मंत्री प्रेम कुमार द्वारा जी.आई.एस एनालिस्ट जूनियर रिसर्च फेलो' एवं 'जूनियर लैब असिसटेंट' के पद पर चयनित कुल 12 अभ्यार्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया।
माननीय मंत्री, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार डॉ०. प्रेम कुमार द्वारा बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा नमामी गंगे परियोजना के तहत मानव बल संवर्धन के तहत प्रकाशित विज्ञापन के माध्यम से प्राप्त आवेदनों में से जी.आई.एस एनालिस्ट जूनियर रिसर्च फेलो' एवं 'जूनियर लैब असिसटेंट' के पद पर चयनित कुल 12 अभ्यार्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया।
राज्य पर्षद द्वारा नियुक्त निम्नांकित अभ्यार्थियों की नियुक्ति से राज्य पर्षद द्वारा नदियों के जल की गुणवत्ता के अनुश्रवण में सहायता मिलेगीः-
जी.आई.एस एनालिस्ट (GIS ANALYST)
1. सुश्री बेबी सोनल,
जूनियर रिसर्च फेलो (JRF)
1. सुश्री रचना सिंह,
2. सुश्री काजोल किरण
जूनियर लैबोरेटरी असिस्टेंट (JLA)
1. सुश्री अभिलाषा,
2. श्री अभिषेक कुमार,
3. सुश्री स्नेहा कुमारी,
4. मो० तौहीद आलम,
5. श्री दीपक कुमार,
6. सुश्री नीतू कुमारी,
7. सुश्री शानू प्रिया,
8. श्री आयुष शर्मा,
9. सुश्री सिंकी कुमारी,
माननीय मंत्री, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार, डॉ०. प्रेम कुमार ने पर्षद के सभागार में उपस्थित राज्य पर्षद के अधिकारियों / कर्मचारियों व नियुक्ति हेतु चयनित अभ्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा केन्द्रीय और राज्य सरकार की सेवाओं में बेरोजगार युवाओं को उनकी योग्यता के आधार पर रोजगार का अवसर प्रदान किये जा रहे हैं तथा प्रतियोगिता में चयनित सफल अभ्यार्थियों की नियुक्ति की जा रही है।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि राज्य में वायु प्रदूषण को नियंत्रण हेतु कई कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गंगा जल की शुद्धता को अक्षुण्ण रखने हेतु राज्य स्तर पर हर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण हेतु जन-सहभागिता पर विशेष बल दिया और व्यापक जन-जागरूकता कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण में प्रत्येक नागरिक का योगदान महत्वपूर्ण है। उद्योंगो एवं अन्य संस्थानों में खाली जगहों पर पौधारोपण कर हरित आवरण को बढ़ाने का आह्वाहन किया।
इस अवसर पर राज्य पर्षद के अध्यक्ष डॉ०. डी.के. शुक्ला ने अपने संबोधन में कहा कि गंगा एवं इनकी सहायक नदियों को स्वच्छ एवं निर्मल रखने के लिए नमामी गंगे परियोजना चलायी जा रही है। पर्षद में वैज्ञानिकों की कमी को देखते हुए नवनियुक्त जूनियर रिसर्च फेलो (JRF) एवं जूनियर लैब असिसटेंट (JLA) नदियों के जल नमूनों का अनुश्रवण बेहतर तरीके से करने में सहायक होंगे।
राज्य पर्षद के सदस्य सचिव श्री एस. चन्द्रशेखर, भा.व.से. ने धन्यवाद ज्ञापन संबोधन में कहा कि नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा नमामी गंगे परियोजना के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने की कुल 54 परियोजनाएं चलायी जा रही हैं, जिनके पूर्ण होने से गंगा व इनकी सहायक नदियों के जल की गुणवत्ता बेहतर होगी। जन-सामान्य की जानकारी हेतु राज्य के नदियों के जल की गुणवत्ता के आकड़ों को राज्य पर्षद के वेबसाईट पर डाला जाता है।
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