जलवायु अनुकूल कृषि के द्वारा धान परती भूमि प्रबंधन

जलवायु अनुकूल कृषि के द्वारा धान परती भूमि प्रबंधन

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के निदेशक डॉ. अनुप दास एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राकेश कुमार, परियोजना अन्वेषक के तत्वाधान में चलाई जा रही परियोजना जलवायु अनुकूल धान परती भूमि प्रबंधन के तहत दिनांक 30 जुलाई 2024 को ग्राम गुलरियाचक में लगभग 50 एकड़ भूखंड पर कम अवधि की सीधी बुआई धान (प्रजाति स्वर्ण श्रेया) एवं 25 एकड़ में अरहर (प्रजाति आइपीए 203) का प्रत्यक्षण कार्यक्रम एवं किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र, मानपुर, गया के प्रमुख इ. मनोज कुमार राय के सहयोग से आयोजित इस बैठक में संस्थान से आए तकनीकी अधिकारी श्री राम कुमार मीना एवं वरीय शोधकर्ता श्री बुद्ध प्रियमौर्य के द्वारा किसानों को वातावरण अनुकूल धान एवं अरहर की प्रजाति के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने किसानों को कम अवधि की सीधी बुआई धान एवं मेड़ पर अरहर लगाने की उन्नत तकनीक अपनाने की सलाह दी, ताकि किसान इसका लाभ लेकर अपने आप को आत्मनिर्भर बना सकें। इस कार्यक्रम के तहत संबंद्ध किसानों के खेत से मृदा परीक्षण हेतु मिट्टी के नमूने भी एकत्रित किए गए, ताकि किसानों को उचित पोषक तत्व के प्रबंधन करने में सहायता मिल सके। इस कार्यक्रम में गाँव के मुख्य सहयोगी के रूप में श्री आशीष कुमार एवं रविन्द्र यादव ने कार्यक्रम में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस कार्यक्रम से लाभ लेकर किसान अपनी धान परती भूमि में दूसरी फसल लेकर अपनी आय एवं सामाजिक स्थिति सुदृढ़ कर सकते हैं। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में गाँव के किसान श्री सत्येन्द्र प्रसाद, श्री दिनेश चंद्र, श्री पुनित बिंद,श्री रामलखन सिंह, श्री उमेश सिंह, श्री सहजानन्द सिंह, श्री सत्येन्द्र प्रसाद समेत अन्य ग्रामीणों का भरपूर योगदान रहा।

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