समाहरणालय में पोषण माह के अवसर पर समारोह का आयोजन

समाहरणालय में पोषण माह के अवसर पर समारोह का आयोजन

कुपोषण का प्रमुख कारण गरीबी न होकर जागरूकता की कमी होना है; स्वच्छता एवं कुप्रथाओं के प्रति व्यवहार-परिवर्तन से पोषण की स्थिति में काफी सुधार आएगाः जिलाधिकारी
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पूरे आईसीडीएस परिवार पर जिला प्रशासन को गर्व; हमारे डीपीओ, सीडीपीओे, महिला पर्यवेक्षिका तथा आँगनबाडी सेविका एवं सहायिका पोषण अभियान के ब्रैंड-एम्बेसडरः डीएम
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पटना, शुक्रवार, दिनांक 27.09.2024ः जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा है कि कुपोषण का प्रमुख कारण गरीबी न होकर लोगों में जागरूकता की कमी होना है। वे आज समाहरणालय स्थित सभागार में राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर आयोजित जिला-स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बच्चे देश के भविष्य हैं। बच्चों, किशोरों/किशोरियों एवं महिलाओं में कुपोषण दूर करने के लिए वृहद स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाए। माता-पिता एवं अभिभावकों को जागरूक किया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि कुपोषण के दुश्चक्र को तोड़ने के लिए व्यवहार-परिवर्तन आवश्यक है। समाज में व्याप्त कुप्रथाओं के विरूद्ध एवं स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक होना पडे़गा। 
जिलाधिकारी ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा भी इस क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है। शिशु पोषण सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। बाल-विवाह के विरूद्ध अभियान, दहेज-प्रथा पर रोक, मद्य-निषेध जैसे समाज सुधार अभियानों के बदौलत समाजिक स्तर पर क्रांति आई है। कुपोषण, शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर तथा कुल प्रजनन दर में काफी कमी आई है। लोगों के जीवन-स्तर में सुधार हुआ है तथा सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक क्षेत्र में गुणात्मक परिवर्तन आया है। 

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पूरे आईसीडीएस परिवार पर जिला प्रशासन को गर्व है। हमारे डीपीओ आईसीडीएस, सीडीपीओे, महिला पर्यवेक्षिका तथा आँगनबाडी सेविका एवं सहायिका पोषण अभियान के ब्रैंड-एम्बेसडर हैं। पूरे जिला में इनके द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है। लक्ष्य के अनुरूप शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल की गई है। उन्होंने कहा कि आईसीडीएस के अधिकारी एवं कर्मी बालिका विद्यालयों तथा कस्तूरबा गाँधी आवासीय विद्यालयों में भी जाकर बच्चियों एवं छात्र-छात्राओं के साथ इन्टरैक्शन करें ताकि उन्हें भी आपकी एक्सपर्टीज का लाभ मिले।
कार्यक्रम के प्रारंभ में जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, उप विकास आयुक्त श्री समीर सौरभ, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आईसीडीएस सुश्री आभा प्रसाद एवं अन्य अधिकारियों ने संयुक्त रूप से दीप-प्रज्जवलन कर कार्यशाला एवं पोषण मेला का शुभांरभ किया। जिलाधिकारी ने इस अवसर पर लगाए गए पोषण स्टॉल्स का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि 7वें पोषण माह का मुख्य थीम एनीमिया, वृद्धि निगरानी, पूरक आहार, अनुश्रवण एवं पारदर्शिता हेतु तकनीक का उपयोग तथा पर्यावरण सरंक्षण है। आज इन महत्वपूर्ण विषयों से सम्बंधित स्टॉल्स का प्रदर्शन किया गया है ताकि प्रखण्ड स्तरों पर इन विषयों से संबंधित किये जा रहे कार्यों को बताया जा सके तथा जन-जन को जागरूक किया जा सके। जिला पदाधिकारी ने सभी से अपील की कि पोषण अभियान के माध्यम से पोषण संबंधी सभी आवश्यक तथ्यों से समुदाय को अनिवार्य रुप से जागरूक किया जाए।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए उप विकास आयुक्त श्री समीर सौरभ ने कहा कि यह एक बहुत अच्छा कार्यक्रम है। बिहार विकसित तभी होगा जब हर बच्चा विकसित होगा।

कार्यक्रम की शुरूआत में जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस द्वारा पोषण अभियान के तहत पोषण माह के तहत जिला अंतर्गत किये जा रहे कार्यों का संक्षिप्त रूप से वर्णन किया गया। वहीं स्थानीय खाद्य सामग्रियों और मोटे अनाज के महत्व पर उपनिदेशक, सांख्यिकी शशिप्रभा के द्वारा चर्चा की गई।

जिला पदाधिकारी द्वारा बच्चों, किशोरों/ किशोरियों तथा महिलाओं को कुपोषणमुक्त, स्वस्थ एवं मजबूत बनाने के लिए उपस्थित सभी लोगों को पोषण शपथ दिलाई गई। उन्होंने इस  विषय पर हस्ताक्षर अभियान में भी भाग लिया। जिलाधिकारी, उप विकास आयुक्त एवं अन्य पदाधिकारियों द्वारा एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत पर्यावरण संरक्षण के संकल्प के साथ वृक्षारोपण भी किया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि आईसीडीएस द्वारा दी जानेवाली सेवाओं में पारदर्शिता और नियमित सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की जिम्मेवारी आंगनबाड़ी सेविका, महिला पर्यवेक्षिका और बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों की है और वे इसे अच्छी तरह कर रहे हैं। उन्होंने सभी विभागों से बेहतर समन्वय स्थापित कर निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करने और जन-जन को पोषण के सम्बंध में जागरूक करने का निदेश दिया। 

जिलाधिकारी द्वारा बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना और पोषण माह में उनके बेहतर कार्यों के लिए प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया। डीएम डॉ. सिंह ने सभी पदाधिकारियों तथा कर्मियों को आगे भी अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया। 

विदित हो कि सरकार के निदेश के आलोक में पूरे पटना जिला में पोषण माह का आयोजन हो रहा है। 01 सितम्बर से इसकी शुरूआत हुई है जो 30 सितम्बर तक चलेगा। इस अवधि में जिला में अनेक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। लोगों को पोषण अभियान से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। श्री अन्न (मिलेट) जैसे ज्वार, बाजरा, मडुआ, कोदो, कुटकी आदि का सेवन एवं स्वास्थ्य तथा पोषण के संबंध में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जन-जन को स्वास्थ्य एवं पोषण के लिए श्री अन्न के सेवन से होने वाले लाभ के बारे में लगातार अवगत कराना आवश्यक है। शिशुओं को उम्र के अनुसार जैसे छः माह से कम उम्र एवं छः माह से अधिक उम्र में तथा गर्भवती महिलाओं को कौन सा आहार दिया जाए इस पर लोगों को संवेदनशील किया जाए। 0 से 6 वर्ष के सभी बच्चों की वृद्धि की निगरानी अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि पोषण संदेशों को नुक्कड़-नाटकों के माध्यम से भी पूरे जिला में प्रसारित किया जा रहा है। आईसीडीएस द्वारा पोषण रैली, माता समूहों के साथ बैठक, अन्नप्राशन, स्कूल पूर्व शिक्षा प्रवेशोत्सव, किचन गार्डेन, संध्या बैठकों का आयोजन, हैण्डवाशिंग, आपदा प्रबंधन यथा गर्मी एवं लू से बचाव, उपचार तथा जागरूकता का वार्ड स्तर पर प्रचार-प्रसार, गृह भवन, किशोरी समूहों के साथ बैठक, प्रश्नोत्तरी, निबंध एवं रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन, जीविका समूहों के साथ बैठक, ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) आदि का आयोजन किया गया है एवं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म कार्य योजना के अनुसार वार्ड, आंगनबाड़ी केन्द्रों, बाल विकास परियोजनाओं तथा जिला स्तर पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। डीएम डॉ. सिंह ने विभिन्न विभागों यथा स्वास्थ्य, पंचायती राज, कल्याण, बाल संरक्षण, जीविका, शिक्षा, आईसीडीएस, पीएचईडी आदि के जिला-स्तरीय पदाधिकारियों को अन्तर्विभागीय समन्वय सुनिश्चित कर जन-जागरूकता फैलाने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों का सर्वांगीण विकास प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी सम्बद्ध पदाधिकारी इसके लिए सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें। 

आज के इस अवसर पर डीएम डॉ. सिंह के साथ उप विकास आयुक्त, डीपीओ आईसीडीएस, सभी सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षिका एवं अन्य भी उपस्थित थे।  

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