समेकित मत्स्य पालन आय दोगुनी करने का माध्यम
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में “समेकित मत्स्य पालन की आधुनिक तकनीकियाँ” विषय पर दरभंगा के 30 किसानों को प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। संस्थान के प्रभारी निदेशक डॉ. आशुतोष उपाध्याय ने समेकित मत्स्य पालन के माध्यम से आय दोगुनी करने के तरीकों को बड़े ही सरल तरीके से बताया । उन्होंने मत्स्य पालन के कम से कम कोई दो अवयवों को सम्मिलित करने की सलाह दी, जिसमें किसान एक कृषि प्रणाली के अपशिष्ट को बेहतर तरीके से मत्स्य में उपयोग कर अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं। डॉ कमल शर्मा, विभागाध्यक्ष, पशुधन एवं मत्स्य प्रबंधन प्रभाग ने मछली के साथ मखाना उत्पादन करने के प्रबंधन की विस्तृत चर्चा की। श्री गौरी शंकर, संयुक्त निदेशक, मीठापुर अनुसंधान केंद्र ने बिहार तथा केंद्र सरकार द्वारा चलाये जा रहे मत्स्य योजनाओं की जानकारी किसानों के साथ साझा की । डॉ विवेकानंद भारती, वैज्ञानिक ने किसानों को मत्स्य पालन की बायोफ्लोक एवं एक्वापोनिक्स तकनीक की जानकारी दी। इस कार्यक्रम के दौरान सभी किसानों को प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र प्रदत्त किया गया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ तारकेश्वर कुमार, वैज्ञानिक की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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