नशा मुक्ति दिवस अवसर पर, माननीय मंत्री, मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा महानिषेध के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले पदाधिकारियों/कर्मियों को प्रशस्ति पत्र, उपहार देकर सम्मानित किया।

नशा मुक्ति दिवस अवसर पर, माननीय मंत्री, मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा महानिषेध के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले पदाधिकारियों/कर्मियों को प्रशस्ति पत्र, उपहार देकर सम्मानित किया।

पटना,  26 नवंबर 2024: नशा, एक ऐसी समस्या शब्द है जो व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्थिति को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। यह न केवल व्यक्ति की व्यक्तिगत ज़िंदगी को प्रभावित करता है, बल्कि समाज, परिवार और देश को भी हानि पहुँचाता है। इसी गंभीर समस्या को रोकने और समाज में जागरूकता फैलाने के लिए मध निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग बिहार सरकार द्वारा 26 नवंबर को नशा मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है। नशा मुक्ति दिवस दिन का उद्देश्य समाज में नशे की बुराइयों के प्रति जागरूकता फैलाना और लोगों को नशा मुक्त जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है।
मुख्य अतिथि माननीय मंत्री श्री रत्नेश सादा, मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग एवं विशिष्ट अतिथि मुख्य सचिव बिहार श्री अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में आज पटना के अधिवेशन भवन में नशा मुक्ति दिवस 2024 का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्री प्रत्यय अमृत, विकास आयुक्त, बिहार, श्री आलोक राज, पुलिस महानिदेशक, बिहार, श्री बी० राजेन्द्र, प्रधान सचिव, खेल विभाग, श्री अरविन्द कुमार चौधरी, प्रधान सचिव, गृह विभाग, श्री लोकेश कुमार सिंह, सचिव, ग्रामीण विकास विभाग, श्री सुशील मानसिंह खोपड़े, अपर पुलिस महानिदेशक (मद्यनिषेध), श्री हिमांशु शमां, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जीविका के साथ विभाग के अन्य गणमान्य अधिकारी उपस्थित रहे। 
नशा मुक्ति दिवस कार्यक्रम के दौरान, माननीय मंत्री श्री रत्नेश सादा और मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा एवं अन्य आदरणीय अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ भेंट कर किया गया। कार्यक्रम में माननीय मंत्री, मुख्य सचिव एवं अन्य महानुभवों द्वारा मद्यनिषेध प्रचार रथ (LED Van) एवं प्रचार बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जो जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से चलाई जाएगीl
सचिव, मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग श्री विनोद सिंह गुंजियाल ने माननीय मंत्री और मुख्य सचिव का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया, जबकि आयुक्त उत्पाद-सह-निबंधन महानिरीक्षक श्री रजनीश कुमार सिंह ने अन्य अतिथियों का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। 
मुख्य अतिथि माननीय एवं विशिष्ट अतिथि मुख्य सचिव बिहार के कल कमलो से दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम की आधिकारिक शुरुआत की गईl विभाग और जीविका द्वारा मद्यनिषेध, जागरूकता और पुनर्वास के कार्यों की लघु फिल्म प्रस्तुत की गई। इसके अलावा, शिक्षा विभाग के 'किलकारी' के बच्चों ने भी एक विशेष प्रस्तुतिकरण किया, और कला जत्था ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
 नशा मुक्ति दिवस अवसर पर, माननीय मंत्री, मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा महानिषेध के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले पदाधिकारियों/कर्मियों को प्रशस्ति पत्र, उपहार देकर सम्मानित किया। जिसमें पटना के जिला पदाधिकारी श्री चंद्रशेखर सिंह, औरंगाबाद के जिला पदाधिकारी श्री श्रीकांत शास्त्री, कैमूर के जिला पदाधिकारी श्री सावन कुमार, गोपालगंज के पदाधिकारी श्री प्रशांत कुमार एवं बांका के जिला पदाधिकारी श्री अंशुल कुमार को सम्मानित किया गया l  इसके अलावा विभिन्न जिलों जैसे वैशाली, सीतामढ़ी, पटना, मधुबनी, पूर्वी चंपारण के पुलिस अधीक्षक को भी उनके उत्कृष्ट मधनिषेध कार्यो के लिए सम्मानित किया गया। नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर पुलिस उपाध्यक्ष अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, उपायुक्त मध निषेध मुख्यालय मधनिषेध,अधीक्षक औरंगाबाद, बाढ़, लखीसराय, मधुबनी एवं जीविका के दीदियो को भी मैडल प्रदान कर सम्मानित किया गया सम्मानित किया गया। नशा मुक्ति दिवस का र्कार्यक्रम नशा मुक्त बिहार के निर्माण के प्रति समर्पण को दर्शाता है।

