डीएम की अध्यक्षता में जिला गंगा समिति की बैठक का आयोजन

डीएम की अध्यक्षता में जिला गंगा समिति की बैठक का आयोजन

गंगा नदी के उत्थान एवं संरक्षण के प्रति सभी स्टेकहोल्डर्स प्रतिबद्ध रहें; अविरलता एवं निर्मलता हेतु विशेष प्रयास करेंः डीएम
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पटना, गुरूवार, दिनांक 27.06.2024ः जिलाधिकारी-सह-अध्यक्ष, जिला गंगा समिति, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा है कि गंगा नदी एवं उसकी सहायक नदियों के उत्थान, संरक्षण एवं अविरलता हेतु सभी हितधारक (स्टेकहोल्डर्स) सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें। अविरलता एवं निर्मलता हेतु विशेष प्रयास करें। वे आज समाहरणालय स्थित सभागार में इस विषय पर आयोजित मासिक बैठक में पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सतत जन-जागरूकता कार्यक्रम के साथ-साथ गंगा एवं उसकी सहायक नदियों की स्वच्छता हेतु चलाए जा रहे सभी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन किया जाए। नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत अर्थ गंगा कार्यक्रम को धरातल पर लाने की आवश्यकता है जिससे गंगा की अविरलता एवं स्वच्छता के साथ-साथ आमजन के जीविकोपार्जन में वृद्धि हो सके। इसके लिए पर्यटन, मत्स्य, जीविका, कृषि, वन सहित सभी विभागों के पदाधिकारियों को अपने-अपने योजनाओं का सफलतापूर्वक संचालन करना होगा। 

इस बैठक में उप विकास आयुक्त, पटना श्री तनय सुल्तानिया द्वारा एजेंडावार प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। जिलाधिकारी द्वारा वन, बुडको, कृषि, पर्यटन, नगर निकाय, ग्रामीण विकास, नेहरू युवा केन्द्र, शिक्षा, स्वास्थ्य, जीविका सहित विभिन्न विभागों के जिला-स्तरीय पदाधिकारियों के साथ कृत कार्रवाई की समीक्षा की गई।

जिलाधिकारी ने कहा कि गंगा के किनारे इको टूरिज्म को प्रोत्साहित करना, पर्यावरण एवं जैव विविधता संरक्षण, सतत विकास एवं आम जनता के जीविकोपार्जन के अवसरों में वृद्धि के लिए समिति से संबद्ध सभी विभागों के पदाधिकारियों को आपस में समन्वय स्थापित कर सतत प्रयत्नशील रहना होगा।
 
जिलाधिकारी डॉ. सिंह द्वारा जिला गंगा समिति अंतर्गत सभी पाँच स्तम्भों यथा निर्मल गंगा, अविरल गंगा, जन गंगा, ज्ञान गंगा एवं अर्थ गंगा के तहत दायित्वों का अक्षरशः पालन करने का निर्देश दिया गया। बुडको को सभी निर्माणाधीन, पूर्ण व अपूर्ण सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की विवरणी उपलब्ध कराते हुए लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान एवं नगर निकायों अंतर्गत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सुनिश्चित करने, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा गंगा नदी के जल की गुणवत्ता में सुधार के आंकड़ों का प्रेषण, वन विभाग द्वारा आर्द्र भूमि संरक्षण, वनीकरण एवं जैव विविधता संरक्षण में किए जा रहे सभी कार्यों का उत्कृष्ट क्रियान्वयन करने का निदेश दिया गया। जन गंगा कार्यक्रम अंतर्गत जन-जागरूकता, प्रभात फेरी, रैली, गंगा मैराथन, गंगा क्वीज, दीवार लेखन, नारा प्रतियोगिता, कैच द रेन (वर्षा जल संग्रहण), गंगा आरती का नियमित आयोजन कराने का निदेश दिया गया। 

