![*“मन बावरा मोरा नहीं माने” और बोल “ मुरली अब न बजाओ श्याम“ जैसे गीतों से हुआ शुक्र गुलज़ार* *“मन बावरा मोरा नहीं माने” और बोल “ मुरली अब न बजाओ श्याम“ जैसे गीतों से हुआ शुक्र गुलज़ार*](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgCkpl_aNuVsbo0BD-mN0uZ7L9sXZvERYVjpkX8KIC3yq-q6yYZavQ-sTS2L46G82nom7_C3L8db7mKUh79Tf7PxBHSKZf_Ro7sqIiVClXHAVemwnd4aNrBn3Zrjg0RDB60L9Z1QIkiJGc9q0yNUnQTVSFLMptju63hCxq2LAr0XOovK50pRjVimN8jbeA/s320/IMG-20240209-WA0074.jpg)
*“मन बावरा मोरा नहीं माने” और बोल “ मुरली अब न बजाओ श्याम“ जैसे गीतों से हुआ शुक्र गुलज़ार*
पटना 9 फ़रवरी 2024
आज कला संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार सरकार तथा भारतीय नृत्य कला मंदिर के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रगुलजार कार्यक्रम का आयोजन भारतीय नृत्य कला मंदिर में किया गया । कार्यक्रम का उद्घाटन का उद्घाटन श्रीमती हरजोत कौर अपर मुख्य सचिव कला संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया।
कार्यक्रम शुक्रगुलजार की इस कड़ी में किराना घराने की प्रतिष्ठित कलाकार संगीत विदुषी डॉ अमृता द्वारा शास्त्री एवं उप शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति की गई। कार्यक्रम की शुरुआत राग मारू बिहाग में बड़ा ख्याल बंदिश “ हे राजदुलारी के गले सोहे” से की गई। इसके बाद राग मारू बिहाग में छोटा ख्याल “मन बावरा मोरा नहीं माने” ।
तत्पश्चात राग मिश्र खमाज ठुमरी बोल “ मुरली अब न बजाओ श्याम“ की प्रस्तुति दी गई। अपनी प्रस्तुति में डॉ अमृता ने राग मिश्रा पहाड़ी में दादरा “बोल बातों बातों में बीत गई रात” की प्रस्तुति भी की। अंत में कार्यक्रम का समापन “रेत पर लिखकर मेरा नाम मिटाया न करो” गज़ल गाकर किया।
इनके साथ हारमोनियम पर श्री विनोद कुमार पाठक एवं तबले पर श्री संजय पाठक ने संगत किया। इस अवसर पर कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की निदेशक श्रीमती रूबी, भारतीय नृत्य कला मंदिर की प्रशासी पदाधिकारी, सहित अन्य पदाधिकारी कलाकार और श्रोतागण कार्यक्रम में उपस्थित रहे। मंच संचालन श्रीमती सोमा चक्रवर्ती के द्वारा किया गया।
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