माननीय मंत्री का अभीभाषण:
सभा को संबोधित करते हुए माननीय मंत्री ने कहा, 
बिहार ने 26 नवंबर 2015 को मद्यनिषेध दिवस पर नशामुक्ति की घोषणा की। 1 अप्रैल 2016 से देशी शराब और 5 अप्रैल 2016 से विदेशी शराब पर प्रतिबंध लगाते हुए पूर्ण मद्यनिषेध लागू किया गया। अवैध शराब की रोकथाम के लिए अत्याधुनिक आसूचना केंद्र स्थापित किए गए, जहां सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई की जाती है। सूचना देने हेतु टॉल-फ्री नंबर 15545 और 18003456268 भी उपलब्ध हैं।
शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई के लिए टोल-फ्री नंबर का प्रचार-प्रसार समाचार पत्रों, विद्युत खंभों और ट्रांसफार्मरों पर अंकित कर किया जा रहा है। अवैध शराब कारोबारियों पर कानूनी कार्रवाई हेतु बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद अधिनियम, 2016 लागू है, जिसमें आर्थिक दंड और कारावास का प्रावधान है। शराब के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए सरकारी और गैर-सरकारी स्तर पर अभियान चलाए जा रहे हैं। जीविका समूहों और ग्रामीण महिलाओं की मदद से 3794 गांवों और 390 शहरी क्षेत्रों में नशा मुक्ति कार्यक्रम किए गए। जन-जागरूकता के तहत प्रभात फेरियां, सामुदायिक बैठकें, चौपाल, नुक्कड़ नाटक, वीडियो प्रदर्शन, घर-घर भ्रमण और संकल्प सभाएं आयोजित की गई हैं। 
शराबबंदी को प्रभावी बनाने के लिए बिहार में लगातार छापेमारी और जब्ती की जा रही है। राज्य में 5 समेकित जांच चौकियां और 79 चेक पोस्ट 24x7 वाहनों की जांच कर रहे हैं। जलमार्ग से तस्करी रोकने हेतु स्पीड बोट्स और मोटर बोट्स का उपयोग किया जा रहा है। 43 ड्रोन, 8 सैटेलाइट फोन, ड्रम कटर, ड्रिलर, 33 स्निफर डॉग्स, 890 ब्रेथ एनालाइजर, दूरबीन और अन्य उपकरणों से अवैध शराब की पहचान और कार्रवाई की जा रही है। 
मद्यनिषेध नीति के तहत मानव संसाधन बढ़ाने के लिए निरीक्षक, अवर निरीक्षक, सहायक अवर निरीक्षक और सिपाही के नए पद सृजित किए गए। 54 अवर निरीक्षकों की नियुक्ति हुई और सिपाही के 1004 पदों पर भर्ती हेतु अधियाचना भेजी गई। उत्पाद न्यायालयों में वादों के शीघ्र निस्तारण के लिए विधि स्नातकों को विधि परामर्शी के रूप में नियुक्त किया गया है। मद्यनिषेध के बाद शराब और ताड़ी व्यवसाय से जुड़े परिवारों को सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा 2 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद प्रदान की जा रही है। 

