क्षेत्रीय पदाधिकारी को निदेश दिया गया है कि भीषण गर्मी के मद्देनजर गर्मी के मौसम तक दोपहर में 1 घंटा के स्थान पर कम से कम 2 घंटा जलापूर्ति सुनिश्चित किया जाय,

क्षेत्रीय पदाधिकारी को निदेश दिया गया है कि भीषण गर्मी के मद्देनजर गर्मी के मौसम तक दोपहर में 1 घंटा के स्थान पर कम से कम 2 घंटा जलापूर्ति सुनिश्चित किया जाय,

 विभाग द्वारा पेयजलापूर्ति योजनाओं के संचालन एवं रख-रखाव के संबंध में निर्गत अनुदेश के अनुसार "हर घर नल का जल के तहत ग्रामीणों को सुबह में 3 घंटा, दोपहर में 1 घंटा एवं शाम में 2 घंटा जलापूर्ति उपलब्ध कराई जाती है। भीषण गर्मी के मद्देनजर दोपहर में ग्रामीणों को पेयजल एवं अन्य कार्यों हेतु अधिक जल की आवश्यकता होती है। उक्त के आलोक में सभी क्षेत्रीय पदाधिकारी को निदेश दिया गया है कि भीषण गर्मी के मद्देनजर गर्मी के मौसम तक दोपहर में 1 घंटा के स्थान पर कम से कम 2 घंटा जलापूर्ति सुनिश्चित किया जाय, ताकि ग्रामीणों को पेयजल का संकट न हो।


लोड शेडिंग के कारण जिन स्थानों पर विद्युत की अनुपलब्धता के कारण निर्धारित समय में जलापूर्ति नहीं हो पाती है, वहाँ विद्युत विभाग से व्यक्तिगत सम्पर्क कर जलापूर्ति अवधि में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने तथा ग्रामीणों को निर्धारित अवधि में निर्वाध जलापूर्ति उपलब्ध कराने हेतु निदेश दिये गये है। विद्युत अनुपलब्धता की स्थिति में विद्युत जब उपलब्ध हो तत्काल उसी समय जलापूर्ति सुनिश्चित किया जा रहा है।


भीषण गर्मी के मद्देनजर सभी नल जल योजनाओं का निर्वाध संचालन के साथ-साथ चापाकल की मरम्मति एवं अकार्यरत (Defunct) चापाकल के स्थान पर नये चापाकल का निर्माण में गति लाने हेतु भी सभी क्षेत्रीय पदाधिकारी को निदेश दी गई है, ताकि गर्मी के मौसम में आम लोगों को पेयजल की समस्या न हो। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 2595 अदद् चापाकलों के निर्माण के लक्ष्य के विरूद्ध 384 चापाकलों का निर्माण किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त आपदा मद में कुल 2010 अदद चापाकल का निर्माण कराया जायेगा।


राज्य में वर्तमान गर्मी के मौसम के मद्देनजर 15.03.2024 को जिला पदाधिकारियों से 529 अदद चलंत चापाकल मरम्मति दलों को फ्लैग ऑफ करा कर सभी पंचायतों में बंद चापाकलों को चिन्हित कर चालू कराने का कार्य किया जा रहा है। अब तक 55015 बंद चापाकलों को मरम्मति कर चालू कराया गया है।


राज्य में कुल 497 वाटर टैंकर लोक स्वास्थ्य प्रमंडलों में उपलब्ध है जिसमें से आवश्यकतानुसार 9 जिलों में 83 टैंकर के माध्यम से समस्याग्रस्त क्षेत्रों में ग्रामीणों को जलापूर्ति दी जा रही है। इसके अतिरिक्त राज्य में 15 अदद् वाटर ए०टी०एम० भी आवश्यकतानुसार जलापूर्ति हेतु उपलब्ध है।


विभागान्तर्गत केन्द्रीय शिकायत निवारण कोषांग (टॉल फ्री नं0-1800 123 1121) कार्यरत है, जिसमें सुबह 6:00 बजे पूर्वाहन से 8:00 बजे रात्रि तक राज्य के ग्रामीण / शहरी क्षेत्रों से पेयजल की समस्या के संबंध में ग्रामीणों द्वारा शिकायत दर्ज की जाती है, जिसे क्षेत्रीय पदाधिकारियों को भेजते हुए उनका त्वरित निराकरण कराया जाता है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक जिलों में भी पेयजल की समस्या के निराकरण हेतु नियंत्रण कक्ष कार्यरत है, जिसमें जिला स्तर पर प्राप्त शिकायतों का निराकरण किया जाता है।

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