जिलाधिकारी ने नीलाम पत्र वादों का त्वरित निष्पादन करने का अधिकारियों को दिया निदेश
सरकारी राशि की वसूली करने में शिथिलता बर्दाश्त नहींः डीएम
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पटना, सोमवार, दिनांक 10.02.2025ः समाहर्ता-सह-जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने अधिकारियों को नीलाम पत्र वादों का कैम्प मोड में त्वरित गति से निष्पादन करने का निदेश दिया है। वे आज समाहरणालय स्थित सभागार में इस विषय पर आयोजित बैठक में पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। इस बैठक में अपर समाहर्त्ता, प्रभारी पदाधिकारी नीलाम पत्र शाखा, सभी नीलाम पत्र पदाधिकारी एवं अन्य भी उपस्थित थे।
समाहर्ता द्वारा बैठक में नीलाम पत्र वाद में प्रगति की समीक्षा की गई तथा अद्यतन स्थिति का जायजा लिया गया। समीक्षा में पाया गया कि 01 अप्रैल, 2024 से 31 जनवरी, 2025 तक 2,500 नीलाम पत्रवादों को निष्पादित किया गया है जिसमें जनवरी, 2025 के 678 निष्पादित वाद शामिल है। कुल 29,709.64 लाख रूपये अर्थात 297 करोड़ रूपये से अधिक की वसूली की गई है जिसमें जनवरी, 2025 में 918.12 लाख रूपये अर्थात 9 करोड़ रूपये से अधिक की वसूली भी शामिल है। ज़िलाधिकारी ने कहा कि नीलाम पत्र वादों के निष्पादन में जिला में अच्छी प्रगति है। उन्होंने कहा कि सरकार के विभागों, बैंकों तथा अन्य एजेंसियों की बड़ी राशि निहित है। यह चिंताजनक है। अपर समाहर्त्ता को निदेश दिया गया कि वादों के निष्पादन में प्रगति की नियमित समीक्षा करें। सभी नीलाम पत्र पदाधिकारियों को निदेश दिया कि विभिन्न सरकारी विभागों, राष्ट्रीय बैंकों, सहकारी बैंकों एवं सरकारी लोक उपक्रमों के लंबित नीलाम पत्र वादों का तेजी से निपटारा कराएँ। कार्य में तेजी लाने के लिए नीलाम पत्र वादों का शत-प्रतिशत कम्प्यूटरायजेशन सुनिश्चित रखें। अभी तक के प्रतिवेदन के अनुसार 33,905 नीलामपत्र वादों में केवल 27,656 वादों अर्थात 81.57 प्रतिशत वादों की ही ऑनलाइन इंट्री की गई है। जिलाधिकारी द्वारा इसमें तेज़ी लाने का निर्देश दिया गया। पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि विभागवार एवं बैंकवार सन्निहित राशि का विवरण संधारित रखें एवं तदनुसार कार्रवाई करें। जिले में पदस्थापित पदाधिकारियों में सर्टिफिकेट वादों का विवेकसम्यक समानुपातिक रूप से वितरण किया जाए ताकि उसका निष्पादन त्वरित गति से हो सके। अभी जिला में नीलाम पत्र वाद के 98 कोर्ट है।
जिलाधिकारी ने नीलाम पत्र अधिकारियों को अधियाची विभाग से समन्वय स्थापित कर कार्यों में तेज़ी लाने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि बकायेदारों के विरुद्ध शत प्रतिशत नोटिस निर्गत होना चाहिए। जिलाधिकारी ने पदाधिकारियों को पाँच बड़े बकाएदारों तथा पाँच सबसे पुराने मामलों को प्राथमिकता के आधार पर विशेष रूचि लेते हुए एक सप्ताह के अंदर निष्पादित करने का निदेश दिया।
जिलाधिकारी द्वारा नीलाम पत्र की शक्ति प्राप्त पदाधिकारियों को सप्ताह में कम-से-कम दो दिन निश्चित रूप से कोर्ट कर वादों का तीव्र गति से नियमानुसार निष्पादन करने का निदेश दिया गया। उन्होंने निदेश दिया कि पुराने वादों में नोटिस भेजने के पश्चात भी देनदार द्वारा राशि जमा नहीं किए जाने पर राजस्व की वसूली हेतु बॉडी वारंट एवं डिस्ट्रेस वारंट निर्गत किया जाए। समीक्षा में पाया गया कि अभी तक 1,214 बॉडी वारंट एवं 225 डिस्ट्रेस वारंट निर्गत किया गया है। जिलाधिकारी द्वारा पदाधिकारियों को निदेश दिया गया कि वारंट का विधिवत तामिला कराया जाए। स्थानीय थाना का सहयोग लिया जाए। बॉडी वारंट तथा डिस्ट्रेस वारंट लंबित नहीं रहना चाहिए। बकायेदारों से राशि की शत-प्रतिशत वसूली की जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि उनके स्तर से नीलाम पत्र वादों के निष्पादन में प्रगति की नियमित समीक्षा की जा रही है। निष्पादन में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि इन वादों का ससमय निष्पादन प्रशासनिक व्यवस्था की संवेदनशीलता एवं कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक है। संबंधित पदाधिकारीगण इसके प्रति सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें।
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