जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज आईसीडीएस एवं कल्याण विभाग से संबंधित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई।

जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज आईसीडीएस एवं कल्याण विभाग से संबंधित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई।

 जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज आईसीडीएस एवं कल्याण विभाग से संबंधित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई। समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में आयोजित बैठक में उन्होंने इन विभागों के जिला में अद्यतन प्रगति का जायजा लिया। 

कल्याण विभाग की समीक्षा में पाया गया कि मुख्यमंत्री छात्रावास अनुदान योजना में जिला में प्रतिमाह 674 छात्र-छात्राओं को 6,74,000 (छः लाख चौहत्तर हजार) रुपये की अनुदान राशि प्रदान की जाती है। जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि इस योजना अंतर्गत अनुदान राशि का भुगतान जून माह तक कर दिया गया है। जिलाधिकारी द्वारा इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए जिला कल्याण पदाधिकारी को जुलाई माह का एवं आगे भी भुगतान ससमय करने का निदेश दिया गया। इस योजना अंतर्गत जिले के सात राजकीय अम्बेडकर कल्याण छात्रावासों, अब्दुल कयूम अंसारी कल्याण छात्रावास तथा जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास में सभी नामांकित छात्र-छात्राओं को एक-एक हजार रुपया प्रति माह प्रति विद्यार्थी की अनुदान राशि प्रदान की जाती है। सात राजकीय अम्बेडकर कल्याण छात्रावासों में 548 छात्र एवं छात्रा नामांकित है। जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास, कंकड़बाग में 55 छात्र तथा अब्दुल क्यूम अंसारी कल्याण छात्रावास, रानीघाट में भी 71 छात्र नामांकित हैं। जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि इन सभी 674 छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री खाद्यान्न आपूर्ति योजना का भी नियमित तौर पर लाभ दिया जा रहा है। इसके तहत 15 किलोग्राम अनाज प्रति विद्यार्थी प्रति माह दिया जाता है जिसमें 09 किलोग्राम चावल तथा 06 किलोग्राम गेहूँ शामिल है। जिलाधिकारी द्वारा जिला कल्याण पदाधिकारी को अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार अधिनियम योजना अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का त्वरित गति से निष्पादन तथा पेंशन भुगतान अद्यतन रखने का निदेश दिया गया। कैलेण्डर वर्ष 2024 में इस योजना अंतर्गत अभी तक 253 लाभुकों को योजना का लाभ दिया गया है। पेंशनधारियों की संख्या 76 है। अनुश्रवण समिति की प्रावधानों के आलोक में नियमित तौर पर बैठक हो रही है। अभी तक 02 बैठक हो चुका है। गायघाट, पुनपुन एवं पिपलावॉ में प्लस 2 अनुसूचित जाति आवासीय विद्यालयों तथा मोकामा एवं कदमकुआं में अन्य पिछड़ावर्ग कन्या प्लस 2 उच्च विद्यालयों में खनिज फाउण्डेशन की राशि से ओपेन जिम, कम्प्यूटर सेट, पुस्तकालय हेतु पुस्तक एवं स्मार्ट क्लास का प्रबंध किया गया है। पटना जिला में 104 सामुदायिक भवन-सह-वर्कशेड का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा 35 पर कार्य प्रक्रियाधीन है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में सामुदायिक भवन-सह-वर्कशेड के निर्माण हेतु कार्यकारी एजेंसियों स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन 1 एवं 2 को 17 का लक्ष्य दिया गया है। डीएम डॉ. सिंह ने अपर समाहर्ता को निदेश दिया कि प्राथमिकता के आधार पर भूमि चिन्हित करने के कार्य का अनुश्रवण करें। चिन्हित भूमियों का अनापŸिा प्रमाण-पत्र अंचलाधिकारियों द्वारा शीघ्र उपस्थापित कराएँ। प्रखण्ड कल्याण पदाधिकारियों तथा विकास मित्रों के माध्यम से भूमि को चिन्हित करने के कार्य में तेजी लाई जाए। अनुमंडल पदाधिकारियों एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को आ रही समस्याओं का समाधान करने का निदेश दिया गया। जनजातीय शोध संस्थान (टीआरआई) के स्थापना हेतु जमीन का प्रस्ताव भी उपलब्ध कराने का निदेश अपर समाहर्ता को दिया गया। जिलाधिकारी द्वारा उप विकास आयुक्त एवं जिला कल्याण पदाधिकारी को कल्याण विभाग अंतर्गत आवासीय विद्यालयों एवं छात्रावासों का नियमित तौर पर निरीक्षण कराने का निदेश दिया गया ताकि विद्यार्थियों की हर शैक्षणिक आवश्यकता की ससमय पूर्ति की जा सके। सरकार के निदेश के आलोक में पटना जिला में अनुसूचित जाति की 30 हजार से अधिक आबादी वाले 13 प्रखंडों में छात्रावास का निर्माण किया जाना है। जिलाधिकारी द्वारा अपर समाहर्ता को जमीन को चिन्हित करने, हस्तांतरण आदि की लंबित प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने का निदेश दिया गया। राजकीय अम्बेडकर कल्याण छात्रावासों, अब्दुल क्यूम अंसारी कल्याण छात्रावास, जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास तथा अन्य पिछड़ावर्ग कन्या प्लस 2 उच्च विद्यालयों में रिक्तियों के विरूद्ध नामांकन प्रक्रिया जारी है। प्राक् परीक्षा प्रशिक्षण केन्द्रों में भी नामांकन प्रक्रियाधीन है। जिलाधिकारी ने जिला कल्याण पदाधिकारी को रिक्तियों के विरूद्ध विकास मित्रों का नियमानुसार नियोजन कराने का निदेश दिया। 
जिलाधिकारी ने जिला कल्याण पदाधिकारी को निदेश दिया कि छात्रावासों का विधिवत संचालन सुनिश्चित रखें। क्षमता-वर्धन पर विशेष ध्यान दें। फुलवारीशरीफ के गोनपुरा पंचायत में अनुसूचित जाति आवासीय विद्यालय के लिए तीन एकड़ जमीन हस्तांतरित किया गया है। जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि इसके लिए निविदा की कार्रवाई पूर्ण है। कार्यादेश निर्गत है। भवन निर्माण विभाग को काम प्रारंभ करना है। जिलाधिकारी ने जिला कल्याण पदाधिकारी को भवन निर्माण विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए तुरत काम शुरू कराने का निदेश दिया। डीएम डॉ. सिंह द्वारा अपर समहर्ता को अंचलाधिकारी के माध्यम से पटना सदर में एक अनुसूचित जाति आवासीय विद्यालय के निर्माण हेतु भूमि चिन्हित कर शीघ्र प्रस्ताव उपस्थापित करने का निदेश दिया गया। 

