अखिल भारतीय स्वास्थ्य एवं एनएचएम कर्मचारी महासंघ बीएमएस राष्ट्रीय स्तर पर 18 मार्च को जिला पदाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम सौंपेगा मांग पत्र।

अखिल भारतीय स्वास्थ्य एवं एनएचएम कर्मचारी महासंघ बीएमएस राष्ट्रीय स्तर पर 18 मार्च को जिला पदाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम सौंपेगा मांग पत्र।

 राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह प्रदेश सचिव ललन कुमार सिंह 

      स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के अन्तर्गत देश भर में संचालित स्वास्थ्य एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से सम्बंधित स्कीम व प्रोग्राम संचालित होते हैं जिनके अन्तर्गत ,चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ, डाटा इन्ट्री आपरेटर, नर्सिंग आफिसर, ए.एन.एम, लैब टेक्निशियन, एस टी एस, एस टी एल एस,सी.एच.ओ, पब्लिक हेल्थ कैडर स्टाफ, टीबीएचवी, आपातकाल एंबुलेंस सेवा 108,102 कंपनियों के अधीन आदि-आदि वर्ग कार्यरत हैं, अखिल भारतीय उपाध्यक्ष  सह प्रदेश सचिव ललन कुमार सिंह एवं संगठन मंत्री  सह प्रदेश महासचिव विकास शंकर ने बताया स्वास्थ्य क्षेत्र में 85 % के लगभग पूरे देश में कर्मचारी हैं जिनका निरंतर शोषण किया जा रहा है जिनकी संख्या लगभग 5 लाख से अधिक है। किन्तु वर्तमान में भी इनसे अत्यन्त अल्प वेतन पर काम करवा जा रहा है जो दूर्भाग्यपूर्ण है। कोरोना काल में इनका योगदान समाज सेवा में सराहनीय रहा है लेकिन अधिकांश कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा नहीं दी गई। लेकिन इनके समरूप कार्य करते स्थाई-वर्ग कर्मचारी अच्छा वेतन पा रहा है और अन्य तमाम सामाजिक सुरक्षा के पात्र है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में पीड़ित कर्मचारी वर्ग द्बारा अपनी समस्याओं के चलते देश भर में सरकारों का ध्यानकर्षण करने बारे भारतीय मजदूर संघ के नेतृत्व में वर्ष 2022 गाजियाबाद उत्तर प्रदेश में महासंघ की नींव रखी निरंतरता बनाए हुए अखिल भारतीय स्वास्थ्य एवं एनएचएम कर्मचारी महासंघ (भारतीय मजदूर संघ) का "द्वितीय (2nd) त्रिवार्षिक अधिवेशन" हाल ही में जो 14 एवं 15 फरवरी, 2025 को आईएमए हॉल, पटना - बिहार में सम्पन्न हुआ। दो दिनों में विभिन्न राज्यों से आए हुए प्रतिनिधियों द्वारा विभिन्न सत्रों में विस्तृत चर्चा हुई तथा अधिवेशन में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि दिनांक 18 मार्च 2025 को भारतीय मजदूर संघ के आहवान पर सभी स्कीम वर्कर है अपनी जायज मांगों के संदर्भ में ज्ञापन सौंपेंगे और कर्मचारीयों की आवाज को भारत सरकार तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

सम्बंधित मांगें निम्नलिखत है -
1) स्वास्थ्य एवं एन.एच.एम कर्मियों को नीतिगत तौर पर सरकारी कर्मचारी घोषित किया जावे नीति बनाने तक मांग पत्र अनुसार मांग पुरी कि जाएं।
2) स्वास्थ्य एवं एन.एच.एम कर्मियों के लिए कर्मचारी कल्याण बोर्ड या आयोग की स्थापना किया जाये।
3) ‘‘एक राष्ट्र, एक स्वास्थ्य और एक मानव संसाधन’’ नीति का राष्ट्रव्यापी क्रियान्यवयन किया जाये।
4) स्वास्थ्य एवं एन.एच.एम के समस्त कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा के तहत पी.एफ, पेंशन, ग्रेच्यूटी का भुगतान तथा ई.एस.आई. और जीवन, स्वास्थ्य बीमा एवं चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सुविधा प्रदान किया जाये। 
5) स्वास्थ्य और एनएचएम कर्मियों को सातवें वेतन आयोग के अनुसार "समान काम के लिए समान वेतन" का लाभ दिया जाए। सेवानिवृत्ति के बाद, उन्हें 10 लाख रुपये की एकमुश्त ग्रेच्युटी दी जानी चाहिए, तथा सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष निर्धारित की जाए, ताकि उनके पूरे कार्यकाल के दौरान नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इसके अतिरिक्त, उन्हें यात्रा भत्ता (केन्द्र शासित प्रदेशों,आदिवासी और द्वीप परिवहन को कवर करते हुए), महंगाई भत्ता, ओवरटाइम वेतन, विशेष भत्ते, आकस्मिक-अर्जित-स्वास्थ्य अवकाश, बोनस, स्थानांतरण नीति और स्थायी कर्मचारियों को प्रदान किए जाने वाले अन्य सभी लाभों सहित व्यापक लाभों के साथ वेतन वृद्धि जिसके हकदार है मिलना चाहिए।
6) केंद्र और राज्य सरकार की आगामी भर्तियों में स्वास्थ्य और एनएचएम कर्मचारियों को आयु में छूट, वरीयता और महत्व, निशर्त (preference, and weightage) दिया जाए, अवैध रूप से अधिकारी वर्ग द्बारा कार्य से मुक्त किए ऐसे तमाम कर्मचारीयो को सभी राज्य मे संघ, महासंघ को विभागीय जांच कमेटी में रखते हुए जांच उपरांत निर्दोष साबित होने पर पुनः बहाल किया जाएं।
7) वंचित प्रदेशों मेआऊटसोर्स पर लगे स्वास्थ्य एवं एन.एच.एम के अन्तर्गत स्कीम वर्कर को सरकार के माध्यम से (सोसायटी या सरकारी एजेंसी बोर्ड निगम बना ) सीधा भुगतान, वेतन देना सुनिश्चित किया जाए 
जारी कर्ता:-
अखिल भारतीय उपाध्यक्ष सह प्रदेश सचिव 
ललन कुमार सिंह

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