बुजुर्ग महिला का हाथ काटने से बचाया, तीन चरण में हुआ इलाज
पटना।
पटना के नगरनौसा की रहनेवाली 70 वर्षीय महिला शांति देवी(बदला हुआ नाम) का दाहिना हाथ ट्रक के चपेट में आने से पूरी तरह कुचला गया था। इतना की केहूनी से लेकर कलाई तक सिर्फ हड्डी ही दिख रहा था। मांस पूरी तरह लटक गया था। ऐसे में डॉक्टरों ने हाथ काटने की सलाह दी। लेकिन ऑर्थोपेडिक सर्जन और स्पोर्ट्स इंजरी विशेषज्ञ डा अश्विनी कुमार पंकज ने हाथ को कटने से बचा लिया।
तीन चरण में हाथ का इलाज हुआ। अब हाथ लगभग पहले की तरह काम कर रहा है। मरीज को फाइनल हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया। ऑपरेशन पटना के हनुमाननगर स्थित गोविंद हॉस्पिटल में किया गया।
इस संबंध में डा अश्विनी कहते हैं कि सच में इंजरी बेहद जटिल था। पहली बार में तो हाथ काटना ही एक इलाज समझ में आ रहा था। लेकिन प्रयास कर के हाथ को कटने से बचा लिया गया। पहले हाथ को साफ कर के उसके नर्व और मसल्स को जोड़ा। केहूनी से आर्म में फ्रेक्चर था। फ्रेक्चर में एक्सटर्नल फिक्सेटर लगाया। दूसरे चरण में 20 दिन बाद प्लास्टिक सर्जरी किया गया। जांघ के पास से स्किन लेकर हाथ पर लगाया गया। तीसरे चरण में टूटे हुए आर्म का फिक्सेटर हटा कर हड्डी को प्लेट से जोड़ दिया। इस तरह तीन चरण में इलाज हुआ। तब जाकर हाथ बच पाया। डा अश्विनी के मुताबिक हाथ में पहले की तरह मूवमेंट आ गया है। मरीज फाइनली हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
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