गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र में ‘हर घर नल का जल’ योजना के तहत भू-जल पर आधारित सभी योजनाओं में  जलापूर्ति  Deep  tube well के माध्यम से की जा रही है : लोक स्वस्थ अभियंत्रण विभाग

गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र में ‘हर घर नल का जल’ योजना के तहत भू-जल पर आधारित सभी योजनाओं में जलापूर्ति Deep tube well के माध्यम से की जा रही है : लोक स्वस्थ अभियंत्रण विभाग


जल गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु राज्य, जिला एवं अवर प्रमंडलीय स्तर पर प्रयोगशालाओं की व्यवस्था
बिहार  राज्य में भूजल  में मुख्यतः तीन प्रकार के गुणवत्ता दोष (Quality Problem) यथा आर्सेनिक , फ्लोराईड एवं आयरन की समस्या है | आर्सेनिक की समस्या से 14 जिलों के  4742  वार्ड , फ्लोराईड  में 11 जिलों के 3791 वार्ड आयरन से 12 जिलों के 21739 वार्ड प्रभावित हैं | 
गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र में ‘हर घर नल का जल’ योजना के तहत भू-जल पर आधारित सभी योजनाओं में  जलापूर्ति  Deep  tube well के माध्यम से की जा रही है | 
विभाग सभी ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ पीने योग्य जलापूर्ति करने के लिए सतत्  प्रयत्नशील है | स्थापित की गयी सभी  जलापूर्ति योजनाओं से आवश्यकतानुसार जल शोधन संयंत्र (WTP) के माध्यम से  शुद्ध  पेयजल की आपूर्ति ग्रामीणों को की जाती है | आपूर्ति की जा रही जल के नमूनों का विभागीय प्रोटोकॉल के अनुरूप जाँच की जाती है | जल गुणवत्ता की सुनिश्चितता के लिए जल नमूनों के जाँच हेतु लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा पटना में राज्य  स्तर पर  एक अत्याधुनिक राज्य स्तरीय जल जाँच  प्रयोगशाला छज्जूबाग, पटना में स्थापित है, जबकि प्रत्येक जिले में एक जिला स्तरीय जल जाँच प्रयोगशाला कार्यरत है। इसके अलावा अवर प्रमंडल स्तर पर भी 75 जल जाँच प्रयोशाला कार्यरत है | वर्तमान में 38 जिलों में से 35 जिलों में जिला स्तरीय प्रयोगशालाएं संचालित हैं, जबकि भागलपुर, मुजफ्फरपुर और पटना में क्षेत्रीय प्रयोगशालाएं कार्य कर रही है | स्थापित प्रयोगशाला के द्वारा जल जाँच भारतीय मानक IS:10500-2012  के तहत शुद्ध पेयजलापूर्ति  सुनिश्चित करने हेतु योग्य रसायनज्ञों के द्वारा जल नमूनों की जाँच की जाती है | सभी जिला प्रयोगशाला में आर्सेनिक,फ्लोराईड एवं आयरन के जाँच की सुविधा उपलब्ध है | विभाग के एक और महत्वपूर्ण पहल के तहत राज्य स्तरीय जल जांच प्रयोगशाला  में नवीनतम तकनीकों से सुसज्जित ICP-OES (Inductively Coupled Plasma Optical Emission Spectroscopy) उपकरण लगाया है, जिससे जल में पाए जाने वाले भारी धातुओं (Heavy Metals) यथा; आर्सेनिक,आयरन, अल्युमिनियम,क्रोमियम,कॉपर,लेड, पारा,निकेल,थैलियम,जिंक,मैगनीज़ की सटीक जांच की जाती है। यह मशीन एक साथ 64 प्रकार के पैरामीटर का विश्लेषण करने में सक्षम है । इसके अतिरिक्त, AAS (Atomic Absorption Spectrometry) मशीन भी स्थापित की गई है, जो भारी धातुओं की मौजूदगी की सटीक पहचान करती है।
जल परीक्षण सुविधाओं की सुदृढ़ता बनाने हेतु 38 राज्यस्तरीय प्रयोगशाला में से 12 प्रयोगशालाएं NABL (राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेट्रीज) से मान्यता प्राप्त कर चुकी हैं तथा शेष 26 में यह प्रक्रियाधीन है | 16 अन्य प्रयोगशालाओं का NABL ऑडिट पूरा हो चुका है। इसके अतिरिक्त, भभुआ और अरवल में NABL मान्यता करने हेतु प्रक्रियाधीन है।
इसके अलावा राज्य में कुल 75 अवर प्रमंडलीय प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं। अवर प्रमंडलीय प्रयोगशालाओं में जल गुणवत्ता की जाँच के लिए 14 पैरामीटर पर जांच की सुविधा उपलब्ध है, जिला स्तरीय प्रयोगशालाओं में  15 पैरामीटर पर जल जाँच की सुविधा उपलब्ध है। 
वर्ष 2020 मे केन्द्रीय भूमिजल बोर्ड द्वारा राज्य के 634 जल नमूनो के जाँच के उपरान्त प्रकाशित प्रतिवेदन मे राज्य के 9 जिलो के 11 श्रोतो मे मानक से अधिक यूरेनियम पाया जाना प्रतिवेदित किया गया था। विभाग द्वारा  भी 10 जिलो के जल नमूनो मे यूरेनियम का जाँच CGWB के प्रयोगशाला मे करवाया गया जिसमे 19 नमूनो मे यूरेनियम मानक से अधिक पाया गया । विभाग के द्वारा मानक से अधिक यूरेनियम पाए गए सभी श्रोतो को चिन्हित कर जल गुणवता का अनुश्रवण जिला एंव राज्य स्तर पर किया जा रहा है। विभाग द्वारा चिन्हित सभी जल श्रोतो के पानी का उपयोग पीने एंव खाना बनाने हेतु पूर्णतया निषिद्ध करने का निदेश निर्गत है।
राज्य स्तरीय जल जाँच प्रयोगशाला  में जल की शुद्धता जांचने के लिए 17 पैरामीटर निर्धारित किए गए हैं जो राज्य के विभिन्न जिलों से जल नमूनों की जाँच कर इसका प्रतिवेदन संबंधित जिला एवं इसकी कॉपी मुख्यालय को दी जाती है साथ ही राज्य स्तरीय प्रयोगशाला में जल जाँच के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की इस पहल से जल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और सुरक्षित पेयजल आपूर्ति की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। जल गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में  विभाग के पहल से राज्य में जल जनित रोगों की रोकथाम और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने में काफी मदद मिल रही है |

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