक्तिकरण के मार्ग को प्रशस्त किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा जीविका दीदियों को सभी प्रशासनिक सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत जीविका मछली उत्पादक समूहों को तालाबों का प्राथमिकता के आधार पर आवंटन किया जाता है। बैंक लिंकेज सहित सभी सुविधा प्रदान की जाती है।
तेलंगाना से आए दल के सदस्यों ने फीडबैक देते हुए पटना में जीविका के सफल क्रियान्वयन पर हर्ष व्यक्त किया। जिलाधिकारी ने कहा कि आँध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में भी जीविका-सदृश एक सुदृढ़ संरचना है। टीम के सदस्यों द्वारा दिए गए फीडबैक पर कार्य की जाएगी। जीविका की सहायता हेतु सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध है।
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