बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण आपदाओं से होनेवाले नुकसान को कम करने की दिशा में निरंतर सचेष्ट है

बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण आपदाओं से होनेवाले नुकसान को कम करने की दिशा में निरंतर सचेष्ट है

बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण आपदाओं से होनेवाले नुकसान को कम करने की दिशा में निरंतर सचेष्ट है। प्राधिकरण की ओर से संचालित किए जा रहे विविध कार्यक्रमों व गतिविधियों में आधुनिकतम तकनीकी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सूचना प्रौद्योगिकी (आई.टी.) क्षेत्र की देश की सबसे बड़ी लब्धप्रतिष्ठित सेवा व परामर्शदातृ संस्था टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टी.सी.एस.) के साथ दिनांक 20 जनवरी, 2025 को राजधानी पटना में सरदार पटेल भवन स्थित प्राधिकरण कार्यालय में एक समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किया गया। एम.ओ.यू. पर टी.सी.एस. की ओर से इसके नेशनल हेड (सेल्स एंड रिलेशनशिप, स्टेट गवर्नमेंट बिजनेस) श्री चांद के. रैना और प्राधिकरण की ओर से सचिव मो. वारिस खान, भा.प्र.से. ने दस्तखत किए। करारनामे का हस्तांतरण प्राधिकरण के माननीय उपाध्यक्ष डाॅ. उदय कांत एवं माननीय सदस्य श्री पारस नाथ राय, माननीय सदस्य श्री नरेन्द्र कुमार सिंह और माननीय सदस्य श्री प्रकाश कुमार की सादर उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस अवसर पर प्राधिकरण के विशेष सचिव श्री आशुतोष सिंह और सलाहकार (तकनीक) डा. बी.के. सहाय के साथ टी.सी.एस. के वरीय अधिकारी कार्तिवेल पेरूमल, सुमंत कुमार सिंह और विजय प्रताप भी मौजूद थे।
आपदा प्रबंधन के बदले परिदृश्य में भूकंपरोधी भवनों के निर्माण को बढ़ावा देने एवं पूर्व में निर्मित मकानों की रेट्रोफिटिंग कर उन्हें भूकंपरोधी बनाने की दिशा में प्राधिकरण कार्य कर रहा है। इसके तहत राज्य के सभी जिलों में भूकंप सुरक्षा क्लिनिक सह परामर्श केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। माननीय मुख्यमंत्री के दिशानिर्देश पर इन केंद्रों को मल्टी डिजास्टर सेफ्टी क्लिनिक के रूप में अपग्रेड किया जाना है। इसके लिए आधुनिकतम तकनीकों, यथा - आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.), आॅग्यूमेंटेड रियलिटी (ए.आर.), वर्चुअल रियलिटी (वी.आर.) और मशीन लर्निंग (एम.एल.) आदि का सहारा लिया जाएगा। करारनामे के तहत टी.सी.एस. की दक्ष टीम इस कार्य को अंजाम देगी। 

इस अवसर पर माननीय उपाध्यक्ष डा. उदय कांत ने कहा कि आधुनिक समय में प्राकृतिक आपदाओं के प्रति जागरूकता और पूर्व तैयारी आवश्यक है। जब हमारे आसपास भूकंप या अगलगी जैसी घटनाएँ होती हैं, तो सही दिशा-निर्देश मिलना बहुत महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, जब भूकंप आता है, तो हमें घबराने के बजाय स्थिर रहकर सुरक्षित स्थान पर जाना चाहिए। वर्चुअल रियलिटी तकनीक का उपयोग करके हम आपदाओं से निपटने की तैयारी कर सकते हैं। आधुनिक तकनीक का लाभ उठाकर, उपग्रहों से निगरानी कर हम प्राकृतिक आपदाओं की पूर्व चेतावनी प्राप्त कर सकते हैं। गांवों में पर्यावरण के अनुकूल वृक्षारोपण और प्राकृतिक संतुलन बनाए रखना भी आवश्यक है। यह सभी उपाय हमारी सुरक्षा और भविष्य की पीढ़ियों के लिए आवश्यक हैं।
 
गौरतलब है कि बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण राज्य में आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन एवं क्रियान्वयन कर रहा है। इस संदर्भ में विभिन्न आपदाओं के परिप्रेक्ष्य में पूर्व तैयारी एवं क्षमतावर्द्धन संबंधी कार्यक्रमों को आयोजन किया जाता है। आपदाओं के प्रति जनजागरूकता हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार का सहारा लिया जाता है।

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