पत्रकारिता में मानवीयता और संवेदनशीलता सर्वोपरि बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की मीडियाकर्मियोें की प्रशिक्षण कार्यशाला में उभरे विचार

पत्रकारिता में मानवीयता और संवेदनशीलता सर्वोपरि बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की मीडियाकर्मियोें की प्रशिक्षण कार्यशाला में उभरे विचार

पटना, 19 जुलाई। ‘पत्रकारिता एक कठिन डगर है। पत्रकार एक साथ कई मोर्चों पर और कई चुनौतियों का सामना कर रहा होता है। मानवीयता और संवेदनशीलता के बगैर पत्रकारीय धर्म का ईमानदारी से निर्वहन संभव नहीं है।‘ उक्त बातें बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तत्वावधान में शुक्रवार को आपदा पूर्व तैयारियां व प्रबंधन विषय पर आयोजित मीडियाकर्मियों की प्रशिक्षण कार्यशाला में प्राधिकरण के माननीय उपाध्यक्ष डाॅ. उदय कांत ने कही। इस अवसर पर प्राधिकरण के माननीय सदस्य श्री पारस नाथ राय, माननीय सदस्य श्री कौशल किशोर मिश्र और माननीय सदस्य श्री नरेंद्र कुमार सिंह भी मौजूद थे। कार्यशाला का आयोजन ज्ञान भवन में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई। अतिथियों का स्वागत पौधा देकर किया गया।
माननीय उपाध्यक्ष डाॅ. उदय कांत ने मीडिया के क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों और पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्द्धन किया। पीपीटी के माध्यम से बताया कि पत्रकारिता एक निर्भीक पेशा है। यह सिद्धांतों की लड़ाई है इसलिए सही खबरें ही प्रमुखता से छपनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार के कार्यकलापों के साथ पत्रकारिता भी सकारात्मक भाव के साथ जुड़ जाये तो आपदा के समय पीड़ित लोगों की काफी मदद की जा सकती है। 
प्राधिकरण के सचिव श्री मीनेंद्र कुमार ने विषय प्रवेश कराते हुए कार्यशाला के उद्देश्यों एवं आपदा में मीडिया की भूमिका एवं मीडियाकर्मियों के प्रशिक्षण पर जोर दिया। प्राधिकरण इस तरह की कार्यशाला प्रत्येक वर्ष आयोजित करता है। उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम से आपदा प्रबंधन संबंधी कार्यों से आमजन को जागरूक किया जा सकता है।  
नवहिंद टाइम्स, गोवा के पूर्व संपादक वरिष्ठ पत्रकार श्री अरुण सिन्हा निजी कारणों से कार्यशाला में उपस्थित नहीं हो पाए किंतु उनके संदेश को ऑडियो क्लिप के माध्यम से कार्यशाला में प्रसारित किया गया। उन्होंने बिहार में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में हो रहे कार्यों को सराहा। वरिष्ठ पत्रकार श्री विजय कुमार मिश्र ने पत्रकारिता में अच्छी खबरें छापने पर जोर दिया। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि आज के दौर में फिल्मी दुनिया की खबरों को प्राथमिकता दी जाती है किंतु जन कल्याण से जुड़ी अच्छी खबरों को नहीं छापा जाता है। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण द्वारा चलाये जा रहे आपदा से बचाव हेतु तैयारी व प्रशिक्षण की खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित करना चाहिए। प्राधिकरण देश में अग्रणी होकर कार्य कर रहा है जिससे अन्य राज्य के लोग भी सीख सकते हैं। 
मीडिया गुरु के संस्थापक श्री संजय सलिल ने पत्रकारिता के क्षेत्र में उद्यमिता की जानकारी दी। बिहार में आपदा के क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों के उपयोग की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यहां ऐसे कार्य हो रहे हैं, जो किसी अन्य राज्य में नहीं हो रहा है। प्राधिकरण द्वारा आधुनिकतम तकनीक एआई, एमएल, एआर/वीआर तकनीक के उपयोग की सराहना की। श्री सलिल ने टीम भावना पर विशेष बल दिया और कहा कि इसकी बदौलत किसी भी क्षेत्र में सफलता पायी जा सकती है। कहा कि बिहार का परिवेश आपके अंदर सहनशीलता की एक ऐसी सहज शक्ति पैदा कर देता है, जो किसी भी कठिन परिस्थिति में खुद को साबित करने की ताकत देता है। यही वजह है कि यहां के लोग हमेशा किसी भी माहौल में बेहतर कर पाते हैं।
टाइम्स इंटरनेट के श्री गौतम कुमार ने मीडिया में एआई, एमएल, एआर/वीआर तकनीक के इस्तेमाल के बारे में विस्तार से बताया। ऐसी तकनीक पत्रकारिता में सहयोग ही करेगी न कि नुकसान। इन्होंने तकनीक के विभिन्न पहलुओं पर पीपीटी के माध्यम से जानकारी दी। सोशल मीडिया टूल्स यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक इत्यादि के इस्तेमाल के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि कैसे इसके जरिये अच्छी आय की जा सकती है।
एनडीटीवी के समाचार संपादक श्री प्रभाकर कुमार ने आपदा प्रबंधन एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में सामने आने वाली चुनौतियों एवं तैयारियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने अपने अनुभवों के आधार पर वर्ष-2008 की कोसी बाढ़ त्रासदी एवं नेपाल भूकंप की न्यूज कवरेज की जानकारी दी। वरिष्ठ पत्रकार श्री स्वयं प्रकाश ने पत्रकारिता में मानवीयता, संवेदनशीलता एवं मूल्य आधारित लेखनी की जरूरतों के बारे में बताया। पत्रकार श्री पुष्य मित्र ने सकारात्मक रिपोर्टिंग की जरूरतों पर जोर दिया तथा प्राधिकरण द्वारा चलाये जा रहे कार्यों की सराहना हुए कई उदाहरण भी दिए। इन्होंने बाढ़ पूर्व तैयारी के लिए और भीषण गर्मी व लू के संबंध में सरकार द्वारा सभी जिला पदाधिकारियों को उपलब्ध करवायी जा रहे मार्गदर्शिका को सही तरीके से जमीनी स्तर पर लागू करने पर बल दिया। कहा कि सरकार के साथ-साथ मीडियाकर्मियों का भी दायित्व है कि आपदा के संबंध में सही रिपोर्टिंग की जाये।
कार्यक्रम के अंत में सभी आगंतुकों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यशाला में बड़ी संख्या में राजधानी के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं, टीवी चैनलों और वेब पत्रकारिता से जुड़े पत्रकारों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में पटना वीमेंस कॉलेज, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय और सेंट जेवियर्स कॉलेज के पत्रकारिता के विद्यार्थी भी मौजूद थे। धन्यवाद ज्ञापन श्री रविंद्र भारती ने किया।

0 Response to "पत्रकारिता में मानवीयता और संवेदनशीलता सर्वोपरि बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की मीडियाकर्मियोें की प्रशिक्षण कार्यशाला में उभरे विचार"

एक टिप्पणी भेजें

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article