जिला प्रोग्राम कार्यालय, आईसीडीएस की समीक्षा में पाया गया कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना में जिला की अच्छी उपलब्धि है। पटना पूरे राज्य में प्रथम स्थान पर है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में भी पटना जिला राज्य में टॉप-2 में है। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना में वित्तीय वर्ष 2024-25 में जीरो से दो साल में लक्ष्य के विरूद्ध लाभुकों के पंजीकरण में उपलब्धि 72 प्रतिशत है। एक से दो वर्ष के लाभुकों के मामले में उपलब्धि संतोषजनक नहीं पायी गई। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के क्रियान्वयन में दुल्हिनबाजार, पुनपुन, मनेर, पालीगंज एवं बिक्रम बाल विकास परियोजनाओं की स्थिति खराब थी। जिलाधिकारी ने इन पाँचों परियोजनाओं के बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण करते हुए दो सप्ताह के अंदर स्थिति में सुधार लाने का निदेश दिया। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में वित्तीय वर्ष 2024-25 में लक्ष्य के विरूद्ध उपलब्धि 92 प्रतिशत है। पोषण ट्रैकर पर अपलोड गृह भ्रमण, वृद्धि निगरानी, सामुदायिक गतिविधियों (सीबीई), पूरक पोषाहार योजना (टीएचआर एण्ड एचसीएम), वीएचएसएनडी आदि की समीक्षा की गई। इसमें पाया गया कि सात प्रखंडों में जिला के औसत से कम उपलब्धि है। इन सातों प्रखंडों- मोकामा, नौबतपुर, बाढ़, धनरूआ, मनेर, दुल्हिनबाजार तथा बख्तियारपुर- से स्पष्टीकरण करते हुए स्थिति में तुरत सुधार लाने का निदेश दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि इन मानकों पर शिथिलता एवं लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिलाधिकारी ने आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अन्नप्राशन, गोदभराई एवं वीएचएसएनडी का प्रावधानों के अनुसार सफलतापूर्वक आयोजन करने का निदेश दिया। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अपर समाहर्ता को नियमित अनुश्रवण करने का निदेश दिया है। डीएम डॉ. सिंह ने जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस को रिक्तियों के अनुरूप विधिवत ढंग से चयन प्रक्रिया का संचालन करने का निदेश दिया।

जिलाधिकारी द्वारा डीपीओ आईसीडीएस को आँगनबाड़ी केन्द्रों का लगातार निरीक्षण करने तथा योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया। 


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