कृषि विभाग के पदाधिकारी द्वारा जीरो बजट प्राकृतिक खेती, जैविक खेती, ऑर्गेनिक वेस्ट फार्मिंग एवं परम्परागत खेती से संबंधित विवरणी प्रस्तुत किया गया। नमामि गंगे योजना तहत पटना जिले के सात प्रखण्डों में जैविक खेती योजना शुरू की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य मानव उपभोग के लिए स्थायी रूप से रसायन से मुक्त पौष्टिक भोजन का उत्पादन करना एवं पर्यावरण के अनुकूल कम लागत वाली पारम्परिक तकनीकों और किसान अनुकूल तकनीकों को अपनाकर खतरनाक अकार्बनिक रसायनों से गंगा के तटों सहित पर्यावरण की रक्षा करना है। योजना की अनुदान राशि इच्छुक किसानों के खाते में पीएफएमएस के माध्यम से की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2022-2023 से 2024-25 में चयनित सभी सात प्रखण्डों में 1,000 हेक्टेयर खेती का लक्ष्य है जिसमें इनपुट अनुदान प्रति हेक्टेयर 12,000 (प्रथम वर्ष), 10,000 प्रति हेक्टेयर (द्वितीय वर्ष) एवं 9,000 प्रति हेक्टेयर (तृतीय वर्ष) राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में नमामि गंगे स्वच्छता अभियान अंतर्गत उक्त सभी सात प्रखण्डों में कुल 1,472 किसानों का आवेदन प्राप्त हुआ है जिन्हें पीएफएमएस के माध्यम से कुल व्यय की गई राशि 104.3 लाख रुपये हैं। इसके अलावा जैविक कोरिडोर योजना अंतर्गत नौ प्रखण्डों में खेती करायी जा रही है। इस योजना के तहत मिट्टी के स्वास्थ्य एवं गुणवत्ता के संरक्षण एवं वृद्धि के साथ सूक्ष्म जीवों एवं केचुओं की संख्या में वृद्धि की जाती है। इससे मिट्टी की जलधारण क्षमता बढ़ती है। जैविक फसलों पर मधुमक्खियाँ ज्यादा आती हैं जिससे मधु का अच्छा उत्पादन होता है। जैविक कोरिडोर योजना के तहत 2022-23 से 2024-25 में कुल 1,855 एकड़ भूमि चयनित किया गया है। इसमें इनपुट अनुदान प्रति एकड़ 11,500 प्रथम वर्ष एवं द्वितीय, तृतीय वर्ष में 6,500 रुपये प्रति एकड़ का प्रावधान है। जिलाधिकारी द्वारा गंगा के किनारे पंचायतों को प्राथमिकता के आधार पर चयनित करने का निदेश दिया गया।
मत्स्य विभाग के पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि 15 जून से 15 अगस्त तक मछलियों की शिकारवाही पर रोक होती है। इस परिप्रेक्ष्य में सरकार द्वारा एक योजना चलाई जा रही है जिसका नाम राहत-सह-बचत योजना है। इसके तहत मछुआरों को मत्स्य शिकारवाही से रोकने हेतु मछुआरों का शेयर 1,500 रुपये सहित सरकार द्वारा 3,000/- रुपये की राशि अनुदान स्वरूप अर्थात कुल 4,500 रुपये खाते के माध्यम से शिकार करने वाले मछुआरों को जागरूकता परिप्रेक्ष्य में दिया जाता है ताकि शिकारवाही पर प्रभावी रोक सुनिश्चित किया जा सके। पटना जिला में 38 हेक्टेयर में मत्स्य पालन किया जा रहा है। एक हेक्टेयर में चार लाख रुपये की लागत आती है जिसमें सामान्य वर्ग के मछली पालक को 50 प्रतिशत की सब्सिडी मुहैया करायी जाती है। विगत वर्ष जिला की इसमें शत-प्रतिशत उपलब्धि रही है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण प्रमंडल, पटना पूर्वी एवं पश्चिमी को गंगा ग्राम व नन-गंगा ग्राम की वाटर टेबल की स्थितियों एवं भू-जल की मासिक प्रतिवेदन नियमित तौर पर प्रदान करने का निदेश दिया गया। गंगा-सोन सुरक्षा नियंत्रण दीघा/बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, पटना को बाढ़ नियंत्रण, बचाव एवं बाढ़ से पूर्व की जा रही तैयारियों की विवरणी उपलब्ध कराने के लिए निदेशित किया गया। लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान को ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्यक्रम के लिए डब्ल्यूपीयू का निर्माण चिन्हित कुल प्रखंडों की संख्या एवं इनमें किए गए कार्यों के साथ ओडीएफ अंतर्गत सामुदायिक/पारिवारिक शौचालय के अबतक का निर्माण/निर्माणाधीन कार्यों का अवलोकन किया गया। जिला वन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रस्तावित 10,150 पौधारोपण के साथ पिछले वित्तीय वर्ष में 5,500 वृक्षों का संरक्षण किया जा रहा है। नेहरू युवा केन्द्र, पटना के पदाधिकारी को जन-जागरूकता कार्यक्रम अंतर्गत गंगा संरक्षण के प्रति जागरूक करने, जिला के गंगा ग्राम व नन गंगा ग्राम में संचालित युवा क्लब की विवरणी उपलब्ध कराने और कैच द रेन कार्यक्रम में युवाओं व जनभागीदारी सुनिश्चित करने का निदेश दिया। पर्यटन विभाग के पदाधिकारी को गंगा तट पर फूड कोर्ट, जॉगिंग प्लेस, योगा प्लेस, जिम के साथ वाटर स्पोर्ट जैसे बीच वॉलीबॉल, जॉरविंग, कैफे क्लब, लाइब्रेरी, मेडिटेशन/योगा क्लब, स्केटिंग रिंक आदि को विकसित करने हेतु कार्य-योजना तैयार करने का निदेश दिया। दियारा क्षेत्रों में उपलब्ध पारिस्थितिकी के लिए पर्यटन से जोड़ते हुए पारिस्थितिकी पर्यटन (इको टुरिज्म) विकसित करने एवं गंगा किनारे अवस्थित पर्यटन स्थलों हेतु टूरिस्ट गाईड की व्यवस्था के लिए पर्यटन विभाग जल्द-से-जल्द प्रस्ताव उपलब्ध कराएगा। डीपीएम, जीविका द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि मनेर प्रखण्ड के 25 स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को चयनित करते हुए प्रशिक्षण दिया गया है एवं उनके द्वारा मिल्लेट से निर्मित लड्डुओं का निर्माण शुरू किया गया है। बख्तियारपुर प्रखण्ड के काला दियारा, हिदायतपुर एवं सैदपुर के 30 अन्य स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों का चयन कर उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 

