सात दशकों से जीवंत बखरी का श्रीविश्वबंधु पुस्तकालय साहित्य और शिक्षा के अनमोल विरासतों को अपने में सहेजे हुए है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया से प्रबंधन समिति का द्विवार्षिक चुनाव इसकी विशेषता है
सात दशकों से जीवंत बखरी का श्रीविश्वबंधु पुस्तकालय साहित्य और शिक्षा के अनमोल विरासतों को अपने में सहेजे हुए है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया से प्रबंधन समिति का द्विवार्षिक चुनाव इसकी विशेषता है। सरकार इस पुस्तकालय के विकास की समुचित व्यवस्था करेगी। उपरोक्त बातें बिहार विधानसभा द्वारा गठित पुस्तकालय समिति के सभापति विधायक रामवृक्ष सदा ने कही। वे समिति के अन्य विधायक सदस्यों सहित विधान सभा के अधिकारियों की पूरी टीम के साथ श्रीविश्वबंधु पुस्तकालय का निरीक्षण करने पहुंचे थे। सभापति के अनुसार, बिहार में पुस्तक पढ़ने और पुस्तकालयों की परम्परा को एक बार फिर से खङा करना पङेगा। पुस्तकालय समिति, सरकार से श्रीविश्वबंधु पुस्तकालय को अनुमंडल पुस्तकालय घोषित करने की अनुशंसा करेगी। पुस्तकालय के पूर्व अध्यक्ष सिधेश आर्य द्वारा श्रीविश्वबंधु पुस्तकालय को माॅडल पुस्तकालय का दर्जा दिये जाने की मांग पर सभापति ने कहा कि विधानसभा पुस्तकालय समिति इसकी अनुशंसा राज्य सरकार के माध्यम से केन्द्र सरकार को करेगी। माॅडल पुस्तकालय बन जाने से 70:30 के अनुपात में केन्द्र व राज्य सरकार से वित्तीय सहायता श्रीविश्वबंधु पुस्तकालय को सहज रूप से मिल सकेगी। जिससे यह पुस्तकालय समृद्ध और विकसित बन सकेगा।
समिति के सदस्य व महिषी विधानसभा से विधायक गुंजेश्वर साह ने कहा कि बखरी जैसे कस्बाई शहर में इतना व्यवस्थित,आत्मनिर्भर व पुस्तकों के मामले में समृद्ध लाइब्रेरी का होना यहां की साहित्यिक विशेषताओं का परिचायक है। उन्होंने पुस्तकालय के संचालन व्यवस्था को बेहतर बताते हुए कहा कि जनता के लिए, जनता के द्वारा, की जा रही व्यवस्था ही सर्वश्रेष्ठ है। सरकारी व्यवस्था पर तंज कसते हुए कहा कि प्रशासनिक मशीनरी के हाथों पुस्तकालयों की व्यवस्था आ जाने पर कई बार उसे बर्बाद ही होते देखा है। उन्होंने कहा कि श्रीविश्वबंधु पुस्तकालय के विकास के लिए सरकार और पुस्तकालय समिति हर संभव प्रयास करेगी। पालीगंज से विधायक व समिति सदस्य संदीप सौरभ ने कहा कि अनुमंडल पुस्तकालय बनने से इसके विकास के द्वार खुलेंगे। समिति यह प्रयास करेगी कि पुस्तकालय के लिखित संविधान को ही नियमावली में शामिल कर इसे अनुमंडल पुस्तकालय का दर्जा मिले। एसडीएम सन्नी कुमार सौरभ ने कहा कि विकास से वंचित बखरी का श्रीविश्वबंधु पुस्तकालय भावी पीढ़ी को बेहतर भविष्य देने का काम रही है। बोले,यह संतोष का विषय है कि पुस्तकालय की पुस्तकों को पढ कर अनेक छात्र छात्राऐं सरकारी सेवाओं में अधिकारी हैं।
इससे पहले, पूर्व अध्यक्ष सिधेश आर्य ने पुस्तकालय के सात दशक के गौरवशाली अतीत का खाका तथा विकास के अनेक मांगों को पुस्तकालय समिति के सदस्यों के समक्ष रखा। वहीं, विशेष समिति सदस्य राजेश अग्रवाल ने पुस्तकालय के जर्जर भवन के नव निर्माण की आवश्यकता जताते हुए सरकार के संज्ञान तक लाने की बात समिति के सदस्यों से कही। अध्यक्ष सुरेन्द्र केसरी ने से सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग पुस्तकालय को ई लाइब्रेरी में विकसित करने के प्रयास की बात कही। इस बाबत सचिव प्रिंस सिंह परमार ने लिखित मांग पत्र भी सभापति को सौंपा। मौके पर जिला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम,बीईओ सविता कुमारी लक्ष्मी, आर एस एस के जिला संघचालक मनोरंजन वर्मा, भाजपा नगर अध्यक्ष अमरनाथ पाठक, राजद अध्यक्ष सुरेश यादव,हरेराम,इंदिरा सिंह परमार,बबिता आर्य,पूर्व अध्यक्ष जयदेव सान्याल, मणीश कुमार, नीरज राय, संतोष भारती गुड्डू आदि मौजूद थे।
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