भारत के तीन सबसे बड़े पुस्तक मेलों में से एक सीआरडी पटना पुस्तक मेला के निर्माण का काम गांधी मैदान में शुरू हो चुका है.

भारत के तीन सबसे बड़े पुस्तक मेलों में से एक सीआरडी पटना पुस्तक मेला के निर्माण का काम गांधी मैदान में शुरू हो चुका है.

पटना 23 नवम्बर, 2024. भारत के तीन सबसे बड़े पुस्तक मेलों में से एक सीआरडी पटना पुस्तक मेला के निर्माण का काम गांधी मैदान में शुरू हो चुका है. 40 वर्षों से लगने वाला बिहार का लोकप्रिय सांस्कृतिक महोत्सव इस बार 6 से 17 दिसंबर तक गाँधी मैदान में लगेगा. इसके निर्माण के लिए कलकत्ता से सौ कामगार-कलाकार आ चुके हैं और वे गांधी मैदान में भव्य पटना पुस्तक मेला परिसर के निर्माण में अग्रसर हैं. यह जानकारी मेला परिसर में एक प्रेस वार्ता के दौरान सीआरडी पटना पुस्तक मेला के अध्यक्ष रत्नेश्वर ने दी.

आपको ज्ञात हो कि इस वर्ष सीआरडी पटना पुस्तक मेला लोकगायिका पद्मभूषण आदरणीय शारदा सिन्हा और

लोकप्रिय कथाकार पद्मश्री आदरणीय उषाकिरण खान को समर्पित है. इस बार की थीम है 'पेड़ पानी जिंदगी- पर्यावरण की सुरक्षा अभी'. इस बार पटना पुस्तक मेला में बच्चों के लिए विविध कार्यक्रम रखे गए हैं. उनमें कहानी लेखन कार्यशाला,
विविध प्रतियोगिताएँ, सांस्कृतिक उत्सव जैसे महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम रखे गए हैं.

पटना पुस्तक मेला और जानो जॅक्शन जंगसन द्वारा संयुक्त रूप से अनेक तरह की प्रतियोगिताएँ करने की योजना है. इसमें क्विज, डिबेट, बिज चैम्प्स आदि प्रमुख हैं. इनके विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा और भागीदारों को भागीदारी प्रमाण पत्र दिया जायेगा. प्रतिदिन ओपन माइक का भी आयोजन किया जाएगा, जिनमें शहर के कोई भी छुपे कलाकार की कला प्रस्तुति होगी. इसके लिए पहले से ही रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसमें शहर के युवा गायक, कवि, किस्सागो, वादक आदि अपनी प्रस्तुति देंगे. इसका संयोजन और संचालन मशहूर क्विज मास्टर क्षितिज चौधरी और मशहूर आरजे अपूर्व करेंगे.

यूनिसेफ के सहयोग से 'बच्चे जैसे कथा कहानी' कार्यक्रम संचालित कराए जायेंगे. इसका संयोजन मशहूर किस्सागो डॉक्टर कुमार विमलेन्दु करेंगे. इनका सहयोग करेंगी रंजीता तिवारी. इसमें बच्चों को कहानी सुनाई जायेगी. साथ ही कहानी लेखन की कला सिखाई जायेगी. चुनिंदा बच्चों को पुरस्कृत किया जाएगा. चुनी हुई अच्छी रचनाओं को किताब की शक्ल दी जाएगी.

इस बार भी पटना पुस्तक मेला में फिल्म फेस्टिवल आयोजित है. इसके लिए एक भव्य थियेटर तैयार किया जा रहा है. इसमें प्रत्येक दिन एक फिल्म दिखाई जायेगी. साथ ही विविध विषयों पर देश की नामचीन हस्तियों द्वारा विमर्श होगा. प्रत्येक दिन फिल्म से जुड़े किन्हीं विशिष्ट व्यक्ति को सम्मानित किया जायेगा. इसका संयोजन-संचालन राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त मशहूर रंगकर्मी रविकांत सिंह करेंगे.

इस बार एक भव्य कला-दीर्घा का निर्माण किया जा रहा है. इसमें प्रत्येक दिन कलाकारों की कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा. साथ ही प्रत्येक दिन किसी एक विषय पर संवाद होगा. प्रत्येक दिन कला से जुड़े किन्हीं कलाकार को सम्मानित किया जायेगा. इसका संयोजन-संचालन देश के मशहूर चित्रकार मनोज बच्चन करेंगे.

प्रभा खेतान फाउंडेशन द्वारा कलम कार्यक्रम आयोजित होगा. इसके अंतर्गत चर्चित लेखक सच्चिदानंद जोशी और चर्चित लेखक-आलोचक सुधीश पचौरी भाग लेंगे.

पटना की प्रमुख नाट्य संस्थाओं द्वारा प्रत्येक दिन पर्यावरण पर केन्द्रित नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया जाएगा.

साथ ही किन्हीं एक रंगकर्मी को प्रति दिन सम्मानित किया जाएगा.

प्रतिदिन सुर-संगीत के कार्यक्रम की योजना है. साथ ही स्कूल उत्सव का आयोजन किया जाएगा. शहर के प्रमुख स्कूल द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति होगी.

कवि सम्मलेन में चर्चित कवि शम्भु शिखर, चंदन द्विवेदी, रजत आदि की गरिमामयी उपस्थिति होगी.

हरेक वर्ष की तरह जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित है. इसमें पर्यावरण सहित विविध विषयों पर बातचीत होगी. विविध विषयों पर बातचीत केलिए सर्वश्री यतीन्द्र मिश्र, अनंत विजय, प्रताप सोमवंशी, जय प्रकाश पांडेय, अंजुम शर्मा, सत्या व्यास, गौतम राजऋषि, नवीन चौधरी, चानी सिंह, श्रुति देव, जाबिर हुसैन, सुशील कुमार, एसपी शाही, अरुण भगत, कुमार वरुण, ज्ञानेश्वर जी, कौशलेंद्र जी, कुमार प्रबोध, विनोद बंधु, अश्विनी जी,

संजय कुमार, धर्मेन्द्र कुमार, सैला याश्मिन, आदि प्रमुख हैं. इन कार्यक्रमों का संयोजन-संचालन मशहूर सांस्कृतिक कार्यकर्ता मोनी त्रिपाठी, रंगकर्मी जयप्रकाश और लेखक रेखा भारती मिश्रा द्वारा होगा.

साहित्यिक कार्यक्रम के अंतर्गत कविताई और किस्सागो कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा. इसमें प्रत्येक दिन मशहूर कवि-लेखक अपनी कविता या कहानी का पाठ करेंगे. इसका संयोजन-संचालन रंगकर्मी जयप्रकाश करेंगे. प्रत्येक कार्यक्रम के लिए एक प्रथम दर्शक होंगे. ये प्रथम दर्शक शहर के विविध क्षेत्रों के गणमान्य होंगे.
इस बार प्रमुख प्रकाशकों में प्रभात प्रकाशन, राजकमल, वाणी, प्रकाशन संस्थान, ज्ञान गंगा, प्रकाशन विभाग, साहित्य अकादमी, नेशनल कॉउंसिल फॉर प्रमोशन ऑफ़ उर्दू लैंग्वेज, मर्कज़ा मकतबा इस्लामी पब्लिशर्स, जनचेतना, दारुल इशात खानकाह मुजीबिया, बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्, फॉरवर्ड प्रेस, अग्रवाल ग्रुप ऑफ़ पब्लिकेशन्स, राष्ट्रीय एटलस एवं थिमेटिक मानचित्रण संगठन, उपहार प्रकाशन, ओस्वाल लर्निंग, ओस्वाल प्रिंटर्स एवं पब्लिशर्स, दिशा पब्लिकेशंस, नोवेल्टी एण्ड कम्पनी, कोरल पब्लिशर्स, एवं अन्य हैं

पहली बार भाग लेने वाले में अनबाउंड स्क्रिप्ट, फिज़िक्सवाला (देश के एक यूनिकॉर्न में सम्मिलित), युकियोटो पब्लिशिंग आदि प्रमुख हैं.

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