कला संस्कृति एवं युवा विभाग व स्वास्ति सेवा समिति की ओर से आयोजित सुजनी कला प्रदर्शनी के दूसरे दिन गीत-संगीत की प्रस्तुति हुई।

कला संस्कृति एवं युवा विभाग व स्वास्ति सेवा समिति की ओर से आयोजित सुजनी कला प्रदर्शनी के दूसरे दिन गीत-संगीत की प्रस्तुति हुई।


 कला संस्कृति एवं युवा विभाग व स्वास्ति सेवा समिति की ओर से आयोजित सुजनी कला प्रदर्शनी के दूसरे दिन गीत-संगीत की प्रस्तुति हुई। बिहार ललित कला अकादमी परिसर में आयोजित झीनी चदरिया कार्यक्रम के दौरान दिलीप शंकर व क्रिस्टन जैन ने सूफी गीतों को पेश कर सभी का मन मोहा।


 कलाकारों ने मैं तो खड़ी थी आस लगाए, मेहंदी, कजरा, मांग सजाए, देख सूरतिया अपने पिया की, हार गई मैं तन मन को.. पेश कर सभी को आनंदित किया। वहीं इसके बाद लोक कलाओं की परंपरा व पहचान पर बिहार विरासत विकास सोसाइटी के कार्यपालक निदेशक डा.विजय कुमार चौधरी, फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम, डा. जैनेन्द्र दोस्त अपने विचार रखे।


विजय कुमार चौधरी ने कहा कि प्रदेश की लोक शिल्प कलाओं को समृद्ध इतिहास रहा है। समय के साथ कला के स्वरूप में बदलाव आ रहा है।

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