जिलाधिकारी पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, द्वारा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा दत्तक ग्रहण के संबंध में जारी मार्गदर्शिका 2022 के दिशानिर्देशों के अनुरूप तीन बच्चों को गोद दिए जाने की प्रक्रिया पूरी की गई।
आज जिलाधिकारी पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, द्वारा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा दत्तक ग्रहण के संबंध में जारी मार्गदर्शिका 2022 के दिशानिर्देशों के अनुरूप तीन बच्चों को गोद दिए जाने की प्रक्रिया पूरी की गई।
पटना स्थित अरुणोदय, विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में आवासित दो बच्चों को उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल के दंपतियों द्वारा गोद लिया गया, जबकि SAA-CCI Linkage के तहत वृहद आश्रय गृह, यूनिट-1 में आवासित छः वर्ष से अधिक उम्र के एक बालक को इटली के दंपति द्वारा गोद लिया गया।
वर्तमान में पटना जिले में छः वर्ष से अधिक उम्र के 17 बच्चों को दत्तक ग्रहण प्रक्रिया से जोड़ा गया है। फैमिली कोर्ट की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए, किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 में संशोधन कर जिलाधिकारी को दत्तक ग्रहण आदेश जारी करने हेतु प्राधिकृत किया गया। इस संशोधन के बाद जिलाधिकारी, पटना द्वारा अब तक कुल 76 दत्तक ग्रहण आदेश जारी किए गए।
उदय कुमार झा ,सहायक निदेशक ,जिला बाल संरक्षण इकाई ने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित www.cara.wcd. gov.in पोर्टल पर कई ऐसे दंपति वर्षों से दत्तक ग्रहण की प्रतीक्षा में हैं। हाल ही में दत्तक ग्रहण विनियमों में संशोधन के बाद प्रक्रिया में तेजी आई है, जिससे अधिकाधिक बच्चों को नए परिवारों से जोड़ा जा रहा है।
जिलाधिकारी, पटना ने कहा कि अनाथ एवं परित्यक्त बच्चों को माता-पिता का प्यार और एक सुरक्षित भविष्य प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन पूरी तत्परता से कार्य कर रहा है। उन्होंने दंपतियों से अपील की कि यदि वे किसी बच्चे को गोद लेना चाहते हैं, तो इसके लिए जिला प्रशासन हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगा।
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