प्रशिक्षण की गुणवत्ता और उद्योग में मांग हेतु कार्यबल तैयार करने के लिए हुआ सेक्टर स्किल काउंसिल मीट का आयोजन

प्रशिक्षण की गुणवत्ता और उद्योग में मांग हेतु कार्यबल तैयार करने के लिए हुआ सेक्टर स्किल काउंसिल मीट का आयोजन

*- प्रशिक्षण की गुणवत्ता और उद्योग में मांग हेतु कार्यबल तैयार करने के लिए हुआ सेक्टर स्किल काउंसिल मीट का आयोजन*
*- कौशल और रोजगार के लिए राज्य सरकार करेगी हर संभव मदद : संतोष कुमार सिंह, मंत्री*
- *गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण और मांग आधारित कोर्स हेतु सेक्टर स्किल काउंसिल की भूमिका अहम : डॉ. बी राजेन्दर, प्रधान सचिव*

पटना, 30 अगस्त : श्रम संसाधन विभाग, बिहार सरकार के अंतर्गत संचालित कौशल विकास मिशन द्वारा होटल चाणक्यमें सेक्टर स्किल काउंसिल (एसएससी) की बैठक का आयोजन किया गया, जिसे मुख्य अतिथि, माननीय मंत्री, श्रम संसाधन विभाग बिहार, श्री संतोष कुमार सिंह ने भागलपुर से जूम मीटिंग के जरिए संबोधित किया। इससे पूर्व बैठक की विधिवत शुरुआत श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव डॉ. बी. राजेन्दर, अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्री राजीव रंजन, विशेष सचिव श्री आलोक कुमार, निदेशक नियोजन एवं प्रशिक्षण श्री श्याम बिहारी मीणा, और बिहार कौशल विकास मिशन के मिशन निदेशक श्री सुरेश कुमार सिंह के द्वारा दीप प्रज्वलित कर की गई।  
उक्त अवसर पर 17 सेक्टर स्किल काउंसिल और बिहार कौशल विकास मिशन के बिच गैर वित्तीय एकरारनामा हस्ताक्षरित किया गया, जिसका लक्ष्य कौशल उन्नयन के विभिन्न आयामों यथा: पाठ्यक्रम सामग्री डिजाइनिंग और विकास, प्रशिक्षित छात्र/छात्राओं के प्रमाणन एवं मूल्यांकन, प्रशिक्षणोपरांत लाभार्थी के नियोजन, प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण देना है। इस प्रक्रिया को और अधिक सुदृढ़ करने, मिशन और सेक्टर स्किल काउंसिल के बीच मजबूत साझेदारी विकसित करने, सभी स्तर पर तकनीकी एवं परिचालन संबंधी समस्याओं के समयबद्ध निवारण, स्किल इकोसिस्टम में बेहतर संवाद प्रणाली विकसित करने, वर्तमान परिदृश्य में उद्योगों के मापदंड के अनुसार प्रशिक्षित लाभार्थियों के नियोजन इत्यादि बिन्दुओं पर चर्चा तथा बिहार कौशल विकास मिशन एवं सेक्टर स्किल काउंसिल के बीच गैर वित्तीय एकरारनामा हस्ताक्षरित किया गया है। 
मौके पर माननीय मंत्री, श्री संतोष कुमार सिंह ने अपने संबोधन में बैठक के सफलता की कामना की और कहा कि बिहार की जनसंख्या में युवाओं की बड़ी आबादी है। राज्य का विकास और समृद्धि इन्हीं युवाओं पर निर्भर करता है। इसलिए हमारी सरकार यह मानती है कि युवाओं के लिए रोजगार के अधिक से अधिक अवसरों का सृजन करके ही राज्य का समग्र विकास संभव है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार राज्य के युवाओं के कौशल विकास के लिए प्रतिबद्ध है और लगातार प्रयासरत है। इस प्रयास में सेक्टर स्किल काउंसिल्स की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है। 
उन्होंने यह भी कहा कि सेक्टर स्किल काउंसिल्स विभिन्न प्रक्षेत्रों में कार्यरत औद्योगिक ईकाईयों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस माध्यम से वर्तमान कौशल अंतराल और देश विदेश के उद्योगों की आवश्यकताओं को समझने में बिहार सरकार की काफी मदद हो सकती है। इसके साथ ही, आपसे हमारे राज्य के युवाओं के प्रशिक्षण की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने, प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण (ToT) के मापदंडों में सुधार करने, तकनीकी एकीकरण (Digital Integration) के माध्यम से युवाओं तक कौशल एवं रोजगार की पहुँच सुनिश्चित करने, स्वरोजगार और प्लेसमेंट के अवसर की खोज में आपसे सहायता और सकारात्मक योगदान की अपेक्षा है। इस कार्य हेतु राज्य सरकार की ओर से सभी आवश्यक सहयोग किया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि बिहार राज्य में कौशल विकास के ये प्रयास और भी सशक्त होंगे और राज्य का सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करेंगे। 
वहीं, विभाग के प्रधान सचिव डॉ. बी. राजेन्दर ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में 20 लाख युवाओं को बाजार आधारित मांग के अनुसार प्रशिक्षण देने और 8 हजार ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना किया जाना है। जिसमें सेक्टर स्किल काउंसिल की भूमिका अहम होगी। उन्होंने कहा कि सेक्टर स्किल काउंसिल्स की बैठक में शामिल प्रतिभागियों द्वारा प्रशिक्षण की गुणवत्ता और उद्योग में मांग आधारित विषय पर सार्थक बातचीत कर उसके परिणाम को लागू करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता से समझौता नहीं होगा। इसलिए इसको सही करने का सुझाव आए हैं। उन्होंने सिलेबस और ट्रेनर को लेकर भी विस्तृत चर्चा की और कहा कि बिना दक्ष प्रशिक्षक के बिना युवाओं में प्रशिक्षण का रुझान कम हो जाता है। इसके दूर करना है। हमारी कोशिश सिर्फ औपचारिकता करना नहीं, बल्कि सही मायनों में प्रदेश के युवाओं को उन कौशल से लेस कर रोजगार के लिए तैयार करना है, जिसकी मांग बाजार में हैं।
बिहार कौशल विकास मिशन के अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्री राजीव रंजन ने कहा कि इस बैठक का आयोजन इसलिए किया गया कि हम ये जान सकें क्या और कब तक करना है ये संभव हो पाएगा, ट्रेनर्स के असेसमेंट को जान पाएंगे। इसके कॉस्ट को जान पाएंगे और अधिक से अधिक ट्रेनी को सुविधा देने का प्रयास करेंगे। 16 लाइन डिपार्टमेंट से एक ही तरह का कॉस्ट वसूला जाएगा। साथ ही ट्रेंड हुए बच्चों का जल्द से जल्द असेसमेंट और प्लेसमेंट हो, यह हमारी प्राथमिकता है। जितने भी बिहार के बच्चे हैं उनको संबंधित कोर्स जो इंडस्ट्री के लिए जरूरी है, उसमें कैसे पार्टिसिपेट कराया जाय ये हमारा प्रयास है। आज कल हमारे बच्चों का ज्यादा से ज्यादा योगदान हर इंडस्ट्री में है। आज कौशल विकास के क्षेत्र में बिहार की महिलाएं भी पीछे नहीं हैं और कौशल के क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर चल रहीं हैं। महिलाओं की भागीदारी उद्यमिता के क्षेत्र में और बढ़ाने हेतु काम करने की जरूरत है।
सेक्टर स्किल काउंसिल (एसएससी) की बैठक में एयरोस्पेस एंड एवियशन सेक्टर काउंसिल, अपरेल मेड अप्स होम फर्निशिंग सेक्टर काउंसिल, होम मैनेजमेंट एंड केयर गिवर्स सेक्टर कउंसिल, हैंडीक्राफ्ट्स एंड कारपेट सेक्टर काउंसिल, इंस्ट्रूमेंटेशन -ऑटोमेशन-  सर्विलेंस एंड कम्युनिकेशन सेक्टर काउंसिल, लॉजिस्टिक्स सेक्टर स्किल काउंसिल, रिटेलर्स एसोसिएशंस स्किल कौंसिल ऑफ़ इंडिया, टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल, टेक्सटाइल्स सेक्टर स्किल काउंसिल समेत देश भर से आए अन्य प्रमुख लोगों ने भाग लिया। इसके साथ ही बैठक में बिहार कौशल विकास मिशन के 16 लाइन ऑफ डिपरमेंट्स में से एससी एसटी वेलफेयर डिपार्मेंट, माइनॉरिटी वेलफेयर डिपार्मेंट, जीविका (रूलर डेवलपमेंट डिपार्मेंट), अर्बन डेवलपमेंट एंड हाउसिंग डिपार्मेंट, डिपार्टमेंट ऑफ़ हेल्थ और डिपार्टमेंट ऑफ़ एजुकेशन समित अन्य बिहार सरकार के अन्य विभाग के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। बैठक का संचालन अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्री राजीव रंजन और धन्यवाद ज्ञापन बिहार कौशल विकास मिशन के मिशन निदेशक श्री सुरेश कुमार सिंह के द्वारा किया गया।

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