मुख्य सचिव बिहार का उद्बोधन:
कार्यक्रम को संबोधित करते मुख्य सचिव
सभा को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि आप जानते हैं कि शराब बंदी एक बहुत ही कठिन कानून है इस कानून को बनाने के लिए और लागू करने में मुख्यमंत्री का दृढ़ निश्चय के फल स्वरुप ही यह सफल हो सका हैl ड्रग्स के प्रयोग करने पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य का हर वर्ग इससे प्रभावित हो रहा हैl इसके लिए हम सभी लोगों को अत्यंत जागरूक होने की जरूरत है और यह सोचना है कि ना ही मैं अपने परिवार में बल्कि आसपास जहां भी लोग शराब या ड्रग्स की आदत में पड़ गए हैं उन्हें पहचान कर उन्हें तुरंत ही रिहैब सेंटर में भेजने का प्रयास किया जाए, साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने हर जगह पर अच्छे-अच्छे रिहैबिलिटेशन सेंटर बनवाए हैं लेकिन उनमें बहुत कम लोग आप आते हैं, इसलिए उन्होंने जीविका दीदियो से यह आवाहन किया कि वे सुनिश्चित करें कि उनके आसपास कोई भी ऐसा व्यक्ति है तो उसकी पहचान कर नशा मुक्ति केंद्र में भेजना सुनिश्चित करें। सामाजिक तौर पर सूचना की कमी के कारण इन्हें चिन्हित करना और उनके रोकथाम में कठिनाई आती है इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी सभी को मिलकर इसके रोकथाम के लिए कार्य करना होगाl

पुलिस महानिदेशक, बिहार का उद्बोधन
सभा को संबोधित करते हुए सर्वप्रथम उन्होंने सभी को  संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप सभी अवगत है कि बिहार में 1 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है यह सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है जिसके लिए बिहार पुलिस एवं मध्य निषेध उत्पाद विभाग सतत रूप से कार्यरत है l उन्होंने कहा कि विगत 8 वर्षों से अगर इतिहास के पन्नों को उठाकर देखा जाए तो शराब बंदी अभियान के पीछे कई उपलब्धियां भी हैं और कई  चुनौतियां भी हैं और भविष्य के लिए रोड मैप भी हैl उन्होंने यह भी कहा कि नशा मुक्ति की सफलता मे जागरूकता अभियान की बहुत अहम हिस्सा हैl अपने संबोधन में पुलिस महानिदेशक ने यह भी कहा कि मेरा यह मानना है कि आज नशा मुक्ति अभियान एक आंदोलन का रूप ले चुका है और सामाजिक चेतना को जागृत करने में यह एक मिसाल बन चुका हैl उन्होंने यह भी कहा कि अभियान को आगे बढ़ाने के लिए हमारे समक्ष कई चुनौतियां भी हैंl 
अगर उपलब्धियां की बात करें तो उन्होंने कहा कि अप्रैल 2016 से अक्टूबर 2024 तक बिहार पुलिस द्वारा कुल 2 करोड़ 55 लाख 66 हज़ार 883 लीटर शराब की बरामदगी की गई। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति अभियान मैं हमारा मुख्य उद्देश्य शराब की आपूर्ति करने वाले आपूर्ति करता के विरुद्ध विशेष अभियान चलाकर इस पूरे सिंडिकेट का नष्ट करना हैl सीमावर्ती इलाकों से घिरे होने के कारण बिहार के लिए शराब बंदी की चुनौतियां और बढ़ जाती है
दूसरे राज्य से आए शराब कारोबारीयों पर भी शिकंजा कसा जा रहा हैl इन सभी पर कार्यवाही की गई हैl उन्होंने कहा कि वर्तमान में जिला स्तर पर एंटी लिकर टास्क फोर्स, प्रशिक्षित स्निपर डॉग कार्यरत है जिसके लिए राज्य सरकार वाहन एवं सभी सुविधाओं को सुनिश्चित करती हैl उन्होंने कहा कि हमारे साथ एक और चुनौती समाज मैं व्यापक हो रही है वह नारकोटिक्स। एक और जहां शराब पर निरंतर रोकथाम हो रहा है वहीं दूसरी ओर समाज में नशीले पदार्थों का प्रयोग चिंता का विषय हैl इसके रोकथाम के लिए बिहार सरकार की इकाई भी निरंतर  कार्य कर रही है

सचिव, मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने माननीय मंत्री और मुख्य सचिव, बिहार को मोमेंटो, शॉल, और पौधा देकर सम्मानित किया। इसी क्रम में आयुक्त उत्पाद-सह-निबंधन महानिरीक्षक ने अन्य अतिथियों को भी मोमेन्टो, शॉल एवं पौधा देकर सम्मानित किया। नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर सभी जिलों के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और अन्य सम्मानित व्यक्तित्व लाइव वीडियो स्ट्रीमिंग के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े हुए थे। कार्यक्रम के समापन पर, आयुक्त उत्पाद-सह-निबंधन महानिरीक्षक द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

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