राज्य के 38 जिलों में जिला मुख्यालयों पर मजदूर, किसान और खेत मज़दूरों का विरोध प्रदर्शन
*केंद्रीय श्रमिक संगठन, संयुक्त किसान मोर्चा और खेत मजदूर संगठनों के संयुक्त मंच के आह्वान पर पूरे बिहार में जिलास्तरीय चेतावनी रैली*
*राज्य के 38 जिलों में जिला मुख्यालयों पर मजदूर, किसान और खेत मज़दूरों का विरोध प्रदर्शन*
केन्द्रीय श्रमिक संगठन, संयुक्त किसान मोर्चा और खेत मजदूर संगठनों के संयुक्त मंच के आह्वान पर आज देशव्यापी जिलास्तरीय चेतावनी रैली का आयोजन किया गया। इस आह्वान पर बिहार के 38 जिलों में जिला मुख्यालयों पर मजदूर, किसान और खेत मज़दूरों का विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया।
14 अक्टूबर 2024 को दिल्ली में आयोजित केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों और संयुक्त किसान मोर्चा की संयुक्त बैठक ने 2020 में दिल्ली चलो के आह्वान के साथ ऐतिहासिक किसान आंदोलन की शुरुआत और केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर 26 नवंबर 2024 को देश के सभी जिला मुख्यालयों के साथ-साथ राज्य की राजधानियों में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था।
इस चेतावनी रैली के माध्यम से एमएसपी की कानूनी गारंटी करने, चार श्रम संहिताओं को निरस्त करने, योजनाकर्मियों को नियमित करने, बिहार में एपीएमसी अधिनियम को बहाल करने, किसानों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा देने, प्रगतिशील भूमि सुधार को लागू करने, युवाओं को रोजगार देने, निजीकरण को बंद करने, मनरेगा की मजदूरी और कार्यदिवस बढ़ाने, सहित मजदूरों, किसानों और खेत मज़दूरों के आजीविका के मुद्दों को उठाया गया।
बिहार की राजधानी पटना में केंद्रीय श्रमिक संगठन, संयुक्त किसान मोर्चा और खेत मजदूर संगठनों ने जीपीओ गोलंबर से जिला समाहरणालय तक एक संयुक्त मार्च का आह्वान किया। यह मार्च इंकलाबी नारे लगाते हुए 12:30 बजे जीपीओ गोलंबर से रवाना हुई। कोतवाली थाना पहुंचने पर जब प्रशासन ने मार्च को आगे बढ़ने से रोक दिया, इस क्रम पुलिस प्रशासन और प्रदर्शनकारियों में झड़प भी हुई । तब आयोजक संगठनों ने वहीं एक सभा का आयोजन किया। सभा की अध्यक्षता किसान महासभा के राज्य सह सचिव राजेन्द्र पटेल , एटक के मनोज कुमार और खेत मजदूर संगठन के अर्जुन राम ने की।
कार्यक्रम को संबोधित करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने आज के कार्यक्रम में भागलपुर में शांति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे किसानों मजदूरों पर प्रशासन द्वारा लाठी चार्ज और किसान नेताओं की गिरफ्तारी की तीखी निंदा किया और लाठी चार्ज करने वाले अधिकारियों को दंडित करने गिरफ्तार नेताओं को अविलंब रिहा करने कि मांग किया है।
सभा को सम्बोधित करने वाले प्रमुख नेताओं में अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव विज्जु कृषणन, अखिल भारतीय खेत मज़दूर किसान सभा के नेता नन्द किशोर सिंह, ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के नेता इन्द्रदेव राय, बिहार राज्य किसान सभा (अजय भवन) के नेता रवीन्द्र नाथ राय, किसान महासभा के नेता मुन्ना चौहान, एटक के प्रांतीय अध्यक्ष गजनफर नवाब, सीटू के नेता अरुण मिश्रा, ऐक्टू के राज्य महासचिव आर.एन.ठाकुर, इंटक के नेता अखिलेश पांडेय, जय किसान आन्दोलन के नेता ऋषि आनन्द, एनएपीएम के नेता उदयन चन्द्र राय, ए.आई.यू.टी.यू.सी. के नेता सरोज कुमार सुमन, ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के नेता विजय चौधरी, क्रांतिकारी किसान युनियन के नेता मनोज कुमार, आदि के नाम उल्लेखनीय हैं। कार्यक्रम में अखिल भारतीय किसान महासभा के बिहार राज्य सचिव उमेश सिंह,बिहार राज्य किसान सभा (जमाल रोड) के राज्य उपाध्यक्ष अवधेश कुमार भी उपस्थित थे।
विरोध प्रदर्शन व सभा के पश्चात केंद्रीय श्रमिक संगठन, संयुक्त किसान मोर्चा और खेत मजदूर संगठनों के संयुक्त मंच के तरफ से जिला समाहर्ता से एक प्रतिनिधिमंडल मिला और देश की राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन पत्र सौंपा। इस प्रतिनिधिमंडल में ऋषि आनंद, अनुपम कुमार, सोनालाल प्रसाद, उमेश शर्मा, कृपानारायण सिंह, गोपाल शर्मा, मनोज कुमार, कौशलेन्द्र वर्मा शामिल थे।
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