जिलाधिकारी द्वारा जिला परियोजना पदाधिकारी, जिला गंगा समिति, पटना को सभी सम्बद्ध विभागों से समन्वय स्थापित करते हुए प्रतिमाह विस्तृत प्रगति प्रतिवेदन समर्पित करने का निदेश दिया गया। उप विकास आयुक्त, पटना को नियमित अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया।
 
आज की इस बैठक से पूर्व सूचना के वाबजूद कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य प्रमंडल पटना पूर्वी एवं पटना पश्चिमी तथा कार्यपालक अभियंता गंगा-सोन सुरक्षा नियंत्रण दीघा/बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, पटना अनुपस्थित थे। जिलाधिकारी द्वारा इस पर सख्त खेद व्यक्त करते हुए इन सभी अनुपस्थित पदाधिकारियों का आज का वेतन अगले आदेश तक अवरूद्ध करते हुए इनसे स्पष्टीकरण करने का निदेश दिया गया। 

आज की इस बैठक में जिलाधिकारी के साथ उप विकास आयुक्त, पटना श्री तनय सुल्तानिया, वन प्रमंडल पदाधिकारी, पटना वन प्रमंडल, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, जीविका, बुडको के पदाधिकारीगण, जिला परियोजना पदाधिकारी, जिला गंगा समिति, पटना श्री दीपेन्द्र मणी, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान से जिला सलाहकार श्री मनीष कुमार एवं नेहरू युवा केन्द्र के प्रतिनियुक्त नोडल पदाधिकारी उपस्थित थे।

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