दलित सेना की कार्यकारिणी एवं जिलाध्यक्षों की बैठक संपन्न एवं आगामी विधानसभा चुनाव 2025 के मद्येनजर संगठन विस्तार की रणनीति बनाई गई

दलित सेना की कार्यकारिणी एवं जिलाध्यक्षों की बैठक संपन्न एवं आगामी विधानसभा चुनाव 2025 के मद्येनजर संगठन विस्तार की रणनीति बनाई गई

आज दिनांक 29 सितम्बर दलित सेना व रालोजपा प्रदेश कार्यालय में दलित सेना की प्रदेश कार्यकारिणी एवं सभी जिला के जिलाध्यक्षों की बैठक संपन्न हुई। आज की इस बैठक का उद्घाटन राष्ट्रीय लोजपा एंव दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने दीप प्रज्जवलित कर की एवं बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम कुमार दाहा एवं मंच का संचालन प्रधान महासचिव रंजीत पासवान ने की। आज की बैठक में युवा नेता यश राज की अहम भागीदारी रही। आज बैठक में दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री भारत सरकार श्री पशुपति कुमार पारस ने संबोधित करते हुए कहा कि दलित सेना राजनीतिक पार्टी नहीं है यह सामाजिक संगठन है। दलितों पर अत्याचार एवं उत्पीड़न की घटनाएँ बहुत बढ़ गई है इस पर सरकार से उचित मुआवजा एवं अपराधियों को कड़ी सजा देने की माँग की साथ ही चौकीदार एवं दफादारों एवं जमादारों को पासवान समाज के लिए शत प्रतिशत आरक्षण की माँग की क्योंकि यह संगठन समाज करीब विगत पाँच सौ वर्षो से पूरे समाज की रक्षा करता आया है और सरकार इस समाज को इन पदों से हटाकर न्याय संगत नहीं है। बिहार सरकार को इस संदर्भ में पत्र लिखकर माँग की गई थी लेकिन माँगों नहीं सुनी गई। आगे पारस ने बैठक में 14 सूत्री प्रस्ताव पारित की। प्रदेश कार्यकारिणी एवं जिलाध्यक्षों की संयुक्त बैठक में 14 सूत्री प्रस्ताव पारित की गई। जिसमे ंमुख्य रूप से दलित सेना बड़े स्तर पर सदस्यता अभियान चलाएगी। बाबा साहब डॉ अम्बेदकर का परिनिर्वाण दिवस 06 दिसम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाएगी। उच्चतम न्यायलय द्वारा दिए गए फैसले में अनुसूचित जाति/जनजाति को मिलने वाले आरक्षण में उपवर्गीकरण करने पर पुरजोड़ विरोध करना, पदम विभूषण तथा दलितों के मसीहा रामविलास पासवान जी को भारत रत्न देने की माँग एवं आदमकद प्रतीमा पटना में लगाने की माँग की। साथ ही निजी क्षेत्रों में भी अनुसूचित जाति/जनजाति को आरक्षण देने की माँग विधान परिषद एवं राज्यसभा में लोकसभा, विधानसभा की तरह आरक्षण देने की माँग, देश के सर्वोच्च न्यायलय एवं उच्च न्यायालय में जजों की नियुक्ति कोलिजियम सिस्टम समाप्त करना तथा जजों की नियुक्ति में आरक्षण की व्यवस्था एवं न्यायिक आयोग की गठन की माँग की गई। जाति जनगणना का समर्थन करते हुए राज्य में पासवान समाज के लिए चौकीदार/दफादार, बिहार ग्रामीण पुलिस की नियुक्ति में शत प्रतिशत आरक्षण की माँग, दलित सेना नवादा कांड की न्यायिक जाँच की माँग रखी एवं दलितों पर निरंतर बढ़ती हिंसा एवं उत्पीड़न की घटनाओं पर कठोर कानून बनाने की माँग की। 
इस बैठक में कुल 14 प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पारित किया गया। आज की बैठक में मुख्य रूप से पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विरेश्वर सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल, दलित सेना के राष्ट्रीय महासचिव अम्बिका प्रसाद बिनू, अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष रंजीत कुमार, मनीष त्यागी, चंदन कुमार, अमर पासवान, विगन मांझी, पुलिस राम, विजय पासवान, झारखंड प्रदेश अध्यक्ष इन्द्रा कुमारी, पवन कुमारी, हेमा कुमारी, राधाकान्त पासवान, सौलत राही, अंकित दूबे सहित सैकड़ों की संख्या में दलित सेना के कार्यकारिणी के सदस्य उपस्थित रहे। 
 
 

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