*भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् की स्थापना के 75वें वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में हुआ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन*

*भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् की स्थापना के 75वें वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में हुआ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन*


*विदेशी छात्र एवं छात्राओं के द्वारा अपने देश के सांस्कृति को दिखाया गया*


पटना, 09 अप्रैल, 2023

भारत सरकार, विदेश मंत्रालय द्वारा स्थापित भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् की स्थापना के 75वें वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 09 अप्रैल, 2023 को बिहार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, आई.जी.एस.सी. तारामंडल, अदालतगंज, पटना में किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन इस समारोह में मुख्य अतिथियों के रूप में कला एवं लेखन के क्षेत्र श्रीमती ममता मेहरोत्रा, वरिष्ठ एवं ख्याति प्राप्त लेखिका नालंदा विश्वविद्यालय एवं दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (गया) केंद्रीय विश्वविद्यालय, पटना, बिहार के डीन तथा क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी और आई. सी. सी. आर. के क्षेत्रीय निदेशक श्रीमती ताविशी बहल पांडेय के कर कमलों द्वारा किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारम्भ बिहार में पढ़ रहे ICCR छात्रवृत्ति योजना के तहत विभिन्न देशों के विदेशी छात्र एवं छात्राओं के द्वारा अपने देश के सांस्कृति को दिखाया गया और श्री राजीव रंजन द्वारा कथ्थक नृत्य के साथ समापन किया गया। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् के 75वें "स्थापना दिवस" के उपलक्ष्य में बिहार में पढ़ रहे ICCR छात्रवृत्ति योजना के तहत विभिन्न देशों के विदेशी छात्र एवं छात्राओं को दिनांक 09 अप्रैल, 2024 को सुबह 10:30 से 02:00 बजे तक बिहार संग्रहालय एवं 02: 30 से 4:00 बजे तक तारामंडल का भ्रमण किया सम्पूर्ण कार्यक्रम का विवरण इस विज्ञप्ति के साथ संलग्न है । इस अवसर पर कार्यक्रम में आमंत्रित मुख्य अतिथियों को सम्मानित किया गया एवं कार्यक्रम में डॉ. राज कुमार नाहर, कार्यक्रम निदेशक, पटना दूरदर्शन, अंतर्यामी राय, वरीय अधीक्षक, आईसीसीआर, पटना एवं राहुल कुमार उपस्थित रहें।

भारतीय सांस्कृतिक सम्बंध परिषद् का विवरण

भारतीय सांस्कृतिक सम्बंध परिषद् (भा.सां.सं.प.) की स्थापना स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षामंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद द्वारा 9 अप्रैल, 1950 को की गई। परिषद् का उद्देश्य भारत के विदेशी सांस्कृतिक संबंधों से संबंधित नीतियां और कार्यक्रम तैयार करना और उनके कार्यान्वयन में भागीदारी करना; भारत और अन्य देशों के बीच सांस्कृतिक सम्बंधों और पारस्परिक समझ को बढ़ाना और मजबूत करना; अन्य देशों और लोगों के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना; संस्कृति के क्षेत्रों में राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय संगठनों से सम्बंध स्थापित करना और उन्हें विकसित करना; और ऐसे कदम उठाना है जो इन उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक हों। भा.सां.सं.प. का सम्बंध संस्कृतियों के सम्न्वय, अन्य देशों के साथ रचनात्मक संवाद से है। विश्व की संस्कृतियों के साथ इस पारस्परिक विचार-विमर्श को सुगम बनाने के लिए परिषद् देश में और विश्व के अन्य देशों के साथ भारत की संस्कृतियों की विविधता और समृद्धि को व्यक्त और प्रदर्शित करने का प्रयास करती है। परिषद् सांस्कृतिक कूटनीति में लगे रहने और भारत एवं अन्य सहभागी देशों के बीच बौद्धिक आदान-प्रदान को प्रायोजिक करने वाली पूर्व-प्रतिष्ठित संस्था होने पर स्वयं को गौरान्वित महसूस करती है । परिषद् का यह संकल्प है कि आने वाले वर्षों में भारत की महान सांस्कृतिक और शैक्षिक प्रफुल्लता के प्रतीक को बनाए रखे।

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