मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में धूमधाम से मनाया गया मौलाना आजाद दिवस
- शिक्षा से लेकर स्वतंत्रता संग्राम तक में मौलाना अबुल कलाम आजाद के योगदान पर हुई विस्तृत चर्चा
- मौलाना आजाद के जन्म दिवस पर कॉलेज में आयोजित किया गया था तीन दिवसीय स्पोर्टस कार्यक्रम
पटना।
नेउरा स्थित मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में शनिवार को मौलाना आजाद दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी कई प्रमुख हस्तियों ने देश के पहले शिक्षामंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के योगदान पर विस्तृत चर्चा की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन के चेयरमैन, आईएएस आमिर सुभानी थे। उन्होंने मौलाना आजाद के शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों की सराहना करते हुए उनके योगदान को अत्यधिक महत्वपूर्ण बताया।
मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित जामिया मिलिया इस्लामिया के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रकिब आलम ने कहा कि मौलाना आजाद ने अरबी से उर्दू में कुरान का अनुवाद किया, सबसे आज भी सबसे मौलिक माना जाता है। उन्होंने महात्मा गांधी के साथ मिलकर स्वतंत्रता संग्राम की दिशा निर्धारित की। इसके अलावा, उन्होंने भारतीय शिक्षा के क्षेत्र में अहम सुधार किए और शिक्षा मंत्री के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. आलम ने यह भी कहा कि मौलाना आजाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे युवा और सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहे। वे देश के विभाजन के खिलाफ थे और उन्होंने सदैव अखंडता की पक्षधरता की।
कॉलेज के अध्यक्ष डॉ. अहमद अब्दुल हई ने कहा कि इस कॉलेज की स्थापना 1987-88 में हुई थी। यह बिहार के सबसे पुराने इंजीनियरिंग कॉलेजों में से एक है। आज कॉलेज के हजारों विद्यार्थी विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर रहे हैं और पूरे विश्व में अपने स्थान बना चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मौलाना आजाद का जन्म 11 नवम्बर को मक्का-मदीना में हुआ था, और इस अवसर पर कॉलेज में 11 से 14 नवम्बर तक स्पोर्ट्स कार्यक्रम आयोजित किए गए थे, जिनका समापन आज मौलाना आजाद दिवस के रूप में किया जा रहा है।
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