बिहार कौशल विकास मिशन द्वारा तीन दिवसीय लर्निंग फेसिलिटेटर प्रशिक्षण-सह-मूल्यांकन कार्यक्रम का शुभारंभ

बिहार कौशल विकास मिशन द्वारा तीन दिवसीय लर्निंग फेसिलिटेटर प्रशिक्षण-सह-मूल्यांकन कार्यक्रम का शुभारंभ


पटना: बिहार कौशल विकास मिशन के तहत पटना स्थित दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान में कौशल विकास केंद्रों के लर्निंग फेसिलिटेटरों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण-सह-मूल्यांकन कार्यक्रम का शुभारंभ दिनांक 11 नवंबर 2024 को किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार कौशल विकास मिशन के सचिव-सह-मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, श्री दीपक आनन्द द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य अतिथियों का पौधा भेंट कर स्वागत किया गया, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति बिहार कौशल विकास मिशन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उक्त अवसर पर श्री दीपक आनन्द ने लर्निंग फेसिलिटेटरों को संबोधित करते हुए उनके योगदान को सराहा और उन्हें प्रेरित करते हुए कहा कि वे प्रशिक्षुओं के भविष्य निर्माण के सृजनकर्ता हैं। उन्होंने कहा, "आपके द्वारा सिखाए गए ज्ञान और आदर्शों से प्रशिक्षु न केवल आत्मनिर्भर बनेंगे बल्कि एक सशक्त करियर की नींव भी रख सकेंगे। यह तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम लर्निंग फेसिलिटेटरों के ज्ञान और कौशल को और अधिक सशक्त बनाएगा ताकि वे राज्य के युवाओं को कुशल प्रशिक्षण दे सकें।"
इस दौरान श्री दीपक आनंद ने उपस्थित फेसिलिटेटरों को विभाग के कार्यक्रमों से जुड़ने और अपने प्रशिक्षण केंद्रों पर जानकारी साझा करने का आग्रह किया ताकि अधिक से अधिक लोग इन कौशल विकास कार्यक्रमों का लाभ उठा सकें। कार्यक्रम में लर्निंग फेसिलिटेटरों को मार्गदर्शन देते हुए श्री आनंद ने कहा कि एक गुरु के मार्गदर्शन के बिना न तो योग्यता का परिक्षण हो सकता है, न ही भविष्य की कल्पना।
उक्त अवसर पर अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, श्री राजीव रंजन ने अपने स्वागत भाषण के दौरान बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य लर्निंग फेसिलिटेटरों को नवीनतम तकनीक और कुशलता से लैस करना है। उन्होंने कहा, "इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में संवाद कौशल, कंप्यूटर संचालन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक, मशीनरी ऑपरेशन जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे लर्निंग फेसिलिटेटर अपने ज्ञान को प्रशिक्षण केंद्रों में युवाओं के साथ साझा कर सकेंगे।" उन्होंने कहा कि तकरीबन 7000 फेसिलिटेटरों को 50 सप्ताह तक प्रशिक्षण प्रदान कर उनका मूल्यांकन करने का लक्ष्य  है।
 
कार्यक्रम के अंत में, बिहार कौशल विकास मिशन के मिशन निदेशक, श्री सुरेश कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन दिया और कहा कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से मार्च 2025 तक राज्य के सभी कौशल विकास केंद्रों के लर्निंग फेसिलिटेटरों को प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने इस कार्यक्रम को राज्य में कौशल विकास के क्षेत्र में मील का पत्थर बताते हुए इसकी सराहना की और आशा जताई कि यह कार्यक्रम सभी प्रतिभागियों के लिए एक नई ऊर्जा का स्रोत बनेगा।
इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण-सह-मूल्यांकन कार्यक्रम के सफल आयोजन के बाद, बिहार कौशल विकास मिशन राज्य के युवाओं को बेहतर प्रशिक्षित लर्निंग फेसिलिटेटरों के माध्यम से उत्कृष्ट कौशल प्रशिक्षण देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

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