डाक टिकटों का संग्रहण एक शौक नहीं, बल्कि यह इतिहास, कला और संस्कृति का अनूठा संग्रह : डॉ. दिलीप जायसवाल

डाक टिकटों का संग्रहण एक शौक नहीं, बल्कि यह इतिहास, कला और संस्कृति का अनूठा संग्रह : डॉ. दिलीप जायसवाल

*बिहार डाक टिकट प्रदर्शनी पुरस्कार वितरण सह समापन समारोह में पहुंचे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल, कहा - ऐसे आयोजन अतीत से जोड़ती है*

*डाक टिकटों के जरिए उस दौर के राजनीतिक, सामाजिक व सांस्कृतिक परिवेश को भी समझा जा सकता है : डॉ. दिलीप जायसवाल*

पटना, 30 नवंबर। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह बिहार के राजस्व और भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने आज  ज्ञान भवन में डाक विभाग द्वारा आयोजित डाक टिकट प्रदर्शनी BIPEX- 2024 में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि डाक टिकटों का संग्रहण, केवल एक शौक नहीं, बल्कि यह एक इतिहास, कला और संस्कृति का अनूठा संग्रह है। 

बतौर मुख्य अतिथि  इस समारोह में उपस्थित भाजपा अध्यक्ष डॉ. जायसवाल इस भव्य, दिव्य, अद्वितीय आयोजन के लिए श्री अनिल कुमार, चीफ पोस्ट मास्टर जनरल बिहार एवं इस आयोजन को सफल बनाने में लगे सभी डाक कर्मयोगियों को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा, " इस आयोजन का उद्देश्य न केवल डाक टिकटों के संग्रह की कला को प्रोत्साहित करना है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर, ऐतिहासिक घटनाओं, और समृद्ध विविधता को दर्शाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी है। फिलेटली यानी डाक टिकटों का संग्रहण, केवल एक शौक नहीं है, बल्कि यह एक इतिहास, कला और संस्कृति का अनूठा संग्रह है। प्रत्येक डाक टिकट अपने आप में एक कहानी समेटे हुए है, जो हमें अतीत से जोड़ती है और वर्तमान के साथ जोड़ने का कार्य करती है।"

भाजपा अध्यक्ष डॉ. जायसवाल ने कहा कि जब हम एक डाक टिकट को देखते हैं, तो हम न केवल उस पर छपी छवि या चित्र को देखते हैं, बल्कि हम उस डाक टिकट के माध्यम से उस समय के राजनीतिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक परिवेश को भी समझ सकते हैं। जैसा कि मुझे ज्ञात है कि पिछले दो दिनों के आयोजन में स्वर कोकिला शारदा सिन्हा, बिहार के शक्तिपीठ, मंडन मिश्र शंकराचार्य शास्त्रार्थ, वेद और उपनिषद, मौर्यकालीन कला एवं सिक्कों पर विशेष आवरण जारी करके डाक टिकटों के माध्यम से आपने जो बिहार से जुड़ी कला संस्कृति और पहचान को साझा करने का कार्य किया है ।

उन्होंने इसे सराहनीय सोच बताते हुए कहा कि आज भी एक विशेष आवरण जो देश के स्वतंत्रता सेनानी रामनाथ रस्तोगी व्याकुल से संबंधित है का विमोचन मुझे करने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। इसके लिए भी मैं हृदय की गहराईयों से चीफ पोस्ट मास्टर जनरल अनिल कुमार का धन्यवाद करता हूं।
उन्होंने कहा, " बीपेक्स 2024 प्रदर्शनी में प्रदर्शित डाक टिकटों का संग्रह इस बात का प्रमाण है कि फिलेटली एक बहुमूल्य धरोहर है, जो किसी भी देश की पहचान, उसकी समृद्धि, और उसकी ऐतिहासिक धरोहर को प्रकट करता है। इस प्रदर्शनी में हम न केवल पुराने और दुर्लभ डाक टिकटों को देख रहे हैं, बल्कि यह एक प्रेरणा का स्रोत भी है, जो हमें आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए इस कला रूप को संरक्षित करने की प्रेरणा देती है।"

उन्होंने जोर देकर कहा कि इस प्रदर्शनी में विश्व का पहला डाक टिकट कॉपर टिकट को भी प्रदर्शित किया गया है जो बिहार वासियों के लिए निःसंदेह आकर्षण का केन्द्र है। साथ में हरकारा के बारे में जानना एवं डाक टिकटों को डिजीटल माध्यम से देखना अपने-आप में अद्भूत है और  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजीटल इंडिया के सपनों को साकार करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है।

इस प्रदर्शनी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि पटना में यह अद्भुत आयोजन बिहारवासियों के लिए विशेष महत्त्व रखता है, क्योंकि यह शहर न केवल अपनी ऐतिहासिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ के लोग भी कला और संस्कृति के प्रति अपनी रुचि और उत्साह के लिए जाने जाते हैं। 

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि यहाँ के नागरिकों में जो फिलेटली के प्रति प्रेम और जोश है, वह इस प्रदर्शनी की सफलता की गारंटी है। इस आयोजन में नारी शक्तियों के लिए विशेष रूप से डाक विभाग द्वारा एक दिन समर्पित किया गया था जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारी शक्ति वंदन के सोच को आपके माध्यम से चरितार्थ करने का काम किया गया है।

उन्होंने आगे कहा, " हम सबको यह समझने की आवश्यकता है कि फिलेटली केवल डाक टिकटों का संग्रहण नहीं है, बल्कि यह इतिहास को संजोने, उसे समझने और आने वाली पीढ़ियों को उस पर गर्व करने का एक अद्भुत तरीका है। हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम इस कला रूप को न केवल संरक्षित करेंगे बल्कि इसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।" 

अंत में उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि बीपेक्स 2024 आप सभी के लिए एक यादगार और प्रेरणादायक अनुभव होगा।

इस मौके पर लेखन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमे विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने हिस्सा लिया। इसके बाद सफल प्रतिभागियों को  राजस्व और भूमि सुधार मंत्री डॉ. जायसवाल द्वारा पुरस्कृत किया गया।

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