
बिहार दिवस 2025: बिहार दिवस में दिखेंगी विविध उद्योगों की झलकियां
पटना, 21 मार्च 2025: उद्योग विभाग, बिहार सरकार द्वारा इस वर्ष भी पटना के गांधी मैदान में बिहार दिवस भव्य रूप से मनाया जा रहा है। 22 से 26 मार्च 2025 तक आयोजित इस समारोह में बिहार की समृद्ध कला, संस्कृति, परंपरागत उद्योगों और आत्मनिर्भर बिहार की झलक देखने को मिलेगी।
इस भव्य आयोजन के अंतर्गत 100 विशेष स्टॉल और 10 लाइव डेमो प्रस्तुतियां लगाई जा रही हैं, जहां राज्य के परंपरागत उद्योगों, हथकरघा, हस्तशिल्प और स्थानीय कारीगरों द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी एवं बिक्री की जाएगी। उद्योग विभाग का यह प्रयास राज्य के कारीगरों, उद्यमियों और स्थानीय व्यवसायों को व्यापक मंच प्रदान करने और उनके उत्पादों को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
**प्रदर्शनी के मुख्य आकर्षण **
**हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग**
- भागलपुरी सिल्क, तसर सिल्क, कोसा सिल्क और सूती वस्त्रों का अनूठा प्रदर्शन
- आत्मनिर्भर भारत की प्रेरणा, शुद्ध और प्राकृतिक खादी वस्त्रों की उत्कृष्ट श्रृंखला
**हस्तशिल्प एवं पारंपरिक चित्रकला**
- मधुबनी पेंटिंग: मिथिला की विश्वप्रसिद्ध कला, जो अपनी विशिष्ट शैली और जीवंत रंगों के लिए प्रसिद्ध है
- मंजूषा पेंटिंग: बिहार की पौराणिक परंपरा को दर्शाने वाली अनूठी लोककला
- टिकुली पेंटिंग: कांच पर सोने की चमक और जीवंत रंगों से बनी पारंपरिक कला
**हस्तनिर्मित शिल्प एवं कारीगरी**
- सिक्की शिल्प: सूखे घास से निर्मित आकर्षक हस्तशिल्प
- सुजनी कढ़ाई: पारंपरिक कढ़ाई से सुसज्जित वस्त्र
- पेपर माचे, टेराकोटा, बांस-बेंत शिल्प: मिट्टी, कागज और प्राकृतिक सामग्रियों से निर्मित टिकाऊ उत्पाद
- चमड़ा शिल्प, लाह शिल्प, जूट और शंख शिल्प: बिहार की समृद्ध कारीगरी को दर्शाने वाले अनूठे हस्तशिल्प
**खाद्य प्रसंस्करण**
- बिहार के प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का प्रदर्शन एवं बिक्री
कारीगरों और उद्यमियों को मंच
उद्योग विभाग, बिहार सरकार इस आयोजन के माध्यम से राज्य के कारीगरों, बुनकरों और हस्तशिल्प कलाकारों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने का कार्य कर रहा है। इसके तहत विभिन्न सरकारी योजनाओं, स्टार्टअप सहायता और मार्केटिंग प्लेटफार्मों की भी जानकारी दी जाएगी।
इसके साथ ही बिहार की गौरवशाली कला, संस्कृति और परंपराओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने के लिए ‘बिहार उत्सव 2025’ का आयोजन दिल्ली हाट, आईएनए में 16 मार्च से 31 मार्च तक किया जा रहा है। इस भव्य उत्सव में बिहार के ग्रामीण कारीगर, बुनकर और हस्तशिल्पी अपनी अनमोल कृतियों के साथ उपस्थित हैं, जिससे आगंतुक बिहार की विशिष्ट कला और शिल्प को करीब से अनुभव कर सकेंगे।
विशेष रूप से बिहार एवं दिल्ली में 22 मार्च को बिहार दिवस के उपलक्ष्य में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भव्य प्रस्तुति भी की जाएगी, जिसमें पारंपरिक लोक संगीत और नृत्य बिहार की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत बनाएंगे।
उद्योग विभाग, बिहार सरकार, सभी नागरिकों, पर्यटकों और व्यापारिक प्रतिनिधियों को इस भव्य आयोजन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है। आइए, एक बार फिर बिहार की इस गौरवशाली परंपरा का हिस्सा बनें और राज्य के उद्योग, कला व संस्कृति को बढ़ावा